#हरदोई:- से शुरू हो रहा पुरुष नसबंदी पखवाड़ा#
#हरदोई:- से शुरू हो रहा पुरुष नसबंदी पखवाड़ा#
#हरदोई: हर साल की भांति इस साल भी 21 नवम्बर से चार दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन होगा | इस सम्बन्ध में डा. पिंकी जोवेल, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा इस दिशा निर्देश जारी किए गए हैं#
#मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रोहताश कुमार ने बताया कि हर साल पखवाड़ा किसी न किसी थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल की थीम है ‘आज ही शुरुआत करें, पति-पत्नी मिलकर परिवार नियोजन की बात करें।’ इस पखवाड़ा को मनाने का उद्देश्य पुरुषों को परिवार नियोजन के स्थायी साधन के बारे में जागरूक करते हुए इसे अपनाने के लिए प्रेरित करना। परिवार नियोजन की जिम्मेदारी महिलाओं ने ही ले रखी है जबकि परिवार में पति और पत्नी दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। इसलिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता इस बारे में पति और पत्नी दोनों से ही बात कर पुरुष नसबंदी के लाभों को बताने के साथ ही इसे अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे#
#परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस पखवाड़ा का आयोजन दो चरणों में किया जाएगा । पहला मोबिलाईजेशन चरण 21 से 27 नवंबर तक चलेगा, जिसमें जागरूकता अभियान और पुरुषों को नसबंदी के प्रति प्रोत्साहित करने की गतिविधियाँ आयोजित होंगी#
#जिसके बाद 28 नवंबर से चार दिसंबर तक सेवा प्रदायगी चरण चलेगा, इस दौरान स्वास्थ्य इकाइयों पर नियत सेवा दिवस के माध्यम से एनएसवी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। जिसमें कोई भी इच्छुक पुरुष लाभार्थी आकर निःशुल्क एनएसवी अपना सकता है#
#साल 2023-24 में 28 पुरुषों ने इसको अपनाया है#
#उन्होंने कहा कि पुरुष नसबंदी बिना चीरा टांका वाली एक आसान प्रक्रिया है जिसमें शुक्राणुनालिका बंद कर दी जाती है जिससे शुक्राणु वीर्य में नहीं मिल पाते और महिला को गर्भ नहीं ठहरता। यह पूरी तरह से सुरक्षित है और महिला नसबंदी की अपेक्षा ज्यादा सरल है। नसबंदी वह सभी पुरुष करवा सकते हैं जो 60 वर्ष से कम आयु के हैं और जिनका कम से कम एक साल का बच्चा हो, बच्चा लड़का या लड़की कोई भी हो सकता है तथा जिनका परिवार पूरा हो गया हो#
#पुरुष नसबंदी में केवल पुरुष की शुक्रवाहिनी नलिका को काट कर बांध दिया जाता है, निकाला नहीं जाता है। यह विधि पुरुषों की यौन क्षमताओं को प्रभावित नहीं करती है। व्यक्ति वैवाहिक सुख का पूरा आनंद लेता है। नसबंदी से पुरुषों में कोई कमजोरी नहीं आती है। यह तीन माह बाद ही प्रभावशाली होती है उससे पहले नहीं क्योंकि शुक्रवाहिनी नलिका में पहले से मौजूद शुक्राणु को वीर्य के साथ बाहर आने में कम से कम तीन माह का समय लगता है#
#लोगों में यह भ्रांति है कि पुरुष नसबंदी केवल जाड़े में करवानी चाहिए, किसी और मौसम में करवाने से संक्रामण का खतरा रहता है जबकि ऐसा नहीं है। नसबंदी किसी भी मौसम में करवा सकते हैं। इसका मौसम से कोई संबंध नहीं होता है#
No comments