विभागीयः- मिलीभगत के चलते दिनदहाड़े चल रहे हरे भरे पेड़ो पर आरा।
हरदोई:- विभागीयः- मिलीभगत के चलते दिनदहाड़े चल रहे हरे भरे पेड़ो पर आरा।
कछौना (हरदोई) - प्रदेश के पर्यावरण को सुरक्षित ओर प्रदूषण मुक्त रखने के उद्देश्य से सरकार जहाँ एक ओर वृहद वृक्षारोपण पर लाखों रुपए खर्च कर देश में हरितक्रांति लाने के लिए प्रयासरत होने के दावे कर रही है। वहीं दूसरी ओर पुलिस और विभागीय अधिकारियों से मजबूत गठजोड़ के चलते वन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और वह बेखौफ होकर दिनदहाड़े प्रतिबंधित हरे पेड़ों पर आरा चला रहे हैं । जिससे सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है और सरकारी दावों की पोल खुल रही है । ताजा मामला वन रेंज कछौना के अंतर्गत ग्राम गाजू से प्रकाश में आया है, जहाँ गाँव के बाहर स्थित श्रीमती रामकुमारी पत्नी छोटेलाल मौर्य निवासी ग्रामसभा गाजू के बाग में खड़े 13 हरे आम के पेड़ों को विभागीय अधिकारियों ने बिना निरीक्षण के फलहीन व पुराना दिखाकर उनके कटान का गलत तरीके से परमिट जारी कर दिया।
बृहस्पतिवार को ठेकेदार सोनपाल सिंह द्वारा हरे आम के पेड़ों पर आरा चलता देख जागरूक ग्रामीणों ने आपत्ति जताते हुए विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया,इसके बावजूद भी प्रतिबंधित हरे आम के पेड़ों पर हरियाली के दुश्मनों का आरा बदस्तूर जारी रहा। प्रतिबंधित पेड़ों के कटान के संबंध में ग्रामीणों द्वारा जानकारी देने के बावजूद विभागीय अधिकारियों के द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही ना की जाने से एक बात साफ स्पष्ट होती है कि वन माफियाओं को विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों का संरक्षण प्राप्त है ।सूत्रों के अनुसार वन माफियाओं के द्वारा प्रतिबंधित पेडों के काटने के एवज में पुलिस व वन विभाग के अधिकारियों को मोटी रकम देनी पड़ती हैं। जिस कारण क्षेत्र में खुले आम हरियाली का कत्ल किया जाता है। और तो और अधिकारी मूक दर्शक बनकर तमाशबीन का किरदार निभाते रहते हैं। लकड़कट्टा लकड़ी ठेकेदारों द्वारा रातों रात दिन प्रतिदिन प्रतिबंधित हरे पेड़ों को क्षेत्र में कही न कही काटा जात है। शिकायत के बाद वन विभाग के अधिकारियों द्वारा नाम मात्र के लिए जुर्माने की रसीद थमाकर कर्तव्यों से इतिश्री कर ली जाती है।
हरदोई: से ब्यूरो: आलोक सिंह के साथ/ उदयवीर सिंह की: रिपोर्ट।
कछौना (हरदोई) - प्रदेश के पर्यावरण को सुरक्षित ओर प्रदूषण मुक्त रखने के उद्देश्य से सरकार जहाँ एक ओर वृहद वृक्षारोपण पर लाखों रुपए खर्च कर देश में हरितक्रांति लाने के लिए प्रयासरत होने के दावे कर रही है। वहीं दूसरी ओर पुलिस और विभागीय अधिकारियों से मजबूत गठजोड़ के चलते वन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और वह बेखौफ होकर दिनदहाड़े प्रतिबंधित हरे पेड़ों पर आरा चला रहे हैं । जिससे सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है और सरकारी दावों की पोल खुल रही है । ताजा मामला वन रेंज कछौना के अंतर्गत ग्राम गाजू से प्रकाश में आया है, जहाँ गाँव के बाहर स्थित श्रीमती रामकुमारी पत्नी छोटेलाल मौर्य निवासी ग्रामसभा गाजू के बाग में खड़े 13 हरे आम के पेड़ों को विभागीय अधिकारियों ने बिना निरीक्षण के फलहीन व पुराना दिखाकर उनके कटान का गलत तरीके से परमिट जारी कर दिया।
बृहस्पतिवार को ठेकेदार सोनपाल सिंह द्वारा हरे आम के पेड़ों पर आरा चलता देख जागरूक ग्रामीणों ने आपत्ति जताते हुए विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया,इसके बावजूद भी प्रतिबंधित हरे आम के पेड़ों पर हरियाली के दुश्मनों का आरा बदस्तूर जारी रहा। प्रतिबंधित पेड़ों के कटान के संबंध में ग्रामीणों द्वारा जानकारी देने के बावजूद विभागीय अधिकारियों के द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही ना की जाने से एक बात साफ स्पष्ट होती है कि वन माफियाओं को विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों का संरक्षण प्राप्त है ।सूत्रों के अनुसार वन माफियाओं के द्वारा प्रतिबंधित पेडों के काटने के एवज में पुलिस व वन विभाग के अधिकारियों को मोटी रकम देनी पड़ती हैं। जिस कारण क्षेत्र में खुले आम हरियाली का कत्ल किया जाता है। और तो और अधिकारी मूक दर्शक बनकर तमाशबीन का किरदार निभाते रहते हैं। लकड़कट्टा लकड़ी ठेकेदारों द्वारा रातों रात दिन प्रतिदिन प्रतिबंधित हरे पेड़ों को क्षेत्र में कही न कही काटा जात है। शिकायत के बाद वन विभाग के अधिकारियों द्वारा नाम मात्र के लिए जुर्माने की रसीद थमाकर कर्तव्यों से इतिश्री कर ली जाती है।
हरदोई: से ब्यूरो: आलोक सिंह के साथ/ उदयवीर सिंह की: रिपोर्ट।


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