#हरदोई:- भगवान विष्णु की उपासना के साथ देवउत्थान एकादशी पर आज होगा तुलसी विवाह#
#हरदोई:- भगवान विष्णु की उपासना के साथ देवउत्थान एकादशी पर आज होगा तुलसी विवाह#
हरदोई: बेनीगंज- कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवोत्थान एकादशी के नाम से जाना जाता है।इसे देव उठनी एकादशी या प्रबोधनी एकादशी भी कहा जाता है।भगवान विष्णु आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी से निद्रा में चले जाते हैं और 4 महीने बाद कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन उठते हैं,इसलिए इसे देवोत्थान एकादशी के नाम से जाना जाता है।भगवान विष्णु जब निद्रा में चले जाते हैं तो चार महीने तक सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है इसके बाद देवउठनी एकादशी के दिन से सभी मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं।इस दिन तुलसी विवाह का भी आयोजन किया जाता है।इस बार देव उठनी एकादशी 4 नवंबर दिन शुक्रवार के दिन है।जबकि इसका पारायण 5 नवंबर 2022 को किया जाएगा।इस दिन घरों में तुलसी विवाह का भी आयोजन किया जाता है व्रत और पूजा की तैयारी कर रही कस्बे की कृष्णा श्रीवास्तव पत्नी स्वर्गीय अजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर व्रत का संकल्प लें भगवान विष्णु का ध्यान करें।घर की सफाई और आंगन में भगवान विष्णु के पैरों की आकृति बनाएं घर के बाहर और पूजा स्थल पर दीये जलाएं।रात में भगवान विष्णु समेत सभी देवी देवताओं का पूजन करना चाहिए।देवउत्थान एकादशी के दिन तुलसी जी का विवाह शालीग्राम से करवाया जाता है। इसे सामान्य विवाह की तरह धूमधाम से किया जाता है।तुलसी भगवान विष्णु की प्रिय है और तुलसी के बिना भगवान विष्णु की पूजा पूरी नहीं मानी जाती।इस दिन पूजा सामग्री में सिंघाड़ा गुड गन्ना बताशा फूल फल आदि का उपयोग किया जाता हैं#
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