विश्विद्यालय,लखनऊ के *इंस्टीट्यूट फ़ॉर वाइल्ड लाइफ साइंसेज* में *वन्यजीव सप्ताह* के उपलक्ष्य में आयोजित *सर्प ,पहचान रेस्क्यू व संरक्षण विषय पर एक दिवसीय विशेष कार्यशाला
*लखनऊ* इटावा *वन्यजीव सप्ताह -2019*
*लखनऊ में सर्प ,पहचान, बचाव, संरक्षण कार्यशाला सम्पन्न*_
* स्नेक एक्सपर्ट डॉ आशीष त्रिपाठी ने कई विश्विद्यालयों से आये छात्र छात्रों को कार्यशाला में प्रशिक्षित किया ।*
लखनऊ विश्विद्यालय,लखनऊ के *इंस्टीट्यूट फ़ॉर वाइल्ड लाइफ साइंसेज* में *वन्यजीव सप्ताह* के उपलक्ष्य में आयोजित *सर्प ,पहचान रेस्क्यू व संरक्षण विषय पर एक दिवसीय विशेष कार्यशाला* मे स्नेक एक्सपर्ट व वन्यजीव विशेषज्ञ ओशन महासचिव डॉ आशीष त्रिपाठी ने ट्रेनिंग वर्कशॉप में मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली,अलीगढ़, इलाहाबाद, गोरखपुर,कानपुर, लखनऊ व अन्य कई विश्विद्यालयों से आये छात्र छात्राओं को *सर्प व उनकी पहचान ,बचाव व उनके संरक्षण* के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि हमारे आस पास पाये जाने वाले सर्पो के प्राकृतिक वास अब कुछ ज्यादा तेजी से नष्ट हो रहे है इसलिये इन सर्पो का हमारे आवासों की ओर रुख करना एक आम बात भी है और कहीं न कहीं भोजन की कमी भी इनका हमारे इलाको में प्रवेश करने का एक बड़ा कारण है अतः अब हमे आपसी समन्वय बनाने के साथ ही उन्हें बचाने के भी प्रयास भी करने होंगे क्यों कि प्रकृति में उपस्थित महत्वपूर्ण खाद्य श्रंखला में इन सर्पो का एक विशेष योगदान भी है।
*वाइल्डलाइफ व स्नेक एक्सपर्ट डॉ आशीष त्रिपाठी* ने कहा कि सर्प कभी भी हमारे ऊपर हमलावर नही होते जब तक कि उनको किसी भी प्रकार से परेशान न किया जाये, धरती पर मौजूद विभिन्न सर्पो में विषहीन व विषधारी प्रजातियां मौजूद है इनमे से हमारे आस पास *बिग 4 (केवल चार प्रकार के सर्प)* की प्रजातियाँ भी मौजूद है जो की बेहद खतरनाक भी है हम सबको बस इनसे ही सावधान रहना होगा । जिनमें *कोबरा, करैत, रसल वाइपर, और सॉ स्केल्ड वाइपर* प्रमुख है । हमारे आस पास आजकल *अजगर (पायथन) रेट स्नेक (घोड़ा पछाड़,धामन चूहे खाने वाला सर्प), दोमुंही (रेड सेंड बोआ कुचलैड)* इनकी उपस्थिति भी प्रायः देखी जा रही है लेकिन हमे इनसे बिल्कुल भी डरने की आवश्यकता नही है क्यों कि ये तीनों विषहीन प्रजातियां मात्र ही है जिनमे जहर नही पाया जाता है । *आइये हम सब भी सर्प मित्र बने क्यों कि ये भी हमारे मित्र है शत्रु नही ।*
कार्यशाला में द्वितीय वक्ता के रूप में पधारे शान फाउंडेशन लखनऊ के डायरेक्टर व स्नेक एक्सपर्ट *आदित्य तिवारी* ने विभिन्न जहरीले सर्पो से बचाव व उनको पकड़ने के तरीकों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी उन्होंने भी कहा कि सर्पो को मारना नही चाहिये क्यों कि वे भी प्रकृति संतुलन में विशेष रूप से सहायक है ।
इससे पूर्व भी डॉ आशीष ने दो अक्टूबर को भी इसी संस्थान में *मनुष्य व वन्यजीवों में संघर्ष* विषय पर अपना व्याख्यान दिया था । प्रशिक्षण में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे पूर्व प्रमुख वन संरक्षक उत्तर प्रदेश मोहमद अहसन ने कार्यक्रम में प्रशिक्षण दे रहे वक्ताओं को प्रतीक चिन्ह के रूप में पौधा देकर सम्मानित भी किया ।
लखनऊ विश्विद्यालय में वन्यजीव संरक्षण जागरूकता आधारित यह कार्यक्रम कार्यक्रम संयोजक, *जन्तुविज्ञानी व वन्यजीव विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ अमिता कनौजिया* जन्तु विज्ञान विभाग व वन्यजीव विभाग,लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ द्वारा आयोजित किया गया था । इस अवसर पर डॉ अमिता कनौजिया ने कहा कि विभिन्न प्रकार के वन्यजीव धरती पर सभी जगह ही व्याप्त है अतः हमें अपने प्राकृतिक इकोसिस्टम को यथावत बनाये रखने के लिये अपने आस पास पाये जाने वाले सभी प्रकार के जीवो का भी अस्तित्व बनाये रखना होगा ।
अंत मे प्रोफ0 कनौजिया ने वर्कशॉप में पधारे सभी अतिथियों को स्मृति स्वरूप एक विशेष पौधा भी भेंट किया व आये हुये प्रतिभागियों व अतिथियों का आभार भी प्रकट किया:
