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#हरदोई:- पाली- लोगों की आस्था का केन्द्र है बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर#


#हरदोई:- पाली- लोगों की आस्था का केन्द्र है बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर#

#हरदोई: पाली- ब्लॉक मुख्यालय भरखनी से 10 किलोमीटर दूर दक्षिण की ओर बिबियापुर गांव स्थित बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर श्रद्धा और भक्ति का केंद्र बना हुआ है भक्तों का अटूट विश्वास है कि जिस किसी भी इंसान ने यहां आकर बाबा भोलेनाथ से याचना की उसकी मनोकामना की पूर्ति अवश्य हुई धानी नगला के गांव बिबियापुर का बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर पांडव कालीन है वन गमन के दौरान पांडव चकराछा गांव में रुके थे उसके बाद यहां आए थे कहा जाता है कि पांडवों ने ही इस शिवलिंग की स्थापना की थी चंद दूरी पर स्थित हड़हा गांव जहां हिडिम्ब राक्षस रहता था भीम ने उसका वध कर उसकी बहन से विवाह कर लिया था बताते हैं कि पांडव इसके बाद फर्रुखाबाद के पांडा बाग चले गए यहां भी शिवलिंग की स्थापना की थी जो आज भी मौजूद है पांडव इसके बाद फर्रुखाबाद के कंपिल क्षेत्र में गए जो उस समय राजा द्रुपद की राजधानी थी यही अर्जुन ने ब्राह्मण वेश में मछली की आंख का भेदन करके द्रोपदी को हासिल किया था वर्ष 2001 में पर्यटन विभाग ने इस देवस्थान का सुंदरीकरण कराया मंदिर के दक्षिणी एक पक्के तालाब का निर्माण भी कराया गया मुख्य मंदिर के पास ही हनुमान जी का आदिशक्ति मां दुर्गा का मंदिर भी स्थापित है पर्यटन विभाग ने मंदिर परिसर की 40 बीघा भूमि के चारों ओर ऊंची ऊंची चारदीवारी का भी निर्माण कराया मंदिर परिषद में धर्मशाला विशाल हाल प्रशासनिक भवन भी निर्मित किए गए हैं बताया जाता है कि सावन भर यहां मेला लगता है दूर-दूर तक के लोग यहां आकर भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं आधे फागुन के बाद भव्य मेला लगता है जिसमें हजारों श्रद्धालु भक्त विभिन्न जिलों से आते हैं पांडव कालीन इस स्थान पर आकर जो भी भक्त भगवान शंकर से जो मांगता है उसकी कामना जरूर पूरी होती है मनोकामना पूरी होने के बाद भक्तों की ओर से मंदिर में बांधे गए हजारों घंटे इस बात की गवाही करते हैं#

#मंदिर कमेटी के अध्यक्ष रोहिताश सिंह राणा पोलू बताते हुए कहा कि आज के 20 वर्ष पहले यहां पर घना जंगल हुआ करता था अल्लागंज के एक भक्त ओम प्रकाश मिश्रा ने इस शिवलिंग के ऊपर भव्य मंदिर का निर्माण कराया कमेटी के अध्यक्ष के मुताबिक आसपास के ग्रामीणों ने शिवलिंग को अनंत ले जाने का काफी प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुए इतना ही नहीं शिवलिंग के नीचे खुदाई भी करवाई गई लेकिन पानी का स्रोत निकला आखिर लोगों ने शिवलिंग को मूल स्थान पर रहने दिया उन्होंने बताया की मंदिर के अंदर मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती है मुराद पूरी होने पर लोग आकर घंटा बांधते हैं मेला के समय दूरदराज के काफी लोग यहां पर मन्नत मांगने आते हैं#

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