#जालौन:- माधोगढ़- जिले में झोलाछाप डॉक्टर बन रहे हैं काल,स्वास्थ्य विभाग बैठा मोन#
#जालौन:- माधोगढ़- जिले में झोलाछाप डॉक्टर बन रहे हैं काल,स्वास्थ्य विभाग बैठा मोन#
#कोई अप्रिय घटना घटने के बाद स्वास्थ्य विभाग का आदेश होता है खाना पूर्ति के लिए जारी#
#गरीब किसान मजदूरो को लूटना, और कोई भी मर्ज हो हर मर्ज की दवा बोतल चढ़ाना इन झोलाछाप डॉक्टरों का बन गया पेशा#
#जालौन: माधोगढ़- कालपी विधानसभा के अंतर्गत में बहुत से गांव और पंचायते आती है लेकिन सबसे पहले अगर बात की जाए तो जालौन के आसपास के लगे गांव की तो सैकड़ो की संख्या में झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक खोलकर बैठे हैं जिनके दवा से मरीज ठीक कम बीमार ज्यादा होते है और जान जाने की नौबत तक आ जाती है।क्योंकि यह 10 वीं 12 वीं फेल यह झोलाछाप डॉक्टर दो चार महीने किसी झोलाछाप डॉक्टर के यहां ट्रेनिंग लेते हैं। फिर खुद डॉक्टर बन कर बैठ जाते हैं फिर मरीज के साथ इनका खिलवाड़ शुरू हो जाता है। इन झोलाछाप डॉक्टरो का जाल पूरे जनपद में फैला हुआ है#
#विगत साल पहले जिले में भी कई झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही हुई थी और कार्यवाही होने के बाद पुनः झोलाछाप डॉक्टर आ गए झोलाछाप डॉक्टरो ने गांव से आए हुए गरीब मजदूर और किसानो को अपने जाल में फसाते हैं। जैसे ही मरीज पहुंचता है इन डॉक्टरों द्वारा सबसे पहले बोतल चढ़ाया जाता है। मर्ज कोई भी हो सेवा बोतल से ही शुरू होती है। जब मरीज मरणासन्न हो जाते हैं तो फिर तुरंत झांसी या कानपुर ले जाने की सलाह दी जाती है। पीड़ित मरीजों के अनुसार जब तक में 8 से 10 हजार तक जेब में आ जाते हैं। यह सब इसलिए संभव हो पा रहा है कि जालौन जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जब कोई बड़ी घटना घटित होती है तो अपनी गहरी नींद से उठकर आनन–फानन में दो-चार क्लीनिको पर कार्यवाही करके फिर गहरी नींद सो जाते हैं। और फिर कब उठेंगे इनको खुद नहीं पता रहता है।यह सब स्वास्थ्य विभाग में सुस्त पड़े अधिकारियों की वजह से हो रहा है#
#इन झोलाछाप डॉक्टरों को बढ़ावा मिला हुआ है। क्योंकि इन पर कभी कार्रवाई नहीं होती है। कार्यवाही केवल कुछ तक ही सीमित रहती है। केवल जिले की ही कुछ चुनिंदा क्लिनिको को कार्