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#प्रयागराज:- वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अपने माता-पिता के साथ पधारी परमार्थ निकेतन#


#प्रयागराज:- वित्तमंत्री  निर्मला सीतारमण अपने माता-पिता के साथ पधारी परमार्थ निकेतन#

#परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने शंखध्वनि, पुष्पमाला व वेदमंत्रों से किया अभिनन्दन#

#स्वामी चिदानन्द सरस्वती  और साध्वी भगवती सरस्वती  के पावन सान्निध्य उत्तर प्रदेश शासन के उद्योग मंत्री नंद गोपाल गुप्ता के साथ में संगम आरती में किया सहभाग#

#प्रयागराज: परमार्थ निकेतन शिविर प्रयागराज में वित्त मंत्री भारत सरकार,  निर्मला सीतारमण का आगमन हुआ। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने उनका शंखध्वनि, पुष्पमाला और वेदमंत्रों से संगम की धरती पर  अभिनंदन किया#

#स्वामी चिदानन्द सरस्वती  और साध्वी भगवती सरस्वती के पावन सान्निध्य में  निर्मला सीतारमण और उद्योगमंत्री, उत्तरप्रदेश सरकार,  मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी  ने संगम आरती में सहभाग किया। श्रीमती निर्मला सीतारमण जी को हिमालय की हरित भेंट, रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया#

#स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत की विŸामंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी श्रवण कुमार से कम नहीं हैं, वे अपने माता पिता को महाकुम्भ की यात्रा पर करा रही है। उन्होंने कहा भारत ने कभी ताकत और तलवारों के बल पर राज नहीं है किया बल्कि संस्कृति व संस्कारों के बल पर राज किया। भारतीय संस्कृति का संस्कार ही मातापिता का स्वीकार था, है और रहेगा#

#स्वामी जी ने कहा कि नारी तो घर की क्यारी है और हमारी वित्तमंत्री तो भारत की क्यारी का अद्भुत पुष्प है। उन्होंने कहा यह समय अपना फर्ज निभाने और कर्ज चुकाने का है। अगर हम भारत के लिये कुछ कर सकते हैं तो यही समय है, सही समय है इसलिये हम सब मिलकर अपने राष्ट्र को महान राष्ट्र बनाये#

#स्वामी जी ने कहा कि यह मृत कुम्भ नहीं महान कुम्भ है। पूरे संगम में कहीं भी किसी ने नहीं देखा कि ये इसका घाट है या ये उसका घाट है बल्कि यह तो संगम का घाट है। संगम पर आकर सब समान और सब का सम्मान और यही दर्शन व संदेश हमें संगम दे रहा है। संगम के तटों पर करोड़ों लोग पटे हैं फिर भी लोग कहते हैं कि हम बंटे हैं, कहां बंटे हैं हम लोग#

#महाकुम्भ से पूरे विश्व के लिये यह आह्वान है कि इस देश की एकता व एकजुटता को देखना है तो चलें आओं संगम के तट पर। संगम के तटों पर सनातन नृत्य कर रहा है। जब तक सनातन है तब तक सेक्युलरिज्म है और जब तक सनातन है तब तक संविधान है। स्वामी जी ने कहा कि सोच सही हो तो सब कुछ सही होता है। उन्होंने इस वर्ष के बजट की भूरि-भूरि प्रशंसा की#

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