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#हरदोई:- शाहाबाद- दबंगों की दबंगई से परेशान वृद्ध पत्रकार#


#हरदोई:- शाहाबाद- दबंगों की दबंगई से परेशान वृद्ध पत्रकार#

#हरदोई: शाहाबाद- एक लंबे समय से पत्रकारिता क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने वाले पत्रकार स्वयं असहाय की स्थिति में पहुंच गए हैं क्योंकि निष्पक्ष पत्रकारिता के सामने दबंग अपनी दबंगई के कारण उनको मानसिक रूप से परेशान करना तथा जान से मारने की धमकी देना एक आम बात हो गई है। आपको बताते चलें की पीड़ित कहना है। कि मेरे सहन के सामने चबूतरे को बराबर करवाते हैं तो उसमें जान से मारने की धमकी देते हुए कहते हैं कि कोई भी काम इसमें कर वाओगे तो आपके लिए अच्छा नहीं होगा जबकि दबंग हमारे घर के सामने इतनी गंदगी फैलाने का काम करते हैं जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। उस गंदगी से पूरे मोहल्ले वासियों को बहुत तकलीफ का सामना करना पड़ता है। मगर पास पड़ोसी उनकी दबंगई के कारण खुलकर विरोध करने में अपने को असहाय महसूस करते हैं। इस कारण सड़कों पर कूड़ा डालना कच्ची लैट्रिन बहाना उनकी आम आदत बनी हुई है। इसका विरोध जब वरिष्ठ पत्रकार द्वारा किया गया तो स्थानीय पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाकर जानकारी की और विपक्ष को कड़ी हिदायत देते हुए कहा था। कि पत्रकार के सहन में किसी प्रकार की दखलंदाजी नहीं करेंगे जो नाली में गंदगी फैला रहे हो उसको कभी नहीं फैलाआगे और कूड़ा भी सड़क पर नहीं डालेंगे उन्होंने कोतवाली में तो सारी बातें मान ली। मगर होली के दिन पत्रकार का पुत्र अपने चबूतरे पर साफ सफाई कर रहा था तभी दबंग आशीष मिश्रा, अरविंद कुमार मिश्रा पंकज मिश्रा, रामू मिश्रा, पुत्र नन्हे लाल मिश्रा सहित कई लोग इकट्ठा होकर कहने लगे। इस चबूतरे पर बराबर करोगे तो परिणाम खराब होंगे और काम नहीं होने दिया। वह आज भी अधूरा पड़ा है और उल्टे क्षेत्राधिकारी को पत्रकार के खिलाफ प्रार्थना पत्र देकर कहा पत्रकार मुझे परेशान कर रहे हैं। तो क्षेत्राधिकारी ने दोनों पक्षों को सुना तो विपक्ष को हिदायत दी। कि भविष्य में अब आप इस प्रकार का कोई गलत काम नहीं करेंगे क्योंकि आप की ही सारी गलतियां पाई जाती हैं। एक बार आप को मौका दिया जाता है। दोबारा पत्रकार को परेशान ना करें। लेकिन चंद दिन कटने के बाद ही वही हरकतें करना फिर शुरू कर दी। जिसकी सूचना फोन द्वारा शाहबाद प्रभारी निरीक्षक को दी गई। तो प्रभारी निरीक्षक ने बात को गंभीरता से लेते हुए तत्काल फोर्स भेजी और जब पुलिस कर्मियों ने पूछा तो इन्होंने इधर उधर की बातें बना कर टाल दिया कि मैं ऐसा कोई काम नहीं करता जिससे किसी को हानि पहुंचे जबकि वास्तविकता आज भी देखी जा सकती है। कि सच्चाई क्या है। समय रहते यदि प्रशासन ने मेरी समस्या का निदान नही किया। तो मेरे ऊपर अगर कोई घटना घटित होती है तो यह चारों लोग ही दोषी होंगे#

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