#हरदोई:- फसल अवशेष प्रबन्धन के तहत जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन#
#हरदोई:- फसल अवशेष प्रबन्धन के तहत जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन#
#हरदोई: सोमवार को विकास खण्ड बावन में फसल अवशेष प्रबन्धन परियोजना के अन्तर्गत चयनित ग्रामों-रामपुर जटौली, एजा, बैंजना व गंगोली के कृषकों के बीच विकास खण्ड स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ए०डी०ओ० पंचायत डा० प्रदीप कुमार ने कहा कि आज फसल अवशेष प्रबन्धन अति आवश्यक हो गया है, गिरते हुए मृदा स्वास्थ्य को सुधारने के लिए फसल अवशेषों को भूमि में दबाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जीवाश पदार्थों तथा गोबर की खाद को बुवाई से पूर्व भूमि में अवश्य मिलायें, इससे जीवांश कार्बन प्रतिशत बढ़ेगा व फसल अच्छी होगी। कृषि विज्ञान केन्द्र प्रभारी डा० अवधेश कुमार तिवारी ने कहा कि फसल अवशेषों को भूमि में मिलाने से मृदा स्वास्थ्य तो सुधरता ही है, साथ ही मिट्टी की जलधारण क्षमता भी बढ़ती है। फसल अवशेषों को मिलाने से भूमि में वायु संचार होता है तथा नमी संरक्षित रहती है।वैज्ञानिक मुकेश सिंह ने कहा कि फसल अवशेषों को जलाने से हानिकारक गैसे जैसे कार्बनडाई आक्साइड, कार्बनमोनोआक्साइड तथा सल्फरडाईआक्साइड का उत्सर्जन होता है तथा यह गैसें वातावरण को प्रदूषित कर अनेकों बीमारियों को जन्म देती है। केन्द्र की गृह वैज्ञानिक डा० प्रिया वशिष्ठ ने फसल अवशेषों के साथ- साथ रसोई अवशेषों को भूमि में मिलाकर मृदा स्वास्थ्य बढ़ाने की सलाह दी। केन्द्र के वैज्ञानिक डा० सी०पी०एन० गौतम ने कहा कि फसल अवशेषों को जलाने से अनेकों लाभकारी जीवाणु यथा केंचुआ, प्रोटोजोआ, सूक्ष्म जीवाणु आदि नष्ट हो जाते हैं, जिससे पैदावार तो गिरती ही है साथ ही मृदा संरचना भी बिगड़ती है। इस अवसर पर बड़ी संख्या मे कृषक उपस्थित रहे। केन्द्र के वैज्ञानिक मुकेश सिंह ने सभी आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त किया#

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