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#उरई:- जालौन- दो भाइयों की हत्या में पूर्व बसपा विधायक को उम्रकैद#



#उरई:- जालौन- दो भाइयों की हत्या में पूर्व बसपा विधायक को उम्रकैद#

#न्यायालय से हाथ हिलाते हुए बाहर आए,फीकी हंसी हंसते हुए पुलिस वैन में चढ़े#

#उरई: जनपद जालौन के बहुचर्चित 31 साल पुराने डबल मर्डर केस में बसपा के पूर्व विधायक छोटे सिंह चौहान को उम्रकैद की सजा हुई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने गुरुवार को फैसला सुनाया। सजा सुनाए जाने के बाद न्यायालय से बाहर निकले पूर्व विधायक ने हाथ हिलाते हुए अपने समर्थकों का अभिवादन किया#

#पूर्व विधायक ने कहा- वे इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे#

#1994 में प्रधानी चुनाव की रंजिश में दो हत्याएं हुई थी। पूर्व विधायक भी इस मामले में आरोपी बनाए गए थे।कोर्ट में पेश नहीं होने पर सोमवार को ही उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट (NBW) भी जारी किया गया था। गुरुवार को वकील के ड्रेस में पुलिस को चकमा देते हुए वह कोर्ट पहुंचे और सरेंडर कर दिया। छोटे सिंह 2007-2012 तक बसपा के टिकट पर कालपी विधानसभा सीट से विधायक रहे। इसके बाद 2022 में भाजपा में शामिल हो गए थे#

#फेसबुक पर पोस्ट कर लोगों से मांगा समर्थन#

#सजा सुनाए जाने के पहले बुधवार को छोटे सिंह चौहान ने फेसबुक पोस्ट करते हुए कहा#

#मुझे राजनैतिक षड्यंत्र में फंसाया जा रहा है। उक्त प्रकरण में मेरी किसी भी प्रकार की संलिप्तता नहीं थी। पर कुछ लोगों को मेरा क्षेत्र में रहना और सबके सुख-दुख में शामिल होना खल रहा था। षड्यंत्रकारी लोग सिर्फ़ षड्यंत्र करते रह जाएंगे, लेकिन मैं मरते दम तक अपने लोगों की आवाज को बुलंद करता रहूंगा। भले ही कितना संघर्ष देखना पड़े। मुझे पूरा विश्वास है की मेरे सभी साथी 11 सितंबर को सुबह 9 बजे जनपद न्यायालय उरई में पहुंचेंगे#

#कोर्ट के बाहर 14 थानों की पुलिस फोर्स को दिया चकमा#

#गुरुवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ईसी एक्ट कोर्ट में छोटे सिंह की सजा पर फैसला होना था। सुबह 8 बजे से ही कोर्ट के बाहर एएसपी प्रदीप कुमार वर्मा, सीओ माधवगढ़ अंबुज यादव, कालपी सीओ अवधेश कुमार सिंह, कोंच सीओ परमेश्वर प्रसाद, सिटी मजिस्ट्रेट राजेश वर्मा समेत 14 थानों की फोर्स, तैनात थी। योजना थी कि छोटे लाल चौहान को सरेंडर करने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।पर छोटे लाल चौहान पुलिस को चकमा देकर सुबह 10:15बजे वकील के भेष में सफेद शर्ट और काली पैंट पहनकर पहुंच गए। उन्हें अधिवक्ताओं ने घेर रखा था, जिसके कारण पुलिस को भनक नहीं लग सकी#

#11 बजे कोर्ट की सुनवाई शुरू हुई। 10 मिनट तक पूर्व विधायक छोटे सिंह चौहान के अधिवक्ता राजेश चतुर्वेदी द्वारा अपना पक्ष रखा गया, साथ ही एक प्रार्थना पत्र भी न्यायाधीश महोदय को दिया गया, इस दौरान अधिवक्ता द्वारा कम से कम सजा दिए जाने की अपील की। दोपहर 12:30 बजे कोर्ट का फैसला आया। जिसमें कोर्ट ने जस्टिस भारतेंदु सिंह की बेंच ने छोटे सिंह चौहान को उम्रकैद की सजा सुनाई। 302 के तहत 10 साल, 307 के तहत 4 साल और 148 की धारा के तहत 2 साल की सजा सुनाई गई#

