Breaking News

#लखनऊ:- एआरटी सेंटर की मदद से एचआईवी के साथ टीबी ग्रसित भोला की सुधरी सेहत। नियमित दवा सेवन के साथ खानपान का भी रखा पूराख्याल#


#लखनऊ:- एआरटी सेंटर की मदद से एचआईवी के साथ टीबी ग्रसित भोला की सुधरी सेहत। नियमित दवा सेवन के साथ खानपान का भी रखा पूराख्याल#

#लखनऊ: 30 नवंबर 2022 आज भोला (बदला हुआ नाम )को न तो बुखार बना रहता है। और न ही खांसी आती रहती है। उसके बलगम में खून भी नहीं आ रहा है। वह अब पहले से काफी बेहतर है और उसका वजन भी बढ़ा है। उसे मुफ्त इलाज के साथ निक्षय पोषण योजना के तहत हरमाह पोषण के लिए 500 रूपये भी मिल रहे हैं, जिसे अपने खाने - पीने पर खर्च कर रहे हैं। नियमित रूप से उनकी और पत्नी की काउंसलिंग भी की जा रही है। यह कहानी है स्थानीय निवासी 42 वर्षीय भोला की। भोला उन लोगों में से हैं जो एचआईवी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होने के साथ टीबी से भी ग्रसित हैं। भोला का एआरटी (एंटी रेट्रो वायरल) सेंटर पर एचआईवी और टीबी का इलाज चल रहा है। भोला को लगभग साढ़े चार माह पहले खांसी आनी शुरू हुई। 15 दिन के बाद उन्हें बुखार भी आने लगा। उन्होंने देखा कि उनके बलगम में खून भी आ है। वह घबरा गए और एआरटी सेंटर पर आकर चिकित्सक को बताये। यहाँ पर चिकित्सकों को टीबी का अंदेशा हुआ और उनका छाती का एक्स- रे और बलगम की जांच कराई गई जिसमें टीबी की पुष्टि हुई। उनका वजन लिया गया जो पहले की अपेक्षा कम हुआ था। एआरटी सेंटर की सीनियर मेडिकल ऑफिसर डा. नीतू गुप्ता बताती हैं कि एचआईवी मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है | ऐसे में टीबी हो या अन्य संक्रमण आसानी से गिरफ्त में ले सकता है| इसलिए एचआईवी मरीज को नियमित दवा का सेवन और हाई प्रोटीन युक्त पौष्टिक भोजन करने की सलाह दी जाती है। एआरटी सेंटर की मेडिकल ऑफिसर डा. सुमन शुक्ला बताती हैं कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अन्य सभी सुविधाएं उसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाती हैं | टीबी और एचआईवी की जाँचें और इलाज एआरटी सेंटर पर निःशुल्क होता है। एआरटी सेंटर के काउन्सलर डा. सौरभ पालीवाल बताते हैं कि जब भोला और उसके परिवार को पता चला कि उन्हें टीबी भी हो गई है तो वह बहुत परेशान हुए। उन्हें समझाया गया कि टीबी और एचआईवी की दवा नियमित लें और पौष्टिक भोजन का सेवन करें, जिससे शीघ्र ही ठीक हो जायेंगे। भोला ने लगातार दवा का सेवन किया जिसका परिणाम है कि वह पहले से बेहतर हैं। टीबी हो या एचआईवी का मरीज, वह प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखें तभी बीमारी से लड़ पाएंगे#

रिपोर्ट: सुचेता सोनकर- खोज जारी है.24×7 न्यूज चैनल/ हिन्दी दैनिक समाचार पत्र की खास रिपोर्ट...

No comments