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#हरदोई:- संडीला- निलंबित शिक्षिका को जीवन निर्वाह भत्ता न मिलने के चलते आज जिलाधिकारी महोदय के समक्ष दी आत्मघाती कदम उठाने की धमकी#


#हरदोई:- संडीला- निलंबित शिक्षिका को जीवन निर्वाह भत्ता न मिलने के चलते आज जिलाधिकारी महोदय के समक्ष दी आत्मघाती कदम उठाने की धमकी#

#हरदोई: जिलाधिकारी के जनता दर्शन में एक अनूठा मामला संज्ञान में आया जो प्राथमिक विद्यालय जामू संडीला में कार्यरत शिक्षिका रजनी संखवार से सम्बन्धित है । शिक्षिका ने जिलाधिकारी के समक्ष बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा किये जा रहे पक्षपात एवं अन्याय के प्रति अपना दुखड़ा सुनाया । बीएसए हरदोई ने सितंबर 2024 में संडीला ब्लॉक की दो शिक्षिकाओं को आपसी विवाद के चलते निलंबित कर जांच खण्ड शिक्षा अधिकारी पिहानी तथा खण्ड शिक्षा अधिकारी शाहाबाद को सौंप दी थी । जांच अधिकारियों ने पक्षपात करते हुए रसूखदार शिक्षिका  की जांच रिपोर्ट 30 दिसंबर 2024 को बीएसए को सौंप दी जिसके आधार पर रसूखदार शिक्षिका की 30 दिसंबर को ही उसी विद्यालय में बहाली हो गयी जबकि दूसरी शिक्षिका की जांच आख्या को 4 महीने दबाए रखा#

#शिक्षिका रजनी संखवार ने बताया कि जांच अधिकारियों के इस अन्याय के विरुद्ध शिक्षिका ने कई बार उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई अंततः उसने उच्चन्यायालय में बाद दाखिल कर दिया तो आनन-फानन में अप्रैल माह में जांच आख्या बीएसए को सौंप दी और बीएसए हरदोई ने नाराज होते हुए शिक्षिका को दंडित कर विकासखंड भरखनी में बहाल कर दिया । इसी बीच उच्च न्यायालय ने 21 मई 2025 को जांच आख्या और बीएसए हरदोई के आदेश को निरस्त करते हुए शिक्षिका रजनी के निलंबन अवधि के समस्त देयकों को देने का आदेश जारी कर दिया । बीएसए हरदोई ने उच्चन्यायालय के आधार पर देयक देना तो दूर उल्टा  शिक्षिका को दिए जीवन निर्वहन भत्ता भी अप्रैल माह से बंद कर दिया विगत 7 माह से शिक्षिका का जीवन बुरी तरह तबाह होने के चलते अब शिक्षिका आत्मदाह तक की सोचने लगी#

#शिक्षिका अप्रैल से अब तक कई उच्चाधिकारियों के ऑफिस का चक्कर काटती रही किन्तु अधिकारियों का मन नहीं पसीजा । थक हार कर आज शिक्षिका  जिलाधिकारी हरदोई के जनता दर्शन में आई और न्याय न् मिल पाने के कारण आत्मदाह की धमकी दे डाली# 

#शिक्षिका रजनी संखवार ने बताया कि उसके प्रति अन्याय शिक्षिका प्रियंका जायसवाल की ऊंची पहुँच के कारण हो रहा है उक्त शिक्षिका को 30 दिसंबर को ही जांच देकर उसी दिन बहाल कर दिया गया और वह पिछले 10 माह से न्यायालय से लेकर अधिकारियों के चक्कर काट रही है । साथ ही जिन विद्यालयी अभिलेख चोरी के आरोपों की सजा वह काट रही है वह अभिलेख रसूखदार शिक्षिका द्वारा ही चुराए गए हैं जिलाधिकारी ने जब जामू प्रकरण की जांच  डायट प्राचार्य से कराई तो उससे यह स्पष्ट हो चुका है कि अभिलेख चोरी रसूकदार शिक्षिका नें ही किए हैं किंतु ऊपरी दवाब के चलते उस जांच पर भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है । जिलाधिकारी ने उक्त गंभीर प्रकरण का त्वरित संज्ञान लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी को जांच के लिए नामित कर दिया है#

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