* डीपी सिंह चौहान: चीफः- एडीटर/संपादक/ 24×7 पोर्टलः- न्यूज:- चैनल:हि०दै०समाचार पत्रः ( यू०पी०) से:- जुड़ने के लिए सम्पर्क करें... मो09453557242/07398518888/वेबसाइट/www.khojjarihai.com
*Sahi me padhne layak*
*👉एक बार एक संत ने अपने दो*
भक्तों को बुलाया और कहा आप
को यहाँ से पचास कोस जाना है।
*👉एक भक्त को एक बोरी खाने के*
समान से भर कर दी और कहा जो
लायक मिले उसे देते जाना
*👉और एक को ख़ाली बोरी दी उससे*
कहा रास्ते मे जो उसे अच्छा मिले
उसे बोरी मे भर कर ले जाए।
*👉दोनो निकल पड़े जिसके कंधे पर*
समान था वो धीरे चल पा रहा था
*👉ख़ाली बोरी वाला भक्त आराम से*
जा रहा था
*👉थोड़ी दूर उसको एक सोने की ईंट*
मिली उसने उसे बोरी मे डाल
लिया
*👉थोड़ी दूर चला फिर ईंट मिली उसे*
भी उठा लिया
*👉जैसे जैसे चलता गया उसे सोना*
*मिलता गया और वो बोरी मे भरता*
हुआ चल रहा था
*👉और बोरी का वज़न। बड़ता गया,*
उसका चलना मुश्किल होता गया
*और साँस भी चढ़ने लग गई**
👉एक एक क़दम मुश्किल होता
गया ।
*👉दूसरा भक्त जैसे जैसे चलता गया*रास्ते मै जो भी मिलता उसको*
बोरी मे से खाने का कुछ समान देता गया धीरे धीरे बोरी का वज़न कम होता गया*!
👉और उसका चलना आसान होता गया।
*👉जो बाँटता गया उसका मंज़िल*
*तक पहुँचना आसान होता गया*
*👉जो ईकठा करता रहा वो रास्ते मे*
ही दम तोड़ गया !
*👉दिल से सोचना हमने जीवन मे*
क्या बाँटा और क्या इकट्ठा किया
हम मंज़िल तक कैसे पहुँच पाएँगे।
*👉जिन्दगी का कडवा सच...👈*
*👉आप को 60 साल की उम्र के बाद*
*कोई यह नहीं पूछेंगा कि आप का*
*बैंक बैलेन्स कितना है या आप के*
*पास कितनी गाड़ियाँ हैं....?*
👉दो ही प्रश्न पूछे जाएंगे ...👈
1-आप का स्वास्थ्य कैसा है.....?
और
2-आप के बच्चे क्या करते हैं....?
*आपको भी अच्छा लगे तो*
*ओरो को भी भेजें*
👉क्या पता किसी की कुछ सोच
बदल जाये।
👉प्यार बाटते रहो यही विनती है।
🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲
*👉एक बार एक संत ने अपने दो*
भक्तों को बुलाया और कहा आप
को यहाँ से पचास कोस जाना है।
*👉एक भक्त को एक बोरी खाने के*
समान से भर कर दी और कहा जो
लायक मिले उसे देते जाना
*👉और एक को ख़ाली बोरी दी उससे*
कहा रास्ते मे जो उसे अच्छा मिले
उसे बोरी मे भर कर ले जाए।
*👉दोनो निकल पड़े जिसके कंधे पर*
समान था वो धीरे चल पा रहा था
*👉ख़ाली बोरी वाला भक्त आराम से*
जा रहा था
*👉थोड़ी दूर उसको एक सोने की ईंट*
मिली उसने उसे बोरी मे डाल
लिया
*👉थोड़ी दूर चला फिर ईंट मिली उसे*
भी उठा लिया
*👉जैसे जैसे चलता गया उसे सोना*
*मिलता गया और वो बोरी मे भरता*
हुआ चल रहा था
*👉और बोरी का वज़न। बड़ता गया,*
उसका चलना मुश्किल होता गया
*और साँस भी चढ़ने लग गई**
👉एक एक क़दम मुश्किल होता
गया ।
*👉दूसरा भक्त जैसे जैसे चलता गया*रास्ते मै जो भी मिलता उसको*
बोरी मे से खाने का कुछ समान देता गया धीरे धीरे बोरी का वज़न कम होता गया*!
👉और उसका चलना आसान होता गया।
*👉जो बाँटता गया उसका मंज़िल*
*तक पहुँचना आसान होता गया*
*👉जो ईकठा करता रहा वो रास्ते मे*
ही दम तोड़ गया !
*👉दिल से सोचना हमने जीवन मे*
क्या बाँटा और क्या इकट्ठा किया
हम मंज़िल तक कैसे पहुँच पाएँगे।
*👉जिन्दगी का कडवा सच...👈*
*👉आप को 60 साल की उम्र के बाद*
*कोई यह नहीं पूछेंगा कि आप का*
*बैंक बैलेन्स कितना है या आप के*
*पास कितनी गाड़ियाँ हैं....?*
👉दो ही प्रश्न पूछे जाएंगे ...👈
1-आप का स्वास्थ्य कैसा है.....?
और
2-आप के बच्चे क्या करते हैं....?
*आपको भी अच्छा लगे तो*
*ओरो को भी भेजें*
👉क्या पता किसी की कुछ सोच
बदल जाये।
👉प्यार बाटते रहो यही विनती है।
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