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#हरदोई:- सचिव की भ्रष्ट कार्यशैली से तंग आकर पीड़ित ने डीएम व मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, IGRS में भ्रामक आख्या लगाकर जारी कर दिया था फर्जी डेथ सर्टिफिकेट#



#हरदोई:- सचिव की भ्रष्ट कार्यशैली से तंग आकर पीड़ित ने डीएम व मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, IGRS में भ्रामक आख्या लगाकर जारी कर दिया था फर्जी डेथ सर्टिफिकेट#

#हरदोई: जनपद के डीएम मंगला प्रसाद सिंह की मेहनत और बलबूते पर जिले की जनसुनवाई/आईजीआरएस प्रणाली के बेहतरीन क्रियान्वयन पर भले ही विगत दिनों जिले को प्रदेश में तीसरा स्थान मिल गया हो या जिले में विगत दिनों दौरे पर आई लखनऊ मंडल की आयुक्त रोशन जैकब द्वारा आईजीआरएस में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सराहना मिली हो लेकिन इसके बावजूद भी जिले में कुछ अधिकारी अपनी भ्रष्ट कार्यशैली के चलते शिकायतों में पूरी तरह से फर्जी आख्या लगाकर मनमाने ढंग से निस्तारण कर डीएम की मेहनत पर जमकर पानी फेरते हुए पीड़ित आवेदकों का आर्थिक और मानसिक शोषण कर रहे हैं। जनपद में जनसुनवाई में गुणवत्तापूर्ण निस्तारण की पोल खोलती ये रिपोर्ट पढ़कर शायद आप भी धरातल की हकीकत से वाकिफ हो जाएंगे#

#ताज़ा मामला जिले के *विकासखण्ड कछौना* की *ग्राम पंचायत-गौसगंज* से संबंधित है। गौसगंज निवासी गोविंद ने अपनी मां महदेई के 12-01-24 को निधन होने पर उनका मृत्यु प्रमाण पत्र बनने के लिए सातवें दिन(19-01-24) ही सभी प्रपत्रों के साथ अपना आवेदन गौसगंज के ग्राम पंचायत अधिकारी संतोष कुमार को उपलब्ध कराया था। कई बार पंचायत कार्यालय व ब्लॉक के चक्कर काटने के बाद पीड़ित गोविंद को यही आश्वासन मिलता रहा कि आज-कल में ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हो जाएगा। धीरे-धीरे रास्ता देखते हुए जब आठ महीने का समय बीत गया तब आर्थिक और मानसिक तौर पर परेशान गोविंद ने सितंबर,24 में सचिव की भ्रष्ट कार्यशैली से आजिज आकर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन/आईजीआरएस पर शिकायत कर दोषी सचिव पर कार्रवाई की मांग की। मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत होने पर सचिव व स्वयं ही कछौना ब्लॉक में प्रभारी एडीओ पंचायत भी नियुक्त होने के चलते अपने ही विरुद्ध शिकायत पर खुद जांच करते और अपने को बचाते हुए फर्जी/भ्रामक आख्या और फर्जी गवाहों के हस्ताक्षर के साथ मृतक महिला की मृत्यु तिथि 19-01-24 दर्शाने की बात कहकर पीड़ित को ही झूठा ठहराने की कोशिश की जबकि पीड़ित ने अपने आवेदन के साथ अपनी मां के दाह-संस्कार के पश्चात मेंहदीघाट(कन्नौज) पर स्थित कार्यालय द्वारा मृतक पंजीकरण रसीद भी प्रस्तुत की थी जिस पर मृत्यु तिथि 12 जनवरी,2024 अंकित थी। वहीं शिकायत के बाद सचिव संतोष कुमार ने जो डेथ सर्टिफिकेट जारी भी किया वो फर्जी था, डेथ सर्टिफिकेट में पंजीकरण/जारी तिथि 23-09-24 दिखाई गई जोकि सचिव की घोर लापरवाही और भ्रष्ट कार्यशैली को साफ तौर पर प्रदर्शित कर रही थी। जब इस संबंध में कछौना ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी विजय नारायण राजपूत को अवगत कराया गया तब उन्होंने सचिव की ही तरफदारी/बचाव करते हुए 06-10-24 की डेट का एक और(दूसरा) डेथ सर्टिफिकेट जारी करवा दिया। अब उक्त प्रकरण में मृतका के दो-दो मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होना अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है#

#वहीं इस संदर्भ में जिले की मुख्य विकास अधिकारी(सीडीओ) सौम्या गुरुरानी से वार्ता करने पर उन्होंने सचिव के इस कृत्य को अक्षम्य बताते हुए कार्रवाई की बात कही है। पीड़ित आवेदक गोविंद ने बताया कि ब्लॉक में बिना चढ़ावा चढ़ाए आम-जनमानस का कोई काम नहीं होता है। पिछले आठ-नौ महीनों से सचिव के पास दौड़ लगाने के बावजूद भी इस भ्रष्ट अधिकारी ने उसकी मां का ठीक से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं किया, जिससे उसे आर्थिक और मानसिक तौर पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। ब्लॉक में इस सचिव द्वारा एक शैलेन्द्र नाम का प्राइवेट कर्मचारी भी रखा गया है जोकि कार्यालय आने वाले लोगों से काफी अभद्रतापूर्वक व्यवहार करता है। पीड़ित ने संपूर्ण मामले पर अब डीएम व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दोषी सचिव पर कार्रवाई के साथ न्याय की मांग की है#

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