#लखनऊ: अमौसी तिराहे पर तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मी अनुशासित क्यों नहीं, अमौसी एयरपोर्ट तिराहे पर आखिर क्यों राेंक लिए जाते हैं गैरजनपदीय वाहन? सभी प्रपत्र पूर्ण बाद भी सिस्टम का खेल#
#लखनऊ: अमौसी तिराहे पर तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मी अनुशासित क्यों नहीं, अमौसी एयरपोर्ट तिराहे पर आखिर क्यों राेंक लिए जाते हैं गैरजनपदीय वाहन? सभी प्रपत्र पूर्ण बाद भी सिस्टम का खेल#
रिपोर्टर: एसके सोनी- #लखनऊ: अमौसी एयरपोर्ट तिराहे पर यह कैसा सिस्टम का खेल है कि यातायात कर्मी गैर जनपद ही वाहनों को देखते ही उन्हें रोक लिया जाता है, ऐसा क्यों! फिर सभी प्रपत्र पूर्ण बाद भी सिस्टम का खेल चलाया जाता है। इसी बीच भारी जुर्माने का खौफ दिखाकर ट्रैफिक पुलिस चालान काट रही थी, पहले तो लेनदेन का प्रयास किया फिर वाहन चालक द्वारा परिचय बताने पर उसे ट्रैफिक पुलिस धमकाने लगी फिर वीडियो बनाकर वायरल कर देने की भी धमकी दे डाली। जी हां यह पूरा मामला राजधानी के अमौसी एयरपोर्ट तिराहे का है, एयरपोर्ट से निकलकर शहर की ओर जा रहे एक वाहन को तिराहे पर खड़े ट्रैफिक पुलिस कर्मी द्वारा रोक लिया जाता है, जबकि वाहन में HSRP प्लेट लगी थी, लाइसेंस भी साथ में था, चालक सहित अन्य ने सीट बेल्ट भी लगा रखी थी, वाहन के सारे कागजात पूरे थे। जब ट्रैफिक सिपाही को वाहन में कोई कमी न दिखी तो वाहन के कार की पिछले शीशे पर लगी एक हल्की पारदर्शी काली फिल्म को लेकर सिपाही ने चालान या नगद हर्जाना देने की बात कही, तब वाहन चला रहे व्यक्ति ने पास में बैठे ट्रैफिक इंस्पेक्टर से कार में लगी फिल्म को निकाल देने की बात कही तभी वहीं बैठे एक ट्रैफिक हवलदार ने बदसलूकी करना शुरू कर दिया। जब वाहन चला रहे व्यक्ति ने पत्रकार के रूप में अपना परिचय देना चाहा और यहां तक कहा कि आप चालान कर दीजिए हम बाद में जमा कर देंगे, नगद नहीं है तो वहां बैठा ट्रैफिक हवलदार भड़क गया और यातायात नियमों का उल्लंघन करने के मामले में पत्रकार का वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी तक दे डाली और दुर्व्यवहार पूर्ण बातें भी की। उल्लेखनीय है कि इसी अमौसी तिराहे की यातायात व्यवस्था को लेकर कई बार ट्वीट भी किया गया है और खबरें भी प्रकाशित हुई हैं। यदि उच्चाधिकारी एयरपोर्ट तिराहे की यातायात व्यवस्था को परखें और जांच करें तो यहां धनउगाही के मामले भी उभर कर सामने आएंगे। अब ऐसे में ट्रैफिक पुलिस को यदि चालान काटना ही है तो बहस क्यों करती है, यदि स्वयं से ही वह व्यक्ति का परिचय जानना चाहती है तो फिर आखिर भड़क क्यों उठी.? इस दौरान पत्रकार ने यह भी कहा कि उसने अपना परिचय यातायात पुलिसकर्मियों को केवल उनकी दुर्व्यवहार पूर्ण बातों को सुन कर दिया था ना कि यातायात नियमों के उल्लंघन के चालान से बचने के लिए। फिर भी अमौसी एयरपोर्ट तिराहे पर मौजूद ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने मानसिक उत्पीड़न किया#
#आपको बता दें कि राजधानी लखनऊ के कानपुर रोड पर अमौसी एयरपोर्ट के आसपास यातायात व्यवस्थित हो या न हो लेकिन ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहनों को रोंककर प्रपत्र जांचने के बहाने वाहन में कमी जरूर ढूंढी जाती है, जिससे कि लेन देन का प्रस्ताव खुद ही आने लगे और वाहन चालक जुर्माने के खौफ से भी बच सकें#
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