#हरदोई:- सवायजपुर- अपने हृदय की ख्वाहिश को पूरा करो और स्वास की कीमत को पहचानो/ प्रेम रावत#
#हरदोई:- सवायजपुर- अपने हृदय की ख्वाहिश को पूरा करो और स्वास की कीमत को पहचानो/ प्रेम रावत#
#हरदोई: सवायजपुर- कस्बे मे चल रहे दस दिवसीय शांति और मानवता के कार्यक्रम में डे नाइट स्क्रीन के माध्यम से विश्व शांति दूत एवं विश्व शांति शिक्षा कार्यक्रम के संस्थापक प्रेम रावत जी ने कहा की आपको ही अपने जीवन में निर्णय करना है कि आपको शांति हो गई है या नहीं हुई ? आपके जीवन में शांति है या नहीं है? इसके बारे में कोई दूसरा व्यक्ति निर्णय नहीं ले सकता है#
#आज इस दुनिया के अंदर जहाँ भी देखो, हर एक चीज़ में मनुष्य ने दीवार डाल दी - "तुम गोरे हो, तुम काले हो। तुम स्त्री हो, तुम पुरुष हो। तुम बच्चे हो, तुम बूढ़े हो। तुम पढ़े-लिखे हो, तुम अनपढ़ हो।" परन्तु असलियत में कोई अंतर नहीं है। हम सब एक ही हैं। एक ही चीज़ से जीवित हैं। यह स्वांस आती है, जाती है। चाहे बूढ़े हैं या जवान हैं, चाहे पढ़े-लिखे हैं, चाहे अनपढ़ हैं, चाहे अमीर हैं, चाहे गरीब हैं। वही स्वांस सबके अंदर आ रही है, जा रही है#
#शांति वक्त प्रेम जी ने कहा सबके पास हृदय है और वह हृदय एक ही चीज़ की पुकार कर रहा है कि "इस जीवन के अंदर शांति होनी चाहिए। किसी तरीके से यह जीवन सफल हो। मैं अपने जीवन में असली शांति का अनुभव कर सकूं#
#उन्होंने कहा कि दुनिया के अंदर सभी की यही ख़्वाहिश है। जब तक उस चीज़ का अनुभव नहीं हो जाता, तब तक सारी कहानी अधूरी है। इसका निर्णय कौन लेगा कि जीवन में शांति संभव है या नहीं? यह अनुभव की बात है। आपको ही अपने जीवन में निर्णय करना है कि आपको शांति हो गई है या नहीं हुई है, आपके जीवन में शांति है या नहीं है। इसके बारे में कोई दूसरा व्यक्ति निर्णय नहीं ले सकता है। प्रेम जी ने आगे बताया कि लोग भूल जाते हैं कि हमारे हृदय की ख्वाहिश क्या है? वह चीज़ जो आपके चेहरे पर आज मुस्कान लाती है, वह चीज़, जो आपको हर दिन प्रेरित करती है कि आप अपना जीवन सफल करो, उस चीज़ को पहचानो। उस चीज़ को अपने जीवन में आने दो। उस शांति को अपने जीवन में आने दो। जब तक नहीं आने देंगे, तब तक आप क्या हैं और आपकी सम्भावना क्या हैं, आपको पता नहीं लगेगा। आप नहीं जान सकेंगे कि "आप क्या हैं?" जिस शक्ति ने सारे संसार की रचना की है, आपको उसी शक्ति ने बनाया है#
#शांति भक्ति प्रेम जी कहते हैं कि लोग समझते हैं कि "शांति पाने के लिये सबकुछ छोड़ना पड़ेगा" नहीं, ऐसी बात नहीं है। इस दुनिया के अंदर रह करके, इस समाज के अंदर रह करके आप शांति का अनुभव कर सकते हैं- ऐसी है "शांति!" क्योंकि वह आपकी निजी बात है। आपके अंदर की बात है। अगर कहीं से अँधेरा निकालना है, तो वहां ज्योति की जरूरत है, प्रकाश की जरूरत है। आपको अपने जीवन के अंदर जो कुछ भी करना है, कीजिये, परन्तु एक काम और कीजिये - अपने अंदर की प्यास को भी जरूर बुझाइये। किसी चीज़ को छोड़ने की जरूरत नहीं है, त्यागने की जरूरत नहीं है। आप जो भी हैं, आप धन्य हैं, क्योंकि आप जीवित हैं#
#कार्यक्रम के समापन पर कार्यक्रम के संचालक आरेंद्र कुशवाहा ने बताया कि आप लोग अपने घर पर मोबाइल पर टाइमलेस टुडे,प्रेमरावत आफीसियल यूट्यूब, प्रेमरावत डाट काम पर देख व सुन सकते हैं#
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