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#एटा:- पृथ्वी पापों से बोझिल हुई तो भू पर अवतारें भगवान: अनूप महाराज#


#एटा:- पृथ्वी पापों से बोझिल हुई तो भू पर अवतारें भगवान: अनूप महाराज#


#एटा:- पृथ्वी पापों से बोझिल हुई तो भू पर अवतारें भगवान: अनूप महाराज#


#एटा:- पृथ्वी पापों से बोझिल हुई तो भू पर अवतारें भगवान: अनूप महाराज#

#एटा : जिला एटा के मरथरा गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस में असलापुर धाम से पधारें सुप्रसिद्ध कथावाचक अनूप ठाकुर जी महाराज ने श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाया ठाकुर जी ने कहा कि द्वापर युग में पापी राजाओं के अत्याचार से पृथ्वी थर्रा उठी। पृथ्वी लोक में कोई भी ऐसा स्थान नहीं था, जहा पाप कर्म न हो रहा हो। जब पापों की अति हो गई तो पृथ्वी एक गाय का रूप धारण करके प्रजापिता ब्रह्मा के पास गई और उसने अपनी सारी व्यथा सुनाई। ब्रह्मा जी ने सभी देवताओं व गाय बनी पृथ्वी को साथ लेकर विष्णु जी से प्रार्थना की। देवताओं की प्रार्थना सुनने के पश्चात विष्णु जी ने कहा कि अब पापियों का अंत आ गया है। अनूप ठाकुर महाराज ने बताया कि भगवान ने कहा पृथ्वी लोक में धर्म की पुन: स्थापना के लिए मैं मथुरा में देवकी की कोख से कृष्ण के रूप में जन्म लूंगा। भगवान विष्णु का यह आश्वासन पाकर देवता अपने लोक में चले गए और पृथ्वी वापस अपने लोक में आ गई। उधर, बृज में कंस का अत्याचार बढ़ता ही जा रहा था। संत, मुनी, ब्राह्माण और प्रजा उसके अत्याचारों से त्राहि-त्राहि कर रही थी। कंस अपनी बहन देवकी से अत्याधिक स्नेह करता था। उसके विवाह में विदाई के समय वह स्वयं रथ हाक रहा था कि अचानक आकाशवाणी हुई कि हे कंस, जिस बहन को तू खुशी-खुशी विदा कर रहा है। उसी का आठवां पुत्र तेरा वध करेगा। यह सुनकर कंस ने देवकी को मारने के लिए तलवार उठाई तभी देवकी के पति वसुदेव ने उसे ऐसा करने से मना करते हुए वचन दिया कि वे जो भी संतान होगी उसे कंस को सौंप देंगे। देवकी के जो भी संतान पैदा होती उसे वसुदेव कंस को सौंप देते थे। इसी तरह एक-एक कर कंस ने देवकी की सभी संतानों को मौत के घाट उतार दिया और जब अंतिम बालक कृष्ण पैदा हुए तो देवताओं ने आकाश से फूल बरसाए आयोजक हिप्पी सिंह चौहान आशीष सिंह चौहान, किशन वीर सिंह चौहान सुखवीर सिंह वीरपाल सिंह आदि श्रद्धालुओं ने भाग लिया#

खोज जारी है.24×7 न्यूज चैनल/ हिन्दी दैनिक समाचार पत्र की खास रिपोर्ट...

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