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#हरदोई:- कोथावां - निरन्तर सुमिरण करने से गुरू महाराज जी की कृपा हमारे ऊपर बनी रहेगी-साध्वी निधि बाई#


#हरदोई:- कोथावां - निरन्तर सुमिरण करने से गुरू महाराज जी की कृपा हमारे ऊपर बनी रहेगी-साध्वी निधि बाई#

#हरदोई:- कोथावां - विकास खंड कोथावां के ग्राम शिवपुरी में अखिल भारतीय मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा आयोजित पांच दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा में बुधवार को कथा व्यास साध्वी निधि बाई ने कहा कि निरंजन माला घट मे फिरे दिन रात उपर आवे निचे जावे,स्वास स्वास चली जात ॥संसारी नर समझे नाही ,वृथा जन्म विहात निरंजन माला घट मे फिरे दिन रात#
#उन्होंने कहा कि जिसको गुरू महाराज जी की कृपा से आत्मज्ञान की प्राप्ति हो गई हैं. जब वह भजन नियम से रोज करता है तो उसके लिये भजन का रहस्य धीरे-धीरे स्वत : ही सामने आने लगता है पर यह सब गुरूमहाराज के कृपा से सम्भव होता है।कबीरदास जी सत्संग में नित्य जाते थे।जब उनके मन में आत्मज्ञान जानने की प्रबल ईच्छा पैदा हुई और उन्हें सत्संग में बताया गया कि बिना गुरू महाराज जी के आत्मज्ञान की प्राप्ति नहीं होती तो उन्होनें खोज की तो पता चला कि इस समय आत्मज्ञान देने वाले स्वामी रामानन्द जी हैं उनको यह भलीभाँति मालुम था कि मैँ एक साधारण मुस्लिम परिवार में जन्मा हूँ और जुलाहे का काम करता हूँ, गुरू महाराज जी ब्राह्मण है. उन्होनें पता लगाया कि गुरूमहाराज जी प्रात : काल नदी पर स्नान करने जाते हैं तो कबीर दास जी अंधेरे में ही घाट के सीढ़ियों पर जाकर लेट गये. जब स्वामी रामानन्द जी सीढ़ियों से घाट पर जा रहे थे तो उनका पैर कबीरदास के वक्षस्थल पर पड़ता है वहां अंधेरा था. गुरू महाराज ने कहा कि बेटा उठो ! तुम्हें चोट तो नहीं लगी. कबीरदास जी ने स्वामी रामानन्द के चरण पकड़ लिये और कहा कि जब आपने मुझे बेटा बना लिया है, तो पिता के सम्पत्ति पर बेटे का अधिकार होता है, जो आपकी अध्यात्म ज्ञान की अनमोल सम्पत्ति है. कृपा करके उसका मुझे ज्ञान दिजिये . तब स्वामी रामानन्द जी ने कबीरदास को आत्मज्ञान की दीक्षा दी।तत्पश्चात साध्वी दर्शनी बाई,गिरजाबाई जी व हरदोई प्रभारी महत्मा सुदासानंद ने अपने विचारो को व्यक्त किया#
#इस मौके पर बिहारीलाल,शिवम गुप्ता,पंकज,कैलाश मौर्या,नीतीश,बच्चू लाल,रामदीन आदि लोग मौजूद रहे#

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