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#हरदोई:- सवायजपुर- क्षेत्र में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया भैया दूज का त्यौहार#


#हरदोई:- सवायजपुर-  क्षेत्र में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया भैया दूज का त्यौहार#

#हरदोई: सवायजपुर- क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया भैया दूज का त्यौहार भैया दूज का त्यौहार हिंदू सनातन धर्म में बहुत ही विशेष एवं महत्वपूर्ण माना जाता है सवायजपुर क्षेत्र के भैंसी नगला निवासी आचार्य श्री मुकुट राम मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया भैया दूज का पौराणिक एवं लौकिक महत्व है की दीपावली के दूसरे दिन अर्थात कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज के नाम से जाना जाता है इस दिन भाई अपनी बहन के हाथों से रोली अक्षत लगवाकर मिठाई खाता है और बहन को दक्षिणा के रूप में कुछ द्रव्य भी देता है इस दिन भाई के लिए बहन के घर का भोजन करने का विधान है परंतु जिनके भाई किसी कारण बस बहन के घर नहीं पहुंच पाते उनकी बहनें भाई के घर पर जाकर उन्हें टीका लगाकर मिठाइयां खिलाती हैं पौराणिक कथाओं के आधार पर ऐसा कहा जाता है कि एक बार सूर्यनारायण की पत्नी छाया की कोख से दो संतानों नें जन्म लिया था एक यमराज और दूसरी जी यमुना जी, एक बार यमुना जी नें अपने भाई यमराज को मांगलिक द्रव्यों से टीका लगाकर उन्हें भोजन कराया था उस दिन यमुना जी ने अपने भाई यमराज से आग्रह कर भोजन आदि से संतुष्ट किया था उस दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीय थी तभी से इस भ्रात्र द्वितीय के पर्व को माना जाने लगा बहन की सेवा से संतुष्ट होकर यमुना से वरदान मांगने के लिए यमराज जी ने कहा की बहन यमुना आप हमसे वरदान मांग लें यमुना जी ने कहा कि आज की पुनीत तिथि के दिन जो भाई-बहन एक साथ मेरे जल से स्नान करें उन्हें अंत काल में यम- यातना ना भोगना पड़े और वह जीवन काल में सभी प्रकार के सुख समृद्धि को प्राप्त हो अपनी बहन को अभी सत्य वरदान देकर यमराज अपने लोक को चले गए अतः हम सभी लोगों का नैतिक कर्तव्य है की भैया दूज के इस पावन का पर्व को विधिवत पूजन अर्चन एवं पूरे विधान के साथ हर्षोल्लास के साथ मनाया जाए और लौकिक विधान यह है कि बहन अपने भाई को तिलक वंदन कर मिठाई इत्यादि खिलाकर भगवान से भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं एवं भाई बहन से यह वादा करता है की तन मन धन से आप की रक्षा करेंगे और रक्षा करने का संकल्प लेता है इसी को भैया दूज का त्योहार माना जाता है#

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