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#हरदोई:- तहसील सदर- मानसिक रोग व बौद्धिक अक्षमताओं से ग्रस्त व्यक्तियों के कानूनी अधिकार व नशीले पदार्थों के दुरुपयोग व उसके बचाव के विषय पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन#


#हरदोई:- तहसील सदर- मानसिक रोग व बौद्धिक अक्षमताओं से ग्रस्त व्यक्तियों के कानूनी अधिकार व नशीले पदार्थों के दुरुपयोग व उसके बचाव के विषय पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन#

#हरदोई: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ, के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरदोई, के अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश संजीव शुक्ला जी सचिव/अपर जिला जज भूपेंद्र प्रताप जी के निर्देशानुसार तहसील विधिक सेवा समिति सदर सचिव/तहसीलदार श्री सचिंद्र कुमार शुक्ला जी के निर्देशन में मानसिक रोग व बौद्धिक अक्षमताओं से ग्रस्त व्यक्तियों के कानूनी अधिकार व नशीले पदार्थों के दुरुपयोग व उसके बचाव के विषय पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन जिला महिला चिकित्सालय हरदोई में किया गया l जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधीक्षका श्री सुबोध सिंह जिला महिला चिकित्सालय हरदोई द्वारा की गई और मानसिक एवं बौद्धिक अक्षमताओं से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई और फैमिली वेलफेयर काउंसलर डॉक्टर गरिमा शुक्ला के द्वारा बताया गया कि मानसिक एवं शारीरिक अक्षमताओं से ग्रस्त व्यक्ति को भी समाज में समान रूप से रहने का अधिकार है और ऐसे व्यक्तियों से हमें कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए। शिविर में लीगल एड क्लीनिक कीर्ति कश्यप के द्वारा जानकारी दी गई कि मानसिक रोग व बौद्धिक अक्षमताओं से ग्रस्त व्यक्तियों के कानूनी अधिकारों में गरिमा के साथ जीने, समुदाय में रहने, बिना किसी भेदभाव के समान अवसर, मुफ़्त कानूनी सहायता और उचित स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने का अधिकार शामिल है। ये अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 21, और 39A के साथ-साथ दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 (RPwD Act, 2016) में भी निहित हैं। मानसिक रोग या बौद्धिक अक्षमताओं से ग्रस्त व्यक्ति केवल विशिष्ट अक्षमताओं के कारण गैर-व्यक्ति नहीं बन जाते। वे भी समाज के पूर्ण सदस्य हैं और उन्हें वे सभी मानवीय अधिकार प्राप्त हैं और नशीली दवाओं का दुरुपयोग, मनोरंजक दवाओं, शराब और तंबाकू जैसे पदार्थों का अनुचित या अत्यधिक उपयोग है, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकते हैं। इसका आकलन अक्सर विभिन्न तरीकों से किया जाता है, जैसे नैदानिक नमूने, मृत्यु-परीक्षा विष विज्ञान, और अवैध पदार्थों की ज़ब्ती के आँकड़े है राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा चलाई जा रही नि:शुल्क विधिक सहायता हेतु टोल फ्री नंबर 15100 के बारे में जानकारी प्रदान की गई। शिविर में जिला महिला चिकित्सालय हरदोई का स्टाफ व महिलाएं अधिक संख्या में उपस्थित रही#

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