हरदोई:- अपनी ही भाजपा सरकार की कानो तक नही पहुँच रही अपनी ही विधायिका की आवाज...
हरदोई:- अपनी ही भाजपा सरकार की कानो तक नही पहुँच रही अपनी ही विधायिका की आवाज...
=====================================
आज के प्रकरण से एक बात निश्चित तौर पर समझी जा सकती है कि भाजपा सरकार की कथनी और करनी में फर्क है...
आज के इस प्रकरण से एक बात निश्चित तौर पर समझी जा सकती है कि जब भाजपा की विधायिका की आवाज सरकार तक नही पहुच पा रही है तो आम जनमानस की आवाज सरकार को न सुनाई पड़ना कोई हैरत की बात नही है...
भाजपा की वर्तमान शाहाबाद से विधायक रजनी तिवारी के जांच पत्र पर जिलाधिकारी पुलकित खरे द्वारा वर्ष 2019 में सौपी गई रिपोर्ट पर पूर्व विधायक व चेयरमन पर कोई कार्यवाही नही हो सकी है तो आम जनमानस के शिकायती पत्र पर भ्रष्टाचार पर कार्यवाही न होना लाजमी है...
आप लोगो के संज्ञान में लाना है कि शाहाबाद नगर पालिका के चेयरमैन पद पर पिछले कई दशको से आशिफ खान बब्बू विराजमान थे उसके बाद उनकी पत्नी नसरीन बानो पद पर विराजमान हुई जो अब भी है।दरअसल शिकायतकर्ता मोहल्ला मौलागंज तहसील शाहाबाद के निवासी...
अनिल कुमार पांडेय ने आसिफ खान बब्बू व उनकी पत्नी पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था...
व 17 विन्दुओं का लिखित शिकायत पत्र अगस्त 2019 में वर्तमान विधायक रजनी तिवारी को नगर पालिका परिषद शाहाबाद में ब्याप्त भ्रष्टाचार की जांच हेतु दिया था शिकायती पत्र को वर्तमान शाहाबाद की विधायिका ने गंभीरता पूर्वक संज्ञान भी लिया व शासन को भ्रष्टाचार की जांच हेतु पत्र भी लिखा...
विधायक रजनी तिवारी के पत्र को संज्ञान लेते हुए जांच भी हुई व कुल 17 बिंदुओं में से 14 विन्दुओं पर पूर्व चेयरमैन पर कोई भी भ्रष्टाचार करने के आरोप सिद्ध नही हुए तत्कालीन जिलाधिकारी पुलकित खरे ने तत्कालीन चेयरमैन व अधिशाषी अधिकारी को विंदु संख्या 8, 15 व 17 में दोषी मानते हुए शासन को दिनांक 31/12/2019 को अपने पत्रांक संख्या 973 के माध्यम से कार्यवाही करने के लिए शासन को पत्र प्रेषित कर दिया था।लेकिन आज लगभग एक साल पूरा हो गया लेकिन भाजपा सरकार ने पूर्व चेयरमैन पर कोई कार्यवाही नही की गई...
अपनी ही सरकार में भाजपा विधायिका रजनी तिवारी बेबस नज़र आ रही है...
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर तत्कालीन जिलाधिकारी पुलकित खरे द्वारा कार्यवाही करने के पत्र पर कार्यवाही क्यो नही की गई आखिर शासन के किस पटल पर यह पत्र गुमनामी में कैद है...
वही जब इस प्रकरण के बारे में आशिफ खान बब्बू से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शिकायत पत्र में उल्लेखित सभी 17 बिंदुओं की जांच की गई जिसमें कुल 14 बिंदुओं में उन पर आरोप सिद्ध नही हुए जिससे सिद्ध होता है कि शिकायत उनकी छवि को खराब करने के लिए की गई थी*।चूंकि उन्हें एक जमीन आवंटन के मामले में दोषी करार दिया गया है...
पूर्व विधायक ने बताया कि नगर पालिका की कोई भी जमीन किसी को नही बेची गई चूंकि जब नगर पालिका परिषद की किसी भी जमीन का कोई आवंटन होता है तो इसका फैसला बोर्ड करता है बोर्ड ने या यूं कहें गलती बस बोर्ड के सदस्यों ने एक जमीन आवंटित कर दी थी बस उसी की कार्यवाही का जिक्र तत्कालीन जिलाधिकारी की रिपोर्ट में किया गया है अगर उनके द्वारा भ्रष्टाचार किया जाता तो जनता उनको ही हर बार चेयरमैन न चुनती।उनके द्वारा किसी भी भ्रष्टाचार को अंजाम नही दिया गया है व किसी भी ब्यक्ति विशेष को कोई भी जमीन नही बेची गई है। वह हर जांच को तैयार है लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है...
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक बार पुनः जांच हेतु टीम गठित की गई है अब देखना यह है कि यह नई गठित टीम क्या रिपोर्ट जिलाधिकारी या शासन को सौंपती है यह आने वाला समय ही बताएगा।लेकिन एक बात समझ से परे है भले ही 17 बिंदुओं में से कुल 14 बिंदुओं में पूर्व चेयरमैन पर कोई आरोप सिद्ध न हुए हो लेकिन जिन तीन बिंदुओं में वह दोषी करार दिए गए है उस पर कार्यवाही क्यो नही हुई यह बड़ा सवाल है।और जिस प्रकार से अपनी जांच पत्र पर कार्यवाही न होने के कारण जिस प्रकार भाजपा की वर्तमान विधायिका शांत है उससे प्रतीत होता है कि या तो भाजपा सरकार उनकी आवाज को सुन नही रही है या भ्रष्टाचार पर कार्यवाही करवाने की कुव्वत भाजपा के किसी भी विधायक में नही है...
सम्पादकीय:- खोज जारी है. 24×7 न्यूज- हरदोई...
No comments