#हरदोई:- कोच पूनम तिवारी के नेतृत्व में हरियाणा की धरती पर यूपी का शानदार प्रदर्शन#
#हरदोई:- कोच पूनम तिवारी के नेतृत्व में हरियाणा की धरती पर यूपी का शानदार प्रदर्शन#
#हरदोई: 34वी नेशनल स्ट्रेंथलिफ्टिंग एंड इंक्लाइन बेंच प्रेस चैंपियनशिप 2024 -2025 सब जूनियर, जूनियर, सीनियर, मास्टर, दिव्यांग (महिला और पुरुष) का आयोजन 1 से 6 जनवरी को हरियाणा के लोहारू में आयोजित हुई। कोच पूनम तिवारी के नेतृत्व में यूपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए महिला वर्ग में एक गोल्ड 03 रजत पदक और 02 ब्रॉन्ज पदक जीते#
#पुरुष वर्ग में 04 गोल्ड 02 रजत और 03 कांस्य पदक प्राप्त किए। महिला वर्ग में सब जूनियर वर्ग में (स्ट्रेंथलिफ्टिंग में) 52 भार वर्ग में अंजलि कन्नौजिया- रजत पदक, प्रिया गुप्ता 71भार वर्ग में रजत पदक प्राप्त किया। इन्क्लाइन बेंच प्रेस में प्रिया गुप्ता 71 भार वर्ग में कांस्य पदक, सीनियर वर्ग में पारुल सिंह यादव ने कांस्य पदक जीता#
#पुरुष वर्ग में मास्टर वर्ग 95 किग्रा स्ट्रेंथलिफ्टिंग ऐंड इन्क्लाइन बेंच प्रेस में रजत सिंह राठौर स्वर्ण पदक, प्रणव मिश्रा 115 भार वर्ग में स्वर्ण पदक एवं कांस्य पदक मास्टर वर्ग। विजेता खिलाड़ियों का शंकर व्यायाम शाला में भव्य स्वागत किया गया#
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#सरस्वती सदन सभागार में कवियों व कवयित्रियों ने रचनाओं से बांधा समां#
#हरदोई: प्राचीनतम साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था श्री सरस्वती सदन के तत्वावधान में मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन सदन सभागार में जनपद की वरिष्ठ कवयित्री सीमा गुप्ता 'असीम' की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। जिसमें उपस्थित कवियों ने विभिन्न विधाओं से ओत-प्रोत रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। सदन उपाध्यक्ष श्रवण मिश्र राही ने आगत रचनाकारों का स्वागत किया। इसके पश्चात वरिष्ठ कवि राजकुमार सिंह 'प्रखर' ने वाणी वंदना के साथ ही देशप्रेम की बात करते हुए कहा कि हीरा-मोती सी धरती पर, क्या कुर्बान करूं। मेरे देश की धरती बोल, तेरे मैं क्या-क्या नाम धरूं। रस परिवर्तन करते हुए युवा कवि कृतार्थ पाठक ने श्रृंगारिक रचना पढ़ते हुए कहा- यूं नहीं मन हारते हैं, ये परीक्षा की घड़ी है। दीप-सा जलना पड़ेगा, द्वार पर रजनी खड़ी है। इसी क्रम में सुकवि उदयराज सिंह उदय ने कहा कि मदमस्त घटाओं बिन अभिसार अधूरा है। प्रेमी के बिना तन पे, श्रृंगार अधूरा है। गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहीं वरिष्ठ कवयित्री सीमा गुप्ता 'असीम' ने अपनी बात कुछ इस तरह कही- दण्ड देकर साम गाकर, भय भरो अब हर उरग में। सांझ गहरी हो रही है, अब जला दो दीप मग में। ओज के सशक्त हस्ताक्षर आदर्श द्विवेदी प्रशस्त ने कहा कि आंख उठी जब वंदेमातरम् पर टकराना सीखा है/ कुरुक्षेत्र की समर अग्नि में, धनुष उठाना सीखा है। कवि सुधीर अवस्थी परदेशी ने कहा - भाग रही बिटिया देखो, प्रेम प्यार के नाम पर/ ऐ समाज वालों क्या ग़लती, मुझको तू बदनाम न कर। युवा कवि रुद्राक्ष श्रीवास्तव ने मन की पीड़ा की बात करते हुए कहा - तन की चोट तो सबको नजर आए/ मन के घाव कोई कैसे दिखाए। संचालन कार्यसमिति सदस्य कुलदीप द्विवेदी ने तथा आभार प्रदर्शन सदन के मंत्री मनीष कुमार मिश्र ने किया। इस अवसर पर प्रो. अखिलेश वाजपेयी, अभिषेक अग्निहोत्री, राजीव दुबे, अर्नव पाल आदि उपस्थित रहे#
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