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#हरदोई:- मल्लावां- चुनाव अधिकारों का हनन, बिना सूचना व एजेंडा बुलाई गई बैठक, पंचायत सदस्यों को मीटिंग हॉल में नहीं घुसने दिया#


#हरदोई:- मल्लावां- चुनाव अधिकारों का हनन, बिना सूचना व एजेंडा बुलाई गई बैठक, पंचायत सदस्यों को मीटिंग हॉल में नहीं घुसने दिया#

#हरदोई: मल्लावां- ब्लॉक के ग्राम पंचायत गंज जलालाबाद में कार्यवाहक तीन सदस्यीय समिति गंठन के चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में उस समय भूचाल आ गया, जब ग्राम पंचायत सदस्यों ने चुनाव प्रक्रिया में प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाया। सदस्यों का कहना है कि इसके पूर्व भी समिति गठन के लिए तीन बार बैठकों का एजेंडा जारी हुआ था। लेकिन आहुत की गई तीनों बैठकों की अध्यक्षता करने एसडीएम बिलग्राम मीटिंग करने नही पहुंचे, क्योंकि इन बैठकों में सदस्य संख्या अधिक होने के कारण बैठकों को टालते रहे ताकि तीन सदस्यीय संचालन सीमित ऐसे सदस्यों को बनाया जा सके जो निर्वाचन के बाद कभी किसी बैठक में उपस्थित ही नहीं हुए थे, जो नियम विरुद्ध है। 20 नवंबर की बैठक का कोई लिखित एजेंडा न होना तथा ग्राम पंचायत भवन में मीटिंग न कराना नियमानुसार अनुकूल नही है, बैठक को बिना किसी पूर्व सूचना और एजेंडा के सामुदायिक भवन में आयोजित की गई थी जो ग्राम पंचायत को आज तक स्थानांतरित तक नही है। जबकि पूर्व की सभी बैठकें पंचायत भवन देवी पुरवा में होती रही हैं#

#पंचायत सदस्यों ने बताया कि पिछली सभी पंचवर्षीय योजनाओं की बैठकें निर्धारित स्थल पंचायत भवन मजरा देवी पुरवा में सम्पन्न हुई थीं। लेकिन, इस बार तीन सदस्यीय चंलालन सिमित के चुनाव के लिए अचानक बैठक का स्थान बदलकर सामुदायिक भवन कर दिया गया? सबसे गंभीर आरोप यह है कि इस पूरी चुनाव प्रक्रिया में एसडीएम एन. राम की भूमिका संदिग्ध नज़र आ रही है#

#सदस्यों का यह भी है आरोप है कि पंचायत सचिव द्वारा कोई सूचना नही दी गई जबकि गत 7 नवंबर को सूचना दी गई थी तथा 11 सदस्य सायं 5 बजे तक पंचायत भवन पर आहुत मीटिंग के लिए एसडीएम बिलग्राम का इंतजार करते रहे लेकिन वह नही पहुंचे थे। ग्राम पंचायत सदस्य रामकुमार गौतम, बुद्धू गौतम, संगीता, कृष्णकांत, शिवदेवी, रेखा आदि सदस्यों ने साझा रूप से आरोप लगाया है कि उन्हें इस बैठक के बारे में जानबूझकर सूचित नहीं किया गया। इन ग्राम पंचायत सदस्यों को मीटिंग की जानकारी बाहर से मिली#

#जब सदस्य रामकुमार गौतम और बुद्धू गौतम सामुदायिक भवन पहुँचे, तो उन्हें चौंकाने वाला अनुभव हुआ#

#सदस्यों ने बताया कि एसडीएम ने उन्हें मीटिंग हॉल में ही नहीं घुसने दिया, जिसके चलते वे चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पाए। सदस्यों का स्पष्ट कहना है कि "यह सारा खेल राजनैतिक दबाव और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ। गंज जलालाबाद जनता के चुनावी अधिकारों का एक बार फिर हनन हुआ है।" प्रशासनिक अधिकारियों पर लगे आरोपों और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को लेकर जब एस.डी.एम. से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उनका पक्ष उपलब्ध नहीं हो सका। यह मामला अब क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और स्थानीय लोग पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया की मांग कर रहे हैं। ज्ञातव्य हो गंज जलालाबाद ग्राम प्रधान वित्तीय अधिकार सीज करने के विरुद्ध मा हाईकोर्ट की बेंच लखनऊ में 18 नवंबर को रिट पर बहस पूर्ण हो चुकी है जिसका फैसला आना है, इससे पूर्व तीन सदस्यीय संचालन सिमित का गठन करना अधिकारियों की पारदर्शिता पर प्रश्न खड़े हो रहे है#

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