बुलंदशहर:- में किसानों के बीच पहुंची सीबीआइ की टीम, बंद कमरे में लिए बयान...
बुलंदशहर:- में किसानों के बीच पहुंची सीबीआइ की टीम, बंद कमरे में लिए बयान...
अरनिया में निर्माणाधीन थर्मल पावर प्लांट के लिए अधिग्रहित भूमि पर मुआवजा में गड़बड़ी की जांच करने के लिए बुधवार शाम सीबीआई की टीम किसानों के बीच पहुंच गई। टीम ने गांव दशहरा स्थित प्राथमिक स्कूल के बंद कमरे में किसानों से वार्ता करते हुए उनका पक्ष सुना और बयान दर्ज किए। जिसमें किसानों ने स्वयं को ठगा हुआ बताते हुए उचित मुआवजे की मांग सीबीआई टीम के समक्ष मजबूती के साथ रखी और न्याय नहीं मिलने पर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी।बुधवार की शाम सीबीआई की तीन सदस्य टीम गांव दशहरा किसानों के बीच पहुंचे। जहां टीम ने किसानों से भूमि अधिग्रहण को लेकर बातचीत शुरू की। उधर, सीबीआइ टीम के आने की जानकारी होने पर अधिग्रहित भूमि वाले पांचों गांवों के 100 से अधिक किसान मौके पर एकत्र हो गए। ऐसे में वहां अफरातफरी का माहौल बन गया। जिसके बाद सीबीआई की टीम कुछ किसानों को प्राथमिक विद्यालय स्थित कमरे में ले गई और बंद कमरे में उनका पक्ष जाना। पूछताछ में किसानों ने टीम को बताया कि अभी भी 150 से अधिक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है, जबकि उनकी भूमि पर भी टीएचडीसी द्वारा कब्जा करते हुए निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। किसानों ने टीम के सामने सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा, आंदोलन करने वाले किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे को वापस लेने और किसानों के बच्चों को टीएचडीसी में नौकरी दिलाई जाने की मांग भी रखी। जिसके बाद टीम ने किसानों से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने से वर्तमान तक के विषय में विस्तार से जानकारी ली और किसानों के बयान को नोट किया। जानकारी जुटाने के बाद सीबीआई की टीम रवाना हो गई।अरनिया ब्लाक क्षेत्र के गांव दशहरा, दशहरी, रूकनपुर, जहानपुर और ऊंचागांव की करीब 1250 एकड़ भूमि को सन 1991 में प्लास्टिक सिटी बसाने के लिए अधिग्रहित किया गया था। मुआवजे में अहसहमति होने पर किसान न्यायालय चले गए थे। जिसके बाद वर्ष 2011 में अधिग्रहित भूमि पर टीएचडीसी ने सुपर थर्मल पावर प्लांट बनाने की कवायद शुरू कर दी। किसानों के धरना-प्रदर्शन के बाद वर्ष 2016 में भूमि का औसत मुआवजा बढ़ाते हुए 721 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया। जिसमें गड़बड़ी की बात सामने आने पर न्यायालय ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे...
डीपी सिंह चौहान संपादक खोज जारी है न्यूज चैनल की खास रिपोर्ट...
अरनिया में निर्माणाधीन थर्मल पावर प्लांट के लिए अधिग्रहित भूमि पर मुआवजा में गड़बड़ी की जांच करने के लिए बुधवार शाम सीबीआई की टीम किसानों के बीच पहुंच गई। टीम ने गांव दशहरा स्थित प्राथमिक स्कूल के बंद कमरे में किसानों से वार्ता करते हुए उनका पक्ष सुना और बयान दर्ज किए। जिसमें किसानों ने स्वयं को ठगा हुआ बताते हुए उचित मुआवजे की मांग सीबीआई टीम के समक्ष मजबूती के साथ रखी और न्याय नहीं मिलने पर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी।बुधवार की शाम सीबीआई की तीन सदस्य टीम गांव दशहरा किसानों के बीच पहुंचे। जहां टीम ने किसानों से भूमि अधिग्रहण को लेकर बातचीत शुरू की। उधर, सीबीआइ टीम के आने की जानकारी होने पर अधिग्रहित भूमि वाले पांचों गांवों के 100 से अधिक किसान मौके पर एकत्र हो गए। ऐसे में वहां अफरातफरी का माहौल बन गया। जिसके बाद सीबीआई की टीम कुछ किसानों को प्राथमिक विद्यालय स्थित कमरे में ले गई और बंद कमरे में उनका पक्ष जाना। पूछताछ में किसानों ने टीम को बताया कि अभी भी 150 से अधिक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है, जबकि उनकी भूमि पर भी टीएचडीसी द्वारा कब्जा करते हुए निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। किसानों ने टीम के सामने सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा, आंदोलन करने वाले किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे को वापस लेने और किसानों के बच्चों को टीएचडीसी में नौकरी दिलाई जाने की मांग भी रखी। जिसके बाद टीम ने किसानों से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने से वर्तमान तक के विषय में विस्तार से जानकारी ली और किसानों के बयान को नोट किया। जानकारी जुटाने के बाद सीबीआई की टीम रवाना हो गई।अरनिया ब्लाक क्षेत्र के गांव दशहरा, दशहरी, रूकनपुर, जहानपुर और ऊंचागांव की करीब 1250 एकड़ भूमि को सन 1991 में प्लास्टिक सिटी बसाने के लिए अधिग्रहित किया गया था। मुआवजे में अहसहमति होने पर किसान न्यायालय चले गए थे। जिसके बाद वर्ष 2011 में अधिग्रहित भूमि पर टीएचडीसी ने सुपर थर्मल पावर प्लांट बनाने की कवायद शुरू कर दी। किसानों के धरना-प्रदर्शन के बाद वर्ष 2016 में भूमि का औसत मुआवजा बढ़ाते हुए 721 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया। जिसमें गड़बड़ी की बात सामने आने पर न्यायालय ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे...
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