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#हरदोई:- जो अपने लिए जिए, तो क्या जिए,दूसरों के लिए जी कर देखो,संतुष्टि मिलेगी: शिवानंद भाई श्री#


#हरदोई:- जो अपने लिए जिए, तो क्या जिए, दूसरों के लिए जी कर देखो, संतुष्टि मिलेगी/ शिवानंद भाई श्री#

#हरदोई: में पूज्य रामचंद्र परम हंस के कृपा पात्र शिष्य निर्मल शास्त्री 149 वीं राम कथा से सनातन ध्वजा के वाहक हैं- राजू दास जी महाराज#

#हरदोई: घर छोड़ने का मतलब वैराग्य नहीं,कु वृत्तियों को छोड़ना ही वैराग्य है जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए बुरे कर्म छोड़ना ही वैराग्य होता है,जो अपने लिए जिए,तो क्या जिए,दूसरों के लिए जी कर देखो,संतुष्टि मिलेगी।अभागा वह जो भगवान से दूर हो जाए,राघव सरकार से समीप्य ही सफलतम जीवन जीने का मार्ग है" उक्त उद्गार अखिल भारतीय श्री राम नाम जागरण मंच के संयोजक निर्मल शास्त्री और श्री राम परिवार मित्र मंडली हरदोई के आयोजकत्व में आर आर इंटर कॉलेज हरदोई में चल रही 11 वें दिवस के श्री राम कथा के विश्राम दिवस पर वृंदावन से पधारे कथा व्यास शिवानंद भाई श्री ने व्यक्त किए।विश्राम दिवस पर हनुमान गढ़ी से महंत राजू दास ने श्री राम कथा में शिरकत की#

#श्रीराम कथा के 11वें दिन विश्राम दिवस पर श्रद्धालुओं ने ऋष्यमूक पर्वत से राम-सुग्रीव मैत्री तक: हनुमान जन्म,भक्तिभाव, और जीवन मूल्यों से जुड़ी श्रीराम कथा के भावपूर्ण प्रसंगों ने श्रोताओं को भावविभोर किया#

#श्रद्धालुओं ने मानस के अनुपम प्रसंगों का रसास्वादन किया। कथा व्यास शिवानंद भाई जी महाराज (वृंदावन धाम) ने भावपूर्ण शैली में ऋष्यमूक पर्वत पर राम-सुग्रीव मिलन, हनुमान जन्म, बाली-सुग्रीव संवाद, रामेश्वरम की स्थापना और राम राज्याभिषेक जैसे महत्वपूर्ण प्रसंगों का वर्णन किया#

#कथा की शुरुआत आपकी आर्त पुकार, करुण पुकार, दीन दयाल कौशल्या नन्दन प्रकट हो जाते हैं जैसे भावों से हुई, जहाँ भगवान श्रीराम के करुणामय रूप का स्मरण कराया गया। कथा में बताया गया कि ऋष्यमूक पर्वत केवल एक स्थल नहीं, बल्कि सत्संग का प्रतीक है। जहाँ काम नहीं, केवल राम आते हैं। यही वह स्थल था जहाँ श्रीराम और सुग्रीव की ऐतिहासिक मित्रता हुई#

#इस अवसर पर हनुमान जी के जन्म की कथा भी सुनाई गई। पुंजिका नामक अप्सरा ने रूप के घमंड के कारण श्राप पाया और धरती पर अंजना बनकर जन्मी। उनके तप से वायु देव के आशीर्वाद से हनुमान जी का जन्म हुआ। कथा व्यास ने बताया कि रूप का घमंड नहीं होना चाहिए, क्योंकि ईश्वर भाव से रीझते हैं, बाह्य आडंबर से नहीं।उन्होंने बताया कि शिव आशुतोष हैं, शीघ्र प्रसन्न होते हैं। सदगुरु यदि समर्थ हो तो वह धर्म की पीठ पर बैठाकर ही जीव को भवसागर से पार कर देता है। साथ ही यह भी कहा कि सलाहकार को चटोर नहीं, कड़क होना चाहिए, जिससे राजा को कटु सत्य भी स्वीकार हो#

#सचिव, वैद्य, गुरु, तीनि जो प्रिय बोलहिं भय आश" –इस दोहे के माध्यम से उन्होंने आज के समाज में धैर्य की कमी, पति-पत्नी, पिता-पुत्र के रिश्तों की असहिष्णुता और गुरुजनों के महत्व को समझाया।डॉक्टरों के नेता परशुराम नहीं, ब्राह्मणों के असली आदर्श कार्तिकेय बताए गए। कथा में “हरे रामा रिमझिम बरसे पनिया, झूले राधा रनिया रे हरी” जैसे भजन भावों को और गहरा करते रहे#

#कथा के विश्राम दिवस पर रावण वध, रामेश्वरम में शिवलिंग स्थापना और अयोध्या में राम का राजतिलक हुआ#

#सुबह हवन की पूर्णाहुति के साथ पूरे वातावरण में श्रद्धा और भक्तिभाव की गंगा बहती रही। श्रद्धालुओं ने भावविभोर होकर “जय श्रीराम” और “बोलो बजरंगबली  के साथ कथा को सराहा। 11 दिवसीय कथा के विश्राम दिवस की इस बेला में  अयोध्या से परम पूज्य संत  श्री राजू दास जी भी रहे#

#प्रातः हवन की पूर्णाहुति में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रेमावती पीके वर्मा के द्वारा संपन्न हुई । आज विश्राम दिवस  की आरती में श्री राम परिवार मित्र मंडली हरदोई  से आशीष गुप्ता, राघवेंद्र शर्मा, अपूर्व माहेश्वरी, मनोज मिश्रा, सौरभ सिंह,हिमांशु गुप्ता,हिमांशु गुप्ता पेशकार,भगवान शरण गुप्ता एवं कुबेर लाल जन सेवा संस्थान की संस्थापिका निरमा देवी रहीं#

#कथा में अन्न दान भंडारा पूर्व ब्लॉक प्रमुख उदय राज सिंह के सौजन्य से सम्पन्न हुआ#

#आरती में मुख्य रूप से महंत राजू दास, आर आर इंटर कॉलेज की प्रबंधिका श्रीमती कीर्ति सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन, नगर पालिका अध्यक्ष सुखसागर मिश्रा मधुर, गौ सेवा प्रमुख अशोक सिंह आजाद, क्रय विक्रय समिति "अध्यक्ष" सुशील अवस्थी छोटे महाराज, RSS सेवा भारती प्रमुख सुधीर अवस्थी, अविनाश गुप्ता अब्बी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख उदय राज सिंह, ईशान तिवारी, ब्लॉक प्रमुख शाहाबाद त्रिपुरेश मिश्रा, ब्लॉक प्रमुख हरियावां प्रेम सिंह के प्रतिनिधि शशांक सिंह, समाजसेवी डीपी सिंह चौहान, एडवोकेट विवेक सिंह, समाजसेवी गौरव भदोरिया, समाजसेवी नृपेन्द्र सिंह एवं तमाम श्रद्धालु गण उपस्थित रहे#

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