#रायबरेली:- ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में प्रतिभाग के लिए औद्योगिक संगठन, उद्यमी, निर्यातक अधिक संख्या प्रस्तुत करें प्रस्ताव#
#रायबरेली:- ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में प्रतिभाग के लिए औद्योगिक संगठन, उद्यमी, निर्यातक अधिक संख्या प्रस्तुत करें प्रस्ताव#
#रायबरेली: जिलाधिकारी श्रीमती माला श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा माह-फरवरी, 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन लखनऊ में किया जाना प्रस्तावित है जिसके लिए जनपद रायबरेली में एमएसएमई हेतु कुल 750 करोड़ पूँजी विनियोजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें जनपद के समस्त औद्यौगिक उद्यमियों, निर्यातकों एवं भावी उद्यमियों को अधिक से अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नवीन एम0 एस0 एम0 ई0 नीति, 2022 घोषित की गयी है। एम0 एस0 एम0 ई0 2017 के सापेक्ष इसमें अनेक आकर्षण बिंदु रखे गये हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि एक जनपद स्तरीय ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन इसी सप्ताह किया जाना प्रस्तावित है जिसमें जनपद के औद्योगिक संगठनों, उद्यमियों, निर्यातकों एवं भावी उद्यमियों का आह्वान किया जाता है कि वह अधिक से अधिक संख्या में उक्त समिट में प्रतिभाग करते हुए निवेश का प्रस्ताव जिला उद्योग केन्द्र में प्रस्तुत करें, जिससे जनपद स्तरीय समिट का सफलतापूर्वक आयोजन किया जाना संभव हो सके। उपायुक्त उद्योग नेहा सिंह ने बताया कि नई नीति में रोजगार सृजन में 15 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि प्रस्तावित है। उद्योग स्थापना के लिए भूमि क्रय किये जाने पर 75 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी एवं नई इकाई को 10 वर्ष तक इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की छूट यथावत रहेगी तथा महिलाओं को 100 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी छूट दी जायेगी। किसी भी एम0एस0एम0ई0 इकाई को नीति के अन्तर्गत दिये जाने वाले कुल वित्तीय लाभों में से एक वर्ष में अदा किये जाने वाले जी0 एस0 टी0 की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है अर्थात नेट जी0 एस0 टी0 से डी-लिंक कर दिया गया है। अब एम0 एस0 एम0 ई0 इकाई को प्रदत्त लाभ इकाई द्वारा वर्ष में दिये गये कुल स्टेट जी0 एस0 टी0 से अधिक भी हो सकते हैं। इसी प्रकार प्रथम बार पूंजी उपादान सहायता की व्यवस्था की गयी है। कुल स्थायी पूंजीनिवेश पर अधिकतम 04 करोड़ रूपये का प्रोत्साहन दिया जायेगा। सूक्ष्म श्रेणी की इकाइयों को पाँच वर्ष तक अधिकतम 25 लाख तक का ब्याज उपादान देय होगा। अनुसूचित जाति/जनजाति महिलाओं को देय ब्याज की सीमा 07 प्रतिशत तक होगी। ऊर्जा एवं जल संरक्षण, भवनों की ग्रीन रेटिंग तथा पर्यावरण प्रबन्धन प्रयोगशाला के लिए भी अनुदान देय होगा। उक्त सभी लाभ नई इकाई की स्थापना के साथ-साथ इकाइयों के विस्तारीकरण तथा विविधीकरण पर लागू होगा#
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