#उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री, परम पूज्य श्री योगी आदित्यनाथ महाराज जी को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई एवं पर्यावरण दिवस की समस्त भारत वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं# #डीपी सिंह चौहान "राष्ट्रीय अध्यक्ष" अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार न्याय सुरक्षा परिषद#
#उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री, परम पूज्य श्री योगी आदित्यनाथ महाराज जी को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई एवं पर्यावरण दिवस की समस्त भारत वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं#
#डीपी सिंह चौहान "राष्ट्रीय अध्यक्ष" अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार न्याय सुरक्षा परिषद#
#05 जून, विश्व पर्यावरण पर विशेष- पर्यावरण नहीं बचा तो जीवन कहां बचेगा#
#पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है, लेकिन अब समय आ गया है जब इसे एक रस्म की तरह नहीं, बल्कि जीवन के संकट से जुड़ी चेतावनी की तरह देखा जाए। आज जब पृथ्वी पर प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता का ह्रास और जल संकट जैसे गंभीर संकट मंडरा रहे हैं, तब एक समवेत और सार्थक प्रयास की आवश्यकता है। यह लेख विश्व पर्यावरण दिवस के माध्यम से समाज को एक स्पष्ट संदेश देने का प्रयास है कि पर्यावरण है तो हम हैं#
#प्राकृतिक संसाधन – वायु, जल, मिट्टी, वनस्पति, नदियाँ, समुद्र, पर्वत और जीव-जंतु – हमारे जीवन का आधार हैं। यह देन हजारों वर्षों से संतुलन में रही, परंतु पिछले कुछ दशकों में मानव की असंतुलित विकास नीति ने इस संतुलन को बिगाड़ दिया है। आज पर्यावरण की रक्षा केवल एक सरकारी या संस्थागत कार्य नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है#
#भूमंडलीय तापमान में वृद्धि, समुद्र स्तर का बढ़ना, अनियमित वर्षा, वन्य जीवों का विलुप्त होना और बीमारियों का बढ़ता प्रकोप – ये सभी इस बात का संकेत हैं कि हम प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ चुके हैं। ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन से फसलों का चक्र प्रभावित हो रहा है। प्रदूषण के कारण सांस, त्वचा और हृदय रोगों में वृद्धि हो रही है। नदियां सूख रही हैं, भूजल स्तर घट रहा है#
#निर्माण और विस्तार के नाम पर पेड़ों की कटाई, कंक्रीट के जंगल और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों की स्थापना – यह तथाकथित विकास पर्यावरण की कीमत पर हो रहा है। यह विकास एक विषैला उपहार बनता जा रहा है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए अभिशाप होगा#
#भारत ने पेरिस समझौते से लेकर मिशन लाइफ (LiFE: Lifestyle for Environment) तक कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रयास किए हैं। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना, गंगा और यमुना सफाई अभियान, प्लास्टिक प्रतिबंध, और वनों की कटाई पर नियंत्रण जैसे कदम सकारात्मक हैं लेकिन व्यापक जनभागीदारी के बिना ये प्रयास अधूरे रहेंगे#
#पर्यावरण की रक्षा केवल सरकार या संस्थाओं का दायित्व नहीं, बल्कि हर नागरिक की निजी जिम्मेदारी है। अगर हम हर वर्ष अपने जीवन में कुछ प्रयास करें जैसे साल में कम से कम 10 वृक्ष लगाएं और उनकी देखभाल करें। प्लास्टिक का प्रयोग बंद करें और कपड़े या जूट के थैले अपनाएं। वर्षा जल संचयन प्रणाली अपने घरों में लगाएं। बिजली और पानी की बर्बादी रोकें। कार पूलिंग, साइकिल और सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करें#
#पर्यावरणीय शिक्षा को स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में व्यवहारिक रूप से जोड़ना होगा। युवाओं में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता जागृत करनी होगी। इसके लिए नाटक, पोस्टर, चित्रकला, वृक्षारोपण प्रतियोगिता, फिल्म, वर्कशॉप और रैलियों का आयोजन अत्यंत प्रभावी हो सकता है#
#भारतीय संस्कृति में प्रकृति को देवता के रूप में पूजा गया है। तुलसी, पीपल, बरगद, नदियों, पर्वतों, पशु-पक्षियों तक को पूज्य माना गया है। हमें इस सांस्कृतिक परंपरा को आधुनिक विज्ञान से जोड़कर नए पर्यावरणीय संस्कार गढ़ने होंगे#
#हमारे आज के फैसले ही आने वाली पीढ़ियों का भविष्य तय करेंगे। अगर हमने आज पर्यावरण की रक्षा नहीं की, तो हमारे बच्चे ऑक्सीजन खरीदने को मजबूर होंगे, बारिश कृत्रिम होगी, और जीवन मशीनों पर निर्भर हो जाएगा। यह समय आत्मावलोकन का है। हम किस विकास की दौड़ में हैं? और उस दौड़ का अंत कहाँ है#
#पर्यावरण की रक्षा न केवल एक आंदोलन है, बल्कि यह एक नैतिक और मानवीय जिम्मेदारी है। हर व्यक्ति को यह समझना होगा कि वह पृथ्वी का केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि उसका रक्षक भी है। यदि हम अभी नहीं जागे, तो आने वाला समय हमारे पास केवल पछतावा छोड़ जाएगा। इस विश्व पर्यावरण दिवस पर हम सब संकल्प लें – हरियाली को जीवन में अपनाएंगे, प्रकृति को बचाने की सौगंध खाएंगे, भविष्य को उज्ज्वल बनाएंगे#
#डीपी सिंह चौहान "सम्पादक" खोज जारी है.24×7 न्यूज चैनल/ हिन्दी दैनिक समाचार पत्र की खास रिपोर्ट...
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