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इस शराबमाफिया को बचाने के लिए खरीदी जा रही पुलिस!

इस शराबमाफिया को बचाने के लिए खरीदी जा रही पुलिस।
 
हरदोई। शराब माफिया जेपी गुप्ता अपनी करतूतों पर पर्दा डालने के लिए हर तरीके अपना रहा है। पैसे और पावर के बलबूते वह कानून को खरीद लेता है। यही वजह है कि उसका काला कारोबार निरंतर फैलता जा रहा है।
गैर प्रांत की अवैध शराब में बड़ी कार्रवाई के बाद भी उनका काम बंद नहीं हुआ। अब मिलावटी शराब बनाकर उसे सरकारी ठेकों पर आपूर्ति में वह परिवार समेत फंसे हैं। पुलिस ने उन्हें बचाने के तरीके खोज रही है। सूत्रों की मानें तो 30 लाख में इस सौदा भी तय हो गई है।

विदित हो कि विगत 04 अगस्त को पिहानी कस्बे में पुलिस और क्राइम ब्रांच टीम द्वारा बस स्टैंड स्थित जेपी गुप्ता के आवास पर डाले गए छापे में 54 पेटी देशी शराब बरामद हुई थी। लगभग दो लाख रुपये की देशी शराब को चार लाख की बनाने के अभियान में 500 रुपये पर दिहाड़ी वाले मजदूर अंजाम दे रहे थे। पकड़े गये राजू गुप्ता निवासी कठमा शाहाबाद, बब्लू कुरसंडा, अनिल मिडापुरवा व मिथलेश उ़र्फ छुन्ने ने कबूला था कि जय प्रकाश गुप्ता की पत्नी सरिता गुप्ता की सहमती से उनके आवास पर यह गोरखधंधा चल रहा था। हर एक देसी पउआ से आधी शराब निकालकर उसमें पानी और केमिकल मिला दिया जाता था। एक के दो पउआ भी तैयार हो जाते थे और शराब पीने वालों को यह भी नहीं पता लगता था की शराब मिलावटी है। उक्त शराब भी जय प्रकाश गुप्ता के भाई के पिहानी बस स्टैंड स्थित ठेके और पुत्र सौरभ गुप्ता के बिलग्राम चुंगी स्थित ठेके पर खपाई जाती थी। फिलहाल कई बार मुकदमों में फंस चुका शराब माफिया अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहा है। 

अवैध शराब में फंसा जेपी गुप्ता पुलिस से डील कर रहा है। सूत्रों की मानें तो कुछ मध्यस्थों के माध्यम से जेपी गुप्त व उसके शाहाबाद निवासी एक अन्य साथी को मुकदमे से बरी करने के लिए 30-30 लाख रुपये में सौदा हुआ है। कहा जा रहा है मामला ठंडा पड़ गया है, तो ये काम अब आसानी से हो जाएगा और किसी को पता भी नही चलेगा। देखना यह होगा कि पुलिस इस शराब माफिया से याराना निभाएगी या कानून का पालन कर अपना फर्ज अदा करेगी।
रिपोर्ट:- डीपी सिंह चौहान की: रिपोर्टः

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