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#हरदोई:- पिहानी- कुरआन ए पाक पर है दीन और मजहब ए इस्लाम का दारोमदार- मुफ्ती मुस्तकीम#

#हरदोई:- पिहानी- कुरआन ए पाक पर है दीन और मजहब ए इस्लाम का दारोमदार- मुफ्ती मुस्तकीम#

#हरदोई: पिहानी- अंजुमन खुद्दाम ए सहाबा की जानिब से होने वाले सोलह रोज़ा जलसे के आठवीं तारीख को हापुड़ से तशरीफ लाए मुफ्ती मुस्तकीम कासमी ने खिताब किया। मौलाना ने फरमाया अल्लाह ने अपने दीन को बंदों तक पहुंचाने के लिए अपने खास लोगों को चुना और उनसे ये दीन हम तक पहुंचाया वो खास लोगों को पैगम्बर और रसूल कहा जाता है। अल्लाह ताला ने इस कायनात को पैदा करने के बाद दो चीजों को लागू क्यों कि इस कायनात से फायदा उठाना दूसरे अल्लाह की मर्ज़ी के मुताबिक जिंदगी गुज़ारना। अल्लाह ने हुज़ूर स के बाद नबियों के आने का सिलसिला बंद कर दिया। अब नबियों वाला काम उलमाए क्राम नबी के वारिस हैं। नबियों वाला काम क़यामत तक ये उलमा करते रहेंगे। चौदह सौ साल पहले जो दीन था आज भी वहीं दीन मौजूद है। इसमें कोई ज़र्रा बराबर भी बदलाव न हुआ है न होगा। मौलाना ने आगे फरमाया इस कुरआन पाक की हिफाज़त की जिम्मेदारी अल्लाह ने खुद ली है और मजहब ए इस्लाम का दारोमदार कुरआन पर है। तमाम सहाबा कुरआन ए पाक के हाफ़िज़ है हज़रत अबूबकर के दौरे खिलाफत में तमाम सहाबा की मौजूदगी में कुरआन पाक को लिखा गया तो पता ये चला जब सहाबा का जमा किया हुआ कुरआन उम्मत में मकबूल है तो सहाबा की शख्सियत क्यों बक़बूल नहीं होगी अगर सहाबा की शख्सियत से एतमाद उठ गया तो कुरआन करीम और पूरी शरीयत से एतमाद उठ जाएगा सहाबा की जमाअत वो जमाअत है जिसने अल्लाह के रसूल का हर हाल में साथ दिया हज़रत अबूबकर हिजरत के सफर में इतने खतरात के बावजूद अपने कांधों पर हुज़ूर को सवार किए हुए गारे सौर की तरफ जा रहे हैं इस लिए हज़रत अबूबकर को यारे गार के लक़ब से नवाज़ा गया हुज़ूर ने फरमाया अवूबकर जो नसीब तेरा है वो किसी और का नहीं#

#हज़रत मौलाना रुहुल्ला बिहारी की सदारत में होने वाले जलसे की निज़ामत हाफ़िज़ अतीक इमाम मस्जिद उस्मान गनी ने की तिलावत हाफ़िज़ मोहम्मद मुज़म्मिल नात ए पाक का नज़राना मोहम्मद फरहान ने पेश किया। हज़रत मौलाना मुफ्ती मुस्तकीम की दुआ के बाद जलसे का समापन हुआ#

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