#बीत गए जो साल :- #सुल्तानपुर:- युवा रचनाकार रूद्र त्रिपाठी की नवीन कृति#
#बीत गए जो साल :-
#सुल्तानपुर:- युवा रचनाकार रूद्र त्रिपाठी की नवीन कृति#
#बीत गए जो साल सत्तावन,
थे अनमोल क्षण जीवन के।
खो दिए है कुछ बिना समझे,
वो याद आएं दिन बचपन के#
#साथी संगी सब साथ खेलते,
दिन भूले नहीं है, संगठन के।
बाप कमाता, हम फिरे घूमते,
भूले नहीं दिन रहन-सहन के#
#छोड़ पढ़ाई निकल पड़े कमाने,
दो पैसे खुद को इकट्ठे करने थे।
कर्म विधाता, जो लिखे लेख में,
वो सब खाली पन्ने ही भरने थे#
#सांसारिक सुखों में पड़कर जब,
सब अपना पराया ही भूल गए।
दो पाटन सी इस जिंदगी में देखें,
कितनी बार अधर में झूल गए#
#हर बार वक्त कुछ लेता करवट,
कुछ नये सबक ही सिखाने को।
जो देखा ना हो ज़िन्दगी में हम,
सबकुछ ज़िन्दगी में दिखाने को#
#ठोकर खाकर हर बार संभलते,
हम ढ़ंग बदलते रहते चलने के।
अब जो भी आएं “हंसमुख” दिन
वो दिन होगे सुख-दुख सहने के#
लेखक : रुद्र त्रिपाठी डायरेक्टर : रूद्र कोचिंग क्लासेज, प्रबंधक : सेंट बीन स्कूल, मीडिया प्रभारी : धार्मिक सेवा समिति महमदपुर उनुरखा कादीपुर, जनपद सुल्तानपुर - मोबाइल नंबर +919453789608
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