Breaking News

#हरदोई:- विपरीत परिस्थितियों में भी जीवन जीने की कला सिखाता है सत्संग- अजय याज्ञनिक#



#हरदोई:- विपरीत परिस्थितियों में भी जीवन जीने की कला सिखाता है सत्संग- अजय याज्ञनिक#

#बेंगलुरु: सत्संग विपरीत परिस्थितियों में भी जीवन जीने की कला सिखाता है। सत्संग किसको, कब और किसके माध्यम से मिलेगा, यह निर्धारण ईश्वर ही करता है। यह विचार सुंदरकांड मर्मज्ञ अजय याज्ञनिक ने बन्नेरघट्टा रोड स्थित श्री खाटू श्याम मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में सुंदरकांड की संगीतमय कथा में व्यक्त किए। श्री खाटू श्याम ट्रस्ट के सुशील राणा ने अन्य ट्रस्टियों के साथ कथा व्यास का माल्यार्पण व अंगवस्त्र भेंट करके स्वागत किया#

#श्री याज्ञनिक ने कहा कि नित्य दिन की शुरुआत करते समय हनुमान जी से यह प्रार्थना करनी चाहिए कि वह उनके विकारों और क्लेशों को दूर करके बल, बुद्धि और विद्या प्रदान करें। श्री राम और सीता जी सहित हृदय में निवास करें। सुंदरकांड से जीवन को सुंदर बनाने की प्रेरणा देते हुए उन्होंने कई कथा प्रसंगों के माध्यम से समझाया कि हनुमान जी ने बंदर का शरीर पाकर भी जीवन को सुंदर बना लिया। हम मनुष्य का शरीर पाकर भी अपने जीवन को सुंदर बनाने का समुचित प्रयास नहीं करते। अपनी प्रशंसा मत कीजिए। ऐसे काम कीजिए कि आपसे अधिक समर्थ और प्रतिभावान लोग स्वयं आपकी सराहना करें। श्री राम ने स्वयं हनुमान जी के कर्मों की प्रशंसा करते हुए कहा कि तुम हमें भरत के समान प्रिय हो#

#उन्होंने सलाह दी कि बोलने से ज्यादा सुनने का अभ्यास करना चाहिए। परिवार के सभी सदस्यों को कम से कम 1 घंटा एक साथ बैठकर बातचीत करना चाहिए व  हंसना-हंसना चाहिए। इस दौरान टीवी और मोबाइल भी बंद कर देना चाहिए। इस मौके पर कथा के साथ प्रस्तुत किए गए भक्ति गीतों पर श्रोता भाव विभोर हुए#

No comments