सम्पादक: डीपी सिंह चौहान: खोज जारी है न्यूज चैनल: की रिपोर्ट:
मो09453557242/07398518888
Email:Khojjarihai@gmail.com
www.khojjarihai.com
*लखनऊ में सर्प ,पहचान, बचाव, संरक्षण कार्यशाला सम्पन्न*_
* स्नेक एक्सपर्ट डॉ आशीष त्रिपाठी ने कई विश्विद्यालयों से आये छात्र छात्रों को कार्यशाला में प्रशिक्षित किया ।*
लखनऊ विश्विद्यालय,लखनऊ के *इंस्टीट्यूट फ़ॉर वाइल्ड लाइफ साइंसेज* में *वन्यजीव सप्ताह* के उपलक्ष्य में आयोजित *सर्प ,पहचान रेस्क्यू व संरक्षण विषय पर एक दिवसीय विशेष कार्यशाला* मे स्नेक एक्सपर्ट व वन्यजीव विशेषज्ञ ओशन महासचिव डॉ आशीष त्रिपाठी ने ट्रेनिंग वर्कशॉप में मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली,अलीगढ़, इलाहाबाद, गोरखपुर,कानपुर, लखनऊ व अन्य कई विश्विद्यालयों से आये छात्र छात्राओं को *सर्प व उनकी पहचान ,बचाव व उनके संरक्षण* के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि हमारे आस पास पाये जाने वाले सर्पो के प्राकृतिक वास अब कुछ ज्यादा तेजी से नष्ट हो रहे है इसलिये इन सर्पो का हमारे आवासों की ओर रुख करना एक आम बात भी है और कहीं न कहीं भोजन की कमी भी इनका हमारे इलाको में प्रवेश करने का एक बड़ा कारण है अतः अब हमे आपसी समन्वय बनाने के साथ ही उन्हें बचाने के भी प्रयास भी करने होंगे क्यों कि प्रकृति में उपस्थित महत्वपूर्ण खाद्य श्रंखला में इन सर्पो का एक विशेष योगदान भी है।
*वाइल्डलाइफ व स्नेक एक्सपर्ट डॉ आशीष त्रिपाठी* ने कहा कि सर्प कभी भी हमारे ऊपर हमलावर नही होते जब तक कि उनको किसी भी प्रकार से परेशान न किया जाये, धरती पर मौजूद विभिन्न सर्पो में विषहीन व विषधारी प्रजातियां मौजूद है इनमे से हमारे आस पास *बिग 4 (केवल चार प्रकार के सर्प)* की प्रजातियाँ भी मौजूद है जो की बेहद खतरनाक भी है हम सबको बस इनसे ही सावधान रहना होगा । जिनमें *कोबरा, करैत, रसल वाइपर, और सॉ स्केल्ड वाइपर* प्रमुख है । हमारे आस पास आजकल *अजगर (पायथन) रेट स्नेक (घोड़ा पछाड़,धामन चूहे खाने वाला सर्प), दोमुंही (रेड सेंड बोआ कुचलैड)* इनकी उपस्थिति भी प्रायः देखी जा रही है लेकिन हमे इनसे बिल्कुल भी डरने की आवश्यकता नही है क्यों कि ये तीनों विषहीन प्रजातियां मात्र ही है जिनमे जहर नही पाया जाता है । *आइये हम सब भी सर्प मित्र बने क्यों कि ये भी हमारे मित्र है शत्रु नही ।*
कार्यशाला में द्वितीय वक्ता के रूप में पधारे शान फाउंडेशन लखनऊ के डायरेक्टर व स्नेक एक्सपर्ट *आदित्य तिवारी* ने विभिन्न जहरीले सर्पो से बचाव व उनको पकड़ने के तरीकों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी उन्होंने भी कहा कि सर्पो को मारना नही चाहिये क्यों कि वे भी प्रकृति संतुलन में विशेष रूप से सहायक है ।
इससे पूर्व भी डॉ आशीष ने दो अक्टूबर को भी इसी संस्थान में *मनुष्य व वन्यजीवों में संघर्ष* विषय पर अपना व्याख्यान दिया था । प्रशिक्षण में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे पूर्व प्रमुख वन संरक्षक उत्तर प्रदेश मोहमद अहसन ने कार्यक्रम में प्रशिक्षण दे रहे वक्ताओं को प्रतीक चिन्ह के रूप में पौधा देकर सम्मानित भी किया ।
लखनऊ विश्विद्यालय में वन्यजीव संरक्षण जागरूकता आधारित यह कार्यक्रम कार्यक्रम संयोजक, *जन्तुविज्ञानी व वन्यजीव विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ अमिता कनौजिया* जन्तु विज्ञान विभाग व वन्यजीव विभाग,लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ द्वारा आयोजित किया गया था । इस अवसर पर डॉ अमिता कनौजिया ने कहा कि विभिन्न प्रकार के वन्यजीव धरती पर सभी जगह ही व्याप्त है अतः हमें अपने प्राकृतिक इकोसिस्टम को यथावत बनाये रखने के लिये अपने आस पास पाये जाने वाले सभी प्रकार के जीवो का भी अस्तित्व बनाये रखना होगा ।
अंत मे प्रोफ0 कनौजिया ने वर्कशॉप में पधारे सभी अतिथियों को स्मृति स्वरूप एक विशेष पौधा भी भेंट किया व आये हुये प्रतिभागियों व अतिथियों का आभार भी प्रकट किया:
सम्पादक: डीपी सिंह चौहान: खोज जारी है न्यूज चैनल: की रिपोर्ट:
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