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फर्रूखाबाद:- पांचाल घाट पर गंदगी का ढेर प्रशासन ने सफाई के नाम से मुँह रखा क्यों फेर।

फर्रूखाबाद:- पांचाल घाट पर गंदगी का ढेर प्रशासन ने सफाई के नाम से मुँह रखा क्यों फेर।
केन्द्र व प्रदेश सरकार गाँधी जयंती पर क्लीन इण्डिया का सपना देख रही है। प्रदेश सरकार ने सभी जिलों के अधिकारियों को स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने का फरमान जारी किया है। पर हकीकत कुछ और ही है। पांचालघाट पर लगे कूड़े के ढेर बता रहे हैं कि प्रशासन अभी गम्भीर नहीं है। कूड़े के ढेर और उनसे निकलती बदबू देख गाँधी जी की आत्मा रुदन कर रही होगी।
प्रशासन कितने भी वायदे कर ले, लेकिन कहीं न कहीं पोल खुल ही जाती है। पांचाल घाट पर पुल के इस कोने से लेकर उस कोने तक एक नहीं कई जगह कूड़े के ढेर व कीचड़, बहता पानी देखने को मिल रहा है, जबकि प्रशासन का कहना है कि पांचाल घाट पर साफ-सफाई के लिए विशेष तौर पर सफाईकर्मियों को लगाया गया है। जिससे कि पांचाल घाट पर गंदगी न रहे, लेकिन उसके बावजूद बीते एक माह से अभी तक कोई सफाईकर्मी कूड़े के ढेरों को उठाने नहीं गया। यही नहीं एक हैंडपंप पिछले कई माह से खराब पड़ा हुआ है। दुकानदारों ने बताया कि ग्राम पंचायत सोता बहादुरपुर के ग्राम विकास अधिकारी सुधीर कुमार श्रीवास्तव को कई बार अवगत कराया गया कि पीने के पानी की काफी दिक्कत हो रही है, लेकिन उसके बावजूद हैंडपंप ठीक नहीं कराया गया। दुकानदार ने बताया कि सावन के महीने में तो सफाई रविवार के रविवार होती दिखायी दी, लेकिन उसके बाद कोई नहीं आया। जबकि एक बार मुख्य विकास अधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने भी निरीक्षण किया था और साफ-सफाई के निर्देश दिये थे, लेकिन उसके बावजूद सफाई नहीं हुई। व्यापारी रवेंद्र पाल, नैपाल, जयराम, गोविंद, नागपाल, ऊधन, राजू शाक्य आदि दुकानदारों ने बताया कि कई बार प्रधान को भी बताया, लेकिन कूड़े के ढेर नहीं उठवाये गये।
बताते चलें कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर को साफ-सुथरा बनाने के लिए पानी की  तरह पैसा बहाया जा रहा है, लेकिन उसके बावजूद जनपद का मुख्य स्थान पांचाल घाट जहां पर पतित पानी मां भागीरथी बहती हैं, गंदगी से जूझ रहा है।

खोज जारी है. से ब्यूरो: सुनील शुक्ला की: रिपोर्ट:

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