#हरदोई:- शाहाबाद- आरोपियों से गठजोड़ के कारण नही तामील हो पा रहे सम्मन/ वारंट#
#हरदोई: शाहाबाद- ज़ब पुलिस का आरोपियों से गठजोड़ हो तो अदालत तक के आदेश/निर्देश ताक पर रख दिये जाते हैं। चाहें अदालत आरोपियों को हाजिर होने के लिये कितनी बार भी सम्मन जारी करे या हाजिर न होने पर वारंट तक जारी कर दे,लेकिन यदि आरोपी रसूखदार है या हल्का पुलिस से अच्छी पैठ है, तो अदालतों के आदेश/निर्देश उनके लिये कोई मायने नही रखते हैं। ऐसा ही एक मामला शाहाबाद कोतवाली के हल्का 03 में सामने आया जहाँ पिछले एक बर्ष से अदालत द्वारा आरोपी अमित,अंबरीश,मनोज आदि को कई वार अदालत में पेश होने के लिये सम्मन जारी किया,लेकिन रसूखदार होने के चलते पुलिस से गठजोड़ इतना तगड़ा हो गया,कि उनकी चाय तो पी लेकिन अदालत का सम्मन तामील कराना मुनासिब नही समझा,अदालत में हाजिर न होने पर आरोपियों के बिरुद्ध अदालत दो बार बीडब्ल्यू वारंट भी जारी कर चुकी है,फिर भी पुलिस ने आरोपियों को तामील कराना उचित नही समझा,हलांकि हल्का पुलिस समय -समय पर अदालत द्वारा जारी आदेश/निर्देश आरोपियों को बता जरूर देती है,लेकिन अदालत के आदेश/निर्देश पालन कराना जरुरी नही समझती। यह कोई ऐसा एक मामला नही है,कई अन्य मामलों में हल्का पुलिस का यही हाल है। ज़ब इस संबंध में जिम्मेदार पुलिसकर्मी जंगबहादुर यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया समय ही नही मिलता जो सम्मन/जमानती वारंट तामील कराएं,हाँ मुझे जानकारी है जल्द ही तामील करा देंगे। लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न यह है,कि ज़ब अदालत ने उक्त आरोपियों के बिरुद्ध पिछले एक बर्ष में कई बार सम्मन व बीडब्ल्यू जारी किया तो आज तक हल्का सिपाहियों ने अदालत की अवहेलना कर तामील तक कराना उचित क्यों नही समझा#
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