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#उरई: जालौन- कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के जिला अध्यक्ष व शहर अध्यक्ष ने अपने साथियों के साथ सिटी मजिस्ट्रेट को सौपा ज्ञापन#


#उरई: जालौन- कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के जिला अध्यक्ष व शहर अध्यक्ष ने अपने साथियों के साथ सिटी मजिस्ट्रेट को सौपा ज्ञापन#

#उरई: जालौन- उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के आह्वान पर प्रदेश के जनपद जालौन मे प्री मैट्रिक छात्रवृति व मौलाना आज़ाद फैलोशिप बन्द करने के विरोध में जिला अधिकारी महोदय को ज्ञापन दिया ज्ञापन के माध्यम से निम्नलिखित मांग की गई कि कक्षा 1 से 10 तक मिलने वाली अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति को प्रतिबंधित करने के बाद, 2022- 23 से बन्द कर दिया गया है जो अल्पसंख्यक गरीबों के खिलाफ एक साजिश है तथा अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब बच्चों को शिक्षा से दूर रखने का एक नया तरीका है कांग्रेस शासन जून 2006 में अल्पसंख्यक कल्याण के विकास के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिँह सरकार ने प्रधानमंत्री मंत्री 15 सूत्रीय कार्यक्रम में अल्पसंख्यक समुदाय के माता पिता से स्कूल शिक्षा पर उनके ऊपर पड़ने वाले बोझ को हल्का करने के एवं अल्पसंख्यक समुदाय में शिक्षा का स्तर ऊँचा करने के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृति की शुरुआत की थी इसको बन्द करने के केंद्र सरकार के कदम से लाखों अल्पसंख्यक मेधावी छात्रों का भविष्य अंधकार में चला जायेगा सरकार को अपने शिक्षा विरोधी फैसले को वापस लेना की मांग की। प्री मैट्रिक छात्रवृति के बाद केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद सहाब के नाम से कांग्रेस सरकार में शुरू की गई पांच सालों वाली मौलाना आज़ाद फैलोशिप योजना को भी बन्द करने का ऐलान कर दिया है जबकि यह फैलोशिप योजना 6 अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय मुस्लिम बौद्ध ईसाई जैन पारसी और सिख छात्रों को दी जाती थी जिसे उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस सरकार में शुरू किया गया था यूजीसी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 2014-15 और 2021- 22 के बीच 738. 85 करोड़ रुपये के संचयी संवितरण के साथ 6, 722 उम्मीदवारों को फेलोशिप योजना के तहत चुना गया था बीजेपी सरकार का ये कदम को शत प्रतिशत अल्पसंख्यक विरोधी है अगर सरकार ने मौलाना आज़ाद फेलोशिप को बन्द करने के फैसले को वापिस ना लिया तो देश में अल्पसंख्यक समुदाय के हजारों शोध उम्मीदवार एम फिल और पीएचडी करने जैसी शिक्षा से वँचित हो जायेंगे इस लिए वित्तीय सहायता के रूप में केंद्र द्वारा प्रदान की जाने वाली पांच साल की फेलोशिप को बन्द करने के फैसले को बीजेपी सरकार को वापस लेना चाहिए ज्ञापन देने पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ता हाजी ख्वाजा बख्श मंसूरी, अकबर मंसूरी, गुड्डू रिजवी, नूर मोहम्मद शेख, मु अबरार, जिकर खान, इसरार मंसूरी, अयूब अंसारी, आदि कार्यकर्ता मौजूद रहें#

रिपोर्टर: गोविन्द सिंह दाऊ- खोज जारी है.24×7 न्यूज चैनल/ हिन्दी दैनिक समाचार पत्र की खास रिपोर्ट...

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