#@हरदोई:- साढ़े चार साल बाद चुनावी मौसम में माननीयों को फिर याद आया अर्जुन पुल@# हरदोई : कब तक सत्ताधीश करते रहेंगे जनता की भावनाओ से खिलवाड़@#
#@हरदोई:- साढ़े चार साल बाद चुनावी मौसम में माननीयों को फिर याद आया अर्जुन पुल@#
#@हरदोई : कब तक सत्ताधीश करते रहेंगे जनता की भावनाओ से खिलवाड़@#
हरदोई:- अर्जुन पुल को लेकर अन्तोगत्वा भाजपा जिलाध्यक्ष व सवायजपुर विधायक माधवेन्द्र प्रताप सिंह रानू की चुप्पी पूरे साढ़े चार साल बाद टूट ही गई है और टूटना भी लाजमी था क्योंकि विधानसभा के चुनाव सर पर है@#
#@यह चुप्पी क्यो टूटी यह तो माननीय ही लोग जाने । लेकिन कही न कही जिस प्रकार से जब विधानसभा के कुछ ही महीने पहले एक दम से माननीयों की नींद टूटी है उससे यही प्रतीत होता है इस पुल के शिलान्यास के पीछे माननीयों का राजनीतिक स्वार्थ छिपा हुआ है@#
#@जैसा कि सभी जानते है कि भाजपा जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्रा जी सवायजपुर विधायक जी के बेहद करीबी है इस कारण शायद कही न कही वह पुनः चाहते है कि विधायक जी भूतपूर्व न हो शायद इस कारण उन्होंने सोसल मीडिया के माध्यम से अवगत कराया कि उन्हें सीमा मिश्रा का संकल्प याद है और चुनावी मौसम में एलान कर दिया कि अर्जुनपुर पुल के शिलान्यास से ही विधानसभा चुनाव 2022 का आगाज होगा और जल्द ही वह इस विषय को लेकर राजधानी जाएगे।जब की राजधानी से ही आये वर्ष 2018 में सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने घोषणा की थी कि जनबरी में अर्जुनपुर पुल का शिलान्यास किया जाएगा लेकिन आज कई वर्ष बीत गए लेकिन शिलान्यास नही हो सका है@#
#@एक बात समझ से परे है कि आखिर कब तक भोलीभाली जनता को वेवकूफ बनाया जाता रहेगा पूर्व में प्रकाशित खबरों के आधार पर जब अर्जुनपुर पुल का प्रस्ताव मंजूर हो गया था तो अब तक पुल क्यो नही बना। जो माननीय आज जगे है जिन्होंने इस पुल पर चुप्पी तोड़ी है वह साढ़े चार साल तक क्या करते रहे उन्होंने यह जानने का प्रयास क्यो नही किया कि आख़िर क्या कारण रहा जब पूर्व में प्रस्ताव भी मंजूर हो गया था तो पुल क्यो नही बना पिछले 46 साल के दौरान सपा, बसपा,भाजपा,की सरकारें रही लेकिन यह पुल नही बना बस चुनाव के समय इस पुल के मुद्दे को माननीयों ने मंचो से उठाकर लोगो का वोट जरूर हांसिल कर लिया और जनता पुल कब बनेगा का इंतजार करती रही@#
#@अब देखना यह दिलचस्प होगा कि पूर्ण बहुमत की सरकार के जिलाध्यक्ष व विधायक जी इस पुल को बनवा भी पाएंगे या सिर्फ शिलान्यास कर वोट हासिल कर फिर इस पुल को भूल जाएगे और फिर इस पुल की तभी याद आएगी जैसे आज साढ़े चार साल बाद इस पुल की याद आई है यह काल के गर्त में है@#
खोज जारी है.24×7 न्यूज चैनल/ हिन्दी दैनिक समाचार पत्र की खास रिपोर्ट...

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