#हरदोई:- शाहाबाद- दवा नहीं मौत बांट रहे गावों में बैठे झोलाछाप डॉक्टर#
#हरदोई:- शाहाबाद- दवा नहीं मौत बांट रहे गावों में बैठे झोलाछाप डॉक्टर#
#हरदोई: शाहाबाद- नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में फैले झोलाछाप डाक्टर दवा नहीं मौत बांट रहे हैं। इसकी हकीकत इनकी कुछ कारस्तानियों से जानी जा सकती है जो यहां आए दिन घट रही हैं।क्षेत्र के पसिगवां गाँव में एक कमरे में बैठे दो झोलाछाप शिवम सक्सेना और हेमसिंह ने एक मरीज को ग्लूकोज चढ़ाने की असफल कोशिश की।कई बार हांथों में ड्रिप लगाने के बाबजूद नस नही ढूंढ़ पाया। इसके बाद मरीज को दवा देकर चलता कर दिया। बहीं खुजकीपुर गाँव में कच्ची झोपडी को आशीष कुमार नामक झोलाछाप ने क्लिनिक ही बना डाला। न बैठने की कोई व्यवस्था न सुविधाएँ लेकिन झोलाछाप किसी डिग्रीधारी डॉक्टर से कम नही है। इसके साथ ही टोडरपुर क्षेत्र के चठिया गाँव में बैठा झोलाछाप मुईन खान के कारनामें हैरतअंगेज देखने को मिले। मुईन खान नामक झोलाछाप खुद को रजिस्टर्ड डॉक्टर बताकर भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसा कर उनकी जान को ही जोखिम में डाल देता है, ऐसा ही गुरुवार को देखने को मिला जब झोलाछाप डॉक्टर मुईन खान ने बिना एक्सरे के एक महिला के टूटे हाँथ को खींचतान कर कच्चा प्लास्टर कर डाला। महिला दर्द से चिल्लाती रही लेकिन झोलाछाप मुईन खान खुद को हड्डी रोग विशेषज्ञ समझकर महिला का हाँथ खींचतान कर कच्चा प्लास्टर डालता रहा। यह कोई एक दो नही शाहाबाद व टोडरपुर में अनगिनत मामले आते रहते हैं यहाँ तक इन जैसे झोलाछापों की बजह से मरीजों की जान तक चली जाती है लेकिन जिम्मेदार कार्यवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते नजर आते हैं। मरीजों पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है। इन चिकित्सकों का गोरखधंधा इतना जबरदस्त है कि दोयम दर्जे की दवाओं के प्रतिनिधि इनके यहां लाइन लगाए रहते हैं। वहीं इनके यहां मिलने वाली दवाएं कहीं नहीं मिलतीं। फलत: मरीज को ये दवाएं भी यहीं लेनी पड़ती हैं।फिर भी सब कुछ जानते हुए विभाग बेखबर बना हुआ है#
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