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#आईपीएस डॉ. सतीश कुमार के लालच की इंतिहा हद से गुजर गई: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया भरोसा, आरोपी चाहे कोई भी हो, कानून करेगा अपना काम#


#आईपीएस डॉ. सतीश कुमार के लालच की इंतिहा हद से गुजर गई: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया भरोसा, आरोपी चाहे कोई भी हो, कानून करेगा अपना काम#

#लखनऊ: ददरौल (शाहजहांपुर) के पूर्व विधायक देवेन्द्र पाल सिंह की बिटिया कृति सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलीं। उन्हें पति आईपीएस डॉ. सतीश कुमार के विरुद्ध दर्ज एफआईआर और समाचार में प्रकाशित कतरनें दिखाई। कृति के अनुसार, उनकी व्यथा सुन मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है, प्रदेश में किसी महिला से न अन्याय होगा और न किसी से भयभीत होने की जरूरत है। आरोपी चाहे कोई हो, कानून अपना काम करेगा। हालांकि, आईपीएस डॉ. सतीश कुमार ने अपना ’अर्थाथ’ हासिल होने के बाद क्या कुछ गुल खिलाए, कृति ने सीएम को बताया#

#कृति गर्भावस्था के अंतिम दिनों में थीं, आईपीएस पति चला गया विपश्यना साधना करने : 24 मई 2019 को कृति ने बेटी अदविता सिंह को जन्म दिया। लेकिन, पिता के तौर पर भी आईपीएस डॉ. सतीश कुमार का क्रूर चेहरा सामने आया। कृति के अनुसार, जब वह पेट से थीं, तब भी पति ने प्रताड़ना में कोई कमी नहीं की। गर्भावस्था के अंतिम दिनों में जब पति की अत्याधिक आवश्यकता थी, उस समय उसे अकेला छोड़कर विपश्यना केंद्र (बख्शी का तालाब लखनऊ) चले गए। जहां, 10 दिन किसी भांति संपर्क नहीं किया जा सकता था#

#बिटिया अदविता के जन्म पर ससुराल वालों ने तानों से किया जीना मुहाल : कृति बताती हैं, पुत्री होने के बाद पति, सास, ससुर और देवर उग्र हो गए। कहने लगे, तेरी माँ के भी तीन लड़कियां हैं और तूने भी लड़की पैदा कर दी है। माँगा हुआ दहेज़ अभी तक नहीं मिला है। गाली गलौज व मारपीट से तंग होकर मायके आ गई। हालांकि, बाद में माता-पिता को समझा कर कृति और बेटी अदविता को लेकर तैनाती स्थल एसडीआरएफ कॉलोनी में रहने लगे। पर, कुछ दिन में ही सतीश ने फिर अपना असली रंग दिखाया और प्रताड़ना शुरू कर दी। थक-हार कर पूर्व विधायक ससुर देवेन्द्र पाल सिंह ने कृषि भूमि 0.559 व 0.264 हेक्टेयर (ग्राम सिकन्दरपुर कलां परगना कांट तहसील सदर शाहजहांपुर) 09 जनवरी 2020 को दान-पत्र के रूप में आईपीएस डॉ. सतीश कुमार को रजिस्ट्री कर दी#

आईपीएस डॉ. सतीश कुमार

#पूर्व विधायक ने मकान किया बिटिया के नाम, पति ने मां-बेटी को किया बे-घर : लेकिन, सतीश लालच का नंगा नाच करता रहा। खेत-पात हासिल करने के बाद उसने पूर्व विधायक की लखनऊ स्थित सम्पत्ति पर दृष्टि गड़ा दी। कृति के अनुसार, उसे इतना मारा कि दोनों कान के परदे फट गए। मुँह सहित शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आईं। बाँई आँख क्षतिग्रस्त हो गई। उसके खाना और कपड़ों पर रोक लगा दी। पति ने कहा, लखनऊ का मकान उसके नाम करें, अन्यथा माता-पिता को झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवा देगा। तंग होकर माता-पिता से बताया। बेटी का घर नहीं उजड़े, इसलिए माँ ने लखनऊ का मकान उसके (कृति के) नाम 14 नवंबर 2022 को रजिस्ट्री कर दी। ससुराल वाले संतुष्ट नहीं हुए। मकान डॉ. सतीश कुमार के नाम करने का दबाव बनाने लगे। अंततः मारपीट कर 02 जुलाई 2024 की शाम घर से निकाल दिया- तब से पुत्री संग मायके में रह रही है#