#हाथ हिलाते हुए बाहर निकले, बोले- हाईकोर्ट जाएंगे#

#कोर्ट का फैसला सुनते ही छोटे सिंह चौहान के चेहरे पर मायूसी साफ देखी गई। हालांकि इसके बाद वे पुलिस कस्टडी में कोर्ट रूम से हाथ हिलाते हुए बाहर निकलते। उन्होंने कहा- मुझे न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। मेरे खिलाफ षडयंत्र किया जा रहा है। इस फैसले के खिलाफ मैं हाईकोर्ट जाउंगा। इस दौरान कोर्ट के बाहर छोटे सिंह चौहान के 500 समर्थक मौजूद थे#

#अब पढ़ें... 30 मई 1994 को कैसे हुआ दोहरा हत्याकांड#

#उरई: जालौन- के चुर्खी थाना क्षेत्र के बिनौरा बैध गांव में 30 मई 1994 को प्रधानी चुनाव की रंजिश को लेकर दोहरा हत्याकांड हुआ था। पीड़ित पक्ष के रामकुमार ने तहरीर में बताया था- दोपहर करीब 11:30 बजे वह अपने भाइयों, परिजनों और ग्रामीणों के साथ मकान के बरामदे में बैठा था। तभी गांव के रुद्रपाल सिंह उर्फ लल्ले गुर्जर, राजा सिंह, संतावन सिंह गुर्जर, करन सिंह उर्फ कल्ले और दो अज्ञात लोग हथियारों से लैस होकर अंदर घुस आए#

#रुद्रपाल उर्फ लल्ले ने साथियों से कहा- "सभी को घेर लो, कोई जिंदा न बच पाए।" इसके बाद अंधाधुंध फायरिंग शुरू हो गई। इस घटना में राजकुमार उर्फ राजा भैया और जगदीश शरण की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि वीरेंद्र सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे#

#पुलिस विवेचना में छोटे सिंह चौहान, अखिलेश, कृष्ण मुरारी, बच्चा सिंह और छुन्ना सिंह के नाम भी सामने आए। 18 फरवरी 1995 को इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय में सुनवाई शुरू हुई। इसी दौरान छोटे सिंह चौहान वर्ष 2007 में बसपा से कालपी विधानसभा के विधायक चुने गए। बाद में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई और प्रदेश सरकार ने केस वापस ले लिया। 19 मई 2005 को अपर सत्र एफटीसी ने छोटे सिंह की पत्रावली समाप्त कर दी थी#

#हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती#

#इस फैसले को वादी पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 24 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल और प्रदेश सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया और मामले की शीघ्र सुनवाई के निर्देश दिए। इसी क्रम में जालौन की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय/ईसी एक्ट कोर्ट में 27 अगस्त 2025 से सुनवाई शुरू हुई, जिसमें सोमवार को पूर्व विधायक कालपी छोटे सिंह चौहान को दोषी करार देते हुए 8 सितंबर 2025 को दोषी करार दिया गया। इस मामले में छोटे सिंह चौहान को सजा सुनाने के लिए कोर्ट ने 11 सितंबर की तारीख तय की#

#हलफनामा देकर नहीं हुए थे पेश#

#सोमवार को जब कोर्ट में सुनवाई हुई तो छोटे सिंह चौहान ने व्यक्तिगत कारण बताते हुए हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र दाखिल किया था, लेकिन अदालत ने इस प्रार्थना पत्र को निरस्त करते हुए उनके खिलाफ सोमवार को ही छोटे सिंह चौहान के खिलाफ गैर जमानती वारंट (NBW) जारी कर दिया था#

#राजनीति और विवादों से गहरा नाता रहा है#

#छोटे सिंह चौहान 2007 में बसपा से कालपी विधानसभा सीट से विधायक बने। बाद में 2021 में भाजपा में शामिल होकर 2022 का चुनाव निषाद पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर लड़ा, लेकिन 2816 वोटों से हार गए। उनका राजनीतिक सफर हमेशा विवादों में रहा और अब यह ऐतिहासिक फैसला उनके भविष्य पर बड़ा असर डाल सकता है#

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