#हरदोई:- कृषि विभाग कृषकों को जैवकि खेती, फसल बीमा, डिजिटल क्राप सर्वे आदि योजनाओं के बारे में दी गई जानकारी#
#हरदोई:- कृषि विभाग कृषकों को जैवकि खेती, फसल बीमा, डिजिटल क्राप सर्वे आदि योजनाओं के बारे में दी गई जानकारी#
#हरदोई: उपनिदेशक कृषि ने बताया है कि भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार एवं जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में कृषको को विकसित कृषि सकंल्प अभियान-2025 का आयोजन 29 मई से 12 जून 25 तक किया गया। जिसमें कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिको एंव कृषि के सहयोगी विभाग के अधिकारियो व कर्मचारियों द्वारा कृषको को नयी तकनीकी जानकारी व उपरोक्त कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य प्रयोगशाला से खेत तक (Lab to Land) है। अभियान के अन्तर्गत जनपद की कुल 137 ग्राम पंचायतो में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें माननीय विधायक सवायजपुर मानवेन्द्र प्रताप सिंह, मा० विधायक साण्डी प्रभाष कुमार मा० विधायक बालामऊ, रामपाल वर्मा, मा० विधायक बिलग्राम मल्लावां आशीष सिंह आशू मा० विधायक जी के साथ ही व्लाक प्रमुख हरपालपुर अनोखे लाल व्लाक प्रमुख भरावन रविप्रकाश, व्लाक प्रमुख मल्लावां, गीता वर्मा, व्लाक प्रमुख शाहाबाद त्रिपुरेश मिश्रा, व्लाक प्रमुख माधौगंज अशोक सिंह के साथ ही समस्त ग्राम प्रधानो, मण्डल अध्यक्षों एवं प्रगतिशील कृषको ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया। इसके अतिरिक्त जिला कृषि अधिकारी, कृषि रक्षा अधिकारी, उप सम्भंगीय कृषि प्रसार अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, जनसेवा केन्द्र संचालक के साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० ए०के० तिवारी, डा० पंकज नौटियाल, डा० त्रिलोकी नाथ डा० त्रिलोक सिंह डा० अंजली साहू, डा० डी०वी० सिंह डा० प्रिया वशिष्ठ व डा० मोहित सिंह के अतिरिक्त, CSSRI संस्थान लखनऊ के निदेशक ए०के० दुबे जी के साथ ही प्रमुख वैज्ञानिक डा० संजय अरोरा, डा० चन्द्रशेखर सिंह एवं डा० अर्जुन सिंह द्वारा भी उपरोक्त कार्यकमों में प्रतिभाग करते हुये कृषको को नयी व उपयोगी जानकारी देने के साथ कृषको को अधिक से अधिक, जैविक खेती, गौ आधारित प्राकृति खेती करने हेतु, नैनो यूरिया का प्रयोग, बुबाई से पूर्व बीज शोधन करने संतुलित उर्वरक, डीएसआर विधि से धान की बुबाई धान की नर्सरी, तिलहनी व दलहनी फसला के क्षेत्र को बढाना, आदि की जानकारी दी गई इसी के साथ उनके द्वारा बताया गया कि कृषक कैसे अपनी कृषि लागत को कम कर ज्यादा उत्पादकता प्राप्त करे। जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके । कृषि व सहयोगी विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रमाणित बीजो पर अनुदान, कीटनाशक, मृदा स्वाथय कार्ड, कृषि विवधीकरण, सहफसली खेती जैसे (गन्ना के साथ उर्द व मूंग व उद), किसानो को ए०पी०ओ० व बाजार से जोडना खाद, फसल बीमा, पीएम किसान, सोलर पम्प पराली प्रबन्धन फार्मर रजिस्ट्री, डिजिटल काप सर्वे, किसान क्रेडिट कार्ड, सोलर पंप, मैकेनाइजेशन, निवेशों की व्यवस्था जलभराव क्षेत्रो में तीन से चार माह तक मछली उत्पादन, मधुमख्खी पालन, उद्याानीकरण, बागवानी में आम नीबू आदि, पशुपालन में नंदीग्राम योजना के अन्तर्गत गौपालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन आदि, स्पिंकलर विधि से सिंचाई, पाली हाउस के माध्यम से बेमौसमी फल व सब्जी उत्पादन, आदि पर चर्चा की गई। इसके साथ ही कृषको को ज्यादा से ज्याद जैविक खाद के उपयोग को बढावा देने, मक्का को नगदी फसल के रूप में व बीज उत्पादकता बढ़ाने एवं आय प्राप्त करने सम्बन्धी जानकारी भी दी गई। सरकार द्वारा कृषको के हित में चलाई जा रही जैवकि खेती, फसल बीमा, डिजिटल काप सर्वे आदि योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। इसी प्रकार कृषि के सहयोगी विभाग यथा गन्ना, उद्यानीकरण, मत्स्य, पशुपालन कोपरेटिव, एल०डी०एम० सिचाई आदि के अधिकारियों द्वारा द्वारा भी कार्यकमो में उपस्थित होकर अपने विभाग से सम्बधित जानकरी से कृषको को अवगत कराया। उपरोक्त कार्यक्रमों में कुल 40455 कृषको जिसमें पुरूष 27743 एवं 12712 महिला द्वारा प्रतिभाग किया गया है#
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