#रायबरेली:- के डलमऊ में लगभग 28 गांवों में होली पर न पकवान बनते है न होता है जश्न, डलमऊ में होली पर मनाई गई राजा डलदेव पासी की शहादत दिवस के रूप में पुण्य तिथि#
#रायबरेली:- के डलमऊ में लगभग 28 गांवों में होली पर न पकवान बनते है न होता है जश्न, डलमऊ में होली पर मनाई गई राजा डलदेव पासी की शहादत दिवस के रूप में पुण्य तिथि#
#रायबरेली: रंगों के उत्सव होली पर जहाँ पूरा जनपद होली के रंग में सराबोर होकर एक दूसरे को गले लगाकर बधाई देता है, वही जनपद के डलमऊ क्षेत्र के लगभग 28 गांव शोक में डूबा रहते है, यहाँ होली का त्योहार 3 दिन बाद मनाया जाता है। इस बार 13 मार्च सोमवार को होली का त्योहार मनाया जाएगा, होली के दिन लगभग 28 गांवों में न घरों में पकवान बनते है न ही कोई जश्न होता है। ज्ञात हो कि आज होली के 8 मार्च के दिन जिला पासी समाज रायबरेली के तत्वाधान में अम्बेडकरवादियों ने माँ गंगा के पावन तट पर स्थित राजा डलदेव पासी के प्राचीन किले के अवशेष परिसर में राजा डालदेव की पुण्य तिथि को शहादत दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक अध्यक्ष देशराज पासी ने कहा कि राजा डलदेव पासी चार भाई थे। डालदेव पासी डलमऊ, बालदेव पासी भरौली रायबरेली, ककोरन पासी सुदभानपुर व भावो पासी अरखा के राजा थे। राजा डलदेव लगातार अपना साम्राज्य बढ़ा रहे थे। उसी समय जौनपुर का मुगल शासक इब्राहिमशाह सर्की ने कई बार डलमऊ के किले पर हमला किया, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। डलदेव ने 1402 से 1440 तक राज्य किया। मुगल शासक ने डलमऊ के बघेल सरदार के पैसों के बल पर खरीद लिया। होली के दिन जब राजा व सैनिक व होली के रंग में मस्त थे। उसी समय किले का गेट बघेल ने खोल दिया। मुगल शासक ने अचानक हमला कर दिया और राजा डलदेव का सर कलम कर दिया और वह शहीद हो गये, तब से उस पूरे क्षेत्र में लोग आज भी होली का त्योहार होली के दिन नहीं मनाते हैं। हमले में राजा डल की हुई मौत के कारण की बात करे तो दुश्मनों की सेना जब डलमऊ पहुंची तो उस वक्त राजा डल की सेना नशे में मस्त थी। शाह शर्की ने अपनी सेना के साथ राजा डलदेव के महल को चारों तरफ से घेर लिया उसके बाद हमला बोला। छपी रिपोर्ट के अनुसार बताया राजा डलदेव की सेना नशे में थी। जिसके चलते मुकाबला नहीं कर पाई और हमले में राजा का कत्ल कर दिया गया। तभी से डलमऊ कस्बे समेत 28 गांवों में रहने वाले सभी अपने राजा के गम में होली के दिन से अगले 3 दिनों तक शोक में रहते हैं। इस अवसर पर समाजसेवी , अर्थों सर्जन डॉo प्रशांत कुमार रावत ने कहा कि राजा डालदेव के प्रति सच्ची श्रद्धाँजलि यही होगी कि हम सबको नशे का परित्याग कर अपने बच्चों को शिक्षा दिलाए। कार्यक्रम का संचालन कर रहे अम्बेडकरवादी राजेश कुरील ने कहां हमारे बहुजन समाज के इतिहास को मनुवादियों तोड़ मरूड़ कर पेश कर खत्म कर दिया हम सब बहुजनों को अपना इतिहास जानना पड़ेगा और खुद गांव गांव जाकर समाज को बताना पड़ेगा। कार्यक्रम में दुर्गेश पासी महाराजगंज, रामभरोस एडवोकेट कल्लू पासी टेंट हाउस, शत्रोहन गौतम,शिवमंगल पासी, महेश पासी, रामाधार रावत, राम अवध बक्शी , संदीप रावत हरचंदपुर, अर्जुन रावत, डॉ. शैलेंद्र रावत, विजय पासी उन्नाव, बृजेश पासी ऊंचाहार, दीपचंद पासी ऊंचाहार, अरविन्दपासी, आरिजपासी, संदीपपासी, प्रेमचंद्र पासी, ओमप्रकाश पासी, शैलेंद्रपासी, रंजीत रावत, रामराजपासी, सुधाकर पासी, अखिलेश पासी कोराली, सत्यनारायण पासी, जितेन्द्र पासी आदि लोगों ने राजा डालदेव की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कैंडल जलाकर उनके कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और श्रद्धांजली अर्पित किया#
#सोमवार को होगी डलमऊ की होली, शांति पूर्वक अपने घरों में रहकर मनाएं होली- कोतवाल#
#रायबरेली: डलमऊ क्षेत्र में राजा बलदेव के शहीद होने के बाद हर बार की तरह इस बार भी 13 मार्च दिन सोमवार को होली का त्यौहार मनाया जाएगा इस पर डलमऊ कोतवाली में पीस कमेटी की बैठक में साफ शब्दों में यह कहा है की होली के त्यौहार को 3 दिन बाद मनाए जाने के लिए शांतिपूर्वक अपने घरों में रहकर होली का त्यौहार मनाए, जबरदस्ती किसी पर रंग ना डालें, व्यवधान उत्पन्न ना होने दें क्योकि पुलिस को दखल ना देना पड़े तो बेहतर होगा। तभी होली का असली मजा है#
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