#मुंबई:- बीयर बार मालिकों का दर्द कब समझेगी सरकार#
#मुंबई:- बीयर बार मालिकों का दर्द कब समझेगी सरकार#
मुंबई ( सं. भा.) : माया नगरी मुंबई, देश की अर्थिक राजधानी के तौर पर जाना जाता है। मुंबई को देश की अर्थिक राजधानी बनाने में अन्य उद्योगों के साथ ही होटल ऐंड रेस्टोरेंट तथा बीयर बार का भी योगदान बड़े पैमाने पर है। कोरोना के प्रादुर्भाव के बाद से सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले गाइडलाइन का सबसे ज्यादा असर बीयर बार मालिकों को हुआ है। मालिकों का कहना है कि बीयर बार या डांस बार चलाने वाले साल में अपने अलग अलग लाइसेंसों का नवीनीकरण करवाना के लिए लाखों रुपए सरकार की तिजोरी में भरते हैं। इस कोरोना काल में सबसे ज्यादा नुकसान भी बीयर बार मालिकों को ही उठाना पड़ा है जो अब भी जारी है#
#मुंबई : मालाड पश्चिम के एक बीयर बार मालिक तो अपना दुखड़ा सुनाते हुए रुआंसा हो गया। उसके अनुसार एक्साइज (शराब बेचने) का लाइसेंस को नवीनीकरण कराने के लिए बीयर बार मालिक को साल में लगभग 8 लाख रुपए खर्च करना पड़ता है। उसी प्रकार बीएमसी के विभिन्न लाइसेंसों के लिए 1लाख रुपए, स्टेज और और्केस्ट्रा के लिए करीब 6 लाख रुपए तो लगभग एक बीयर बार से 5 लाख रुपया सरकार सालाना जीएसटी वसूलती है। इस प्रकार देखा जाए तो बीयर या डांस बार मालिक से सालाना 20 लाख रुपए के करीब सरकार विभिन्न मद में वसूलती है। मालिकों का कहना है कि कोरोना काल में उन्हें सरकार द्वारा बीयर बार शुरु करने का आदेश दिए जाने के बाद उन्हें लाइसेंस नवीनीकरण फीस में कोई छूट नही दी गई। वर्तमान में भी रात 10 बजे तक बीयर बार खुला रखने की अनुमति मिली है पर ग्राहकों का अभाव है। ऐसे में बीयर बार मालिकों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है#
मुंबई. "प्रभारी/ रिपोर्टर- शिल्पा सोनी खोज जारी है.24×7 न्यूज चैनल/ हिन्दी दैनिक समाचार पत्र की खास रिपोर्ट...
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