पिता-फूफा फिर गए चिरौरी करने, पर डिमांड पूरी होने तक मिलने से किया इनकार : कृति सिंह के मुताबिक, उसके पिता एवं फूफा अनंत कुमार सिंह एसडीआरएफ कॉलोनी गए। दोनों को अतिथि गृह में बिठाया गया। बहुत बुलाने पर भी डॉ.सतीश कुमार बातचीत के लिए नहीं आए। जवाब भिजवाया, कहा जब तक दहेज की पूर्ति नहीं करेंगे, समझौते की कोई बात नहीं होगी। पानी सिर से ऊपर जाने पर भयभीत कृति ने शाहजहाँपुर जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में दिनाँक 08 जुलाई 2024 को प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया। पति डॉ.सतीश कुमार, ससुर श्रीकृष्ण सिंह, सास ललिथा देवी और देवर राजेश कुमार के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करवा कानूनी कार्यवाही की मांग की। लखनऊ मध्य के हजरतगंज थाने में चारों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हो चुकी है। लेकिन, फिलहाल कार्यवाही रुकी हुई है। हालांकि, मुख्यमंत्री से आश्वासन के बाद कृति को न्याय की आस बंधी है#

#जालिम पुलिस अफसर ने बरेली के केशरी कुनबे पर भी कम कहर नहीं बरपाया# 

आईपीएस डॉ.सतीश कुमार ने डॉ.केसरी की संपत्ति हथियाने के लिए पहले ही उतार दिया था मौत के घाट

#लखनऊ: आईवीआरआई (बरेली) के सेवानिवृत्त प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रमेश चन्द्र केशरी के पारिवारिक विवाद के वक्त डॉ. सतीश कुमार (आईवीआरआई का पूर्व छात्र) तत्कालीन सीओ सिटी/एसपी (ग्रामीण) बरेली के थे। पारिवारिक विवाद में डॉ. केशरी के सलाहकार की सक्रिय भूमिका में थे। डॉ. केशरी की बेटी डॉ. पुनीता केशरी के अनुसार, पिता के दो फिक्स डिपॉजिट 2,58,58,912 (बैंक आफ इण्डिया, न्यू बरेली ब्रांच) थी#

#आईपीएस सतीश कुमार ने पिता को झांसे में लेकर फिक्स डिपॉजिट अपने पिता श्रीकृष्ण सिंह के खाते में 16 नवम्बर 2021 को ट्रांसफर करा लिया। 16 नवंबर 2021 को करा लिए। बाद में पिता डॉ. केशरी के भारी दबाव के चलते हीलाहवाली के बाद चार किस्तों में 18,00,000 रुपए ही वापस किये। बाकी पैसे वापस न करना पड़े और पारिवारिक विवाद की पृष्ठभूमि में अन्य मूल्यवान परिसम्पतियों को हड़पने के उद्देश्य से सतीश कुमार ने पिता का बीमारी की हालत में अपने सहयोगी डॉ. अखिलेश मिश्रा से 19 मई 2022 को अपहरण कराया#

#17 जून 2022 को कूटरचित वसीयत बनवाई। 5 नवंबर 2022 को श्रीकृष्ण सिंह और सहयोगियों संग षड़यंत्र रच डॉ. केशरी को जान से मार दिया। वह पारिवारिक आवास (5-उदयन पार्ट-2 महानगर बरेली) के मात्र सह-स्वामी थे। वह वेतनभोगी शिक्षाविद थे जिनकी तत्समय केवल पेंशन व बैंक ब्याज की ही आय थी। पिता ने कभी सोना नहीं खरीदा। कथित वसीयत में रु 75,00,000 लाख नकद और 500 ग्राम सोने का उल्लेख सतीश ने काली कमाई सफेद करने के लिए किया। पिता की हत्या के बाद सतीश कुमार ने पारिवारिक आवास हड़पने के लिए प्रभाव का प्रयोग कर चोरी का मामला पंजीकृत कराया, जो कई बार की जांच के बाद भी झूठा पाया गया#

आईपीएस डॉ.सतीश कुमार

#आईपीएस सतीश कुमार के प्रभाव में मुकदमे की फाइनल रिपोर्ट न्यायालय में प्रेषित नहीं की गई। सतीश ने जाली व झूठे अभिलेखों का प्रयोग कर बिजली विभाग (एमवीवीएनएल) के एसडीओ (बरेली महानगर) रखेन्द्र कुमार से सांठगांठ कर पिता डॉ. केशरी के नाम से संचालित विद्युत संयोजन सतीश ने अपने नाम परिवर्तित करा लिया। डॉ.पुनीता केशरी ने 10 जनवरी 2024 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (बरेली) को प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की गुजारिश की#

#2 मामले, 2 पीड़ित महिलाएं, निगाहें दोनों को न्याय पर : पूर्व विधायक ददरौल की बिटिया कृति का मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच चुका है। डॉ.पुनीता के अनुसार उनके मामले की जांच एडीजी (कार्मिक) के स्तर पर है। बहरहाल, देखने की बात होगी, महिला सुरक्षा और अधिकार के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार में दोनों पीड़ितों को न्याय कब हासिल होगा#

डॉ. पुनीता केसरी पीड़िता

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