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#हरदोई:- जीवन में सर्वोपरि है शांति- प्रेम रावत#


#हरदोई:- जीवन में सर्वोपरि है शांति- प्रेम रावत#

#हरदोई: मानवता और शांति संदेश वीडियो डे नाइट स्क्रीन के माध्यम से हरदोई के कस्बा करावां में आयोजित नौ दिवसीय शांति संदेश शिविर में विश्व शांति दूत एवं विश्व शांति शिक्षा कार्यक्रम के संस्थापक प्रेम रावत जी ने कहा मैं ऐसी स्वतंत्रता की बात कर रहा हूं, जिसे जेल में रह करके भी लोग उसका अनुभव कर सकते हैं। मैं ऐसी शांति की बात कर रहा हूं लड़ाई के मैदान में भी खड़े होकर जिसका लोगों ने अनुभव किया है। कई ऐसे लोग थे अफगानिस्तान, ईराक में उधर लड़ाई हो रही है. इन लड़ाइयों में ऐसे भी सैनिक थे, जिनको हमारा ज्ञान था, ऐसे भी जगह जगह जेल हैं, जहां लोगों को ज्ञान है, वे सभी इस ज्ञान के द्वारा अपने अंदर शांति का अनुभव करते हैं। मेरे खाली शब्द नहीं हैं। खोजिए, ढूंढिए। मैं नहीं कहता कि मेरे पास आइये। पहले ढूंढिए जहां मिले वहीं अच्छा है। क्योंकि बात है शांति की। आपके जीवन के अंदर शांति होनी चाहिए। यह सबसे बड़ी बात है#

#जिस दिन आपके जीवन के अंदर शांति हो जायेगी और आप अपने जीवन के अंदर शांति का अनुभव करेंगे, उस दिन आपके जीवन में हरियाली अपने आप आ जायेगी। हरियाली का मतलब यह नहीं होता है कि दो मंजिला घर हो। हरियाली का मतलब यह नहीं होता है कि आपकी नौकरी बढ़े। हरियाली का मतलब होता है कि उस ज्ञान के छोटे-छोटे पौधे, समझ के छोटे-छोटे पौधे आपके जीवन रूपी खेत में हरे-भरे हो करके उस ज्ञान की हवा में नाचें और आप देखें। जैसे किसान के हृदय में तसल्ली होती है, उसी प्रकार आप भी अपने हृदय में उस तसल्ली का अनुभव कर सकें। ढूंढिए, जहां मिले वहीं बढ़िया है। अगर नहीं मिले तो हमारे पास आइए। हमारे पास है वह चीज। वही हम देते हैं। वहीं ऐसा दर्पण है, जिसमें आप अपने आपको देख सकते हैं। अपने आपका अनुभव कर सकते हैं। हम बात कह रहे हैं अनुभव करने की#

#इस अवसर पर आर्येन्द्र कुशवाहा, करुणा शंकर मिश्रा, विजय कुमार गुप्ता, जयप्रकाश गुप्ता,मोहित गुप्ता, धीरज गुप्ता, बाबूराम कुशवाहा, राममुरारी, सकुन्तला गुप्ता, मनोज कुमार गुप्ता,मुनेश्वर दयाल मिश्रा, मदनपाल सिंह,स्वामी दयाल कुशवाहा, सेवक राम, रामसागर बाजपेयी, लज्जावती, सचिन स्वर्णकार, जगपाल कुशवाहा, कविता कुशवाहा, नागेश्वर शर्मा, धीर सिंह कुशवाहा, अवधेश कुमार राजपूत#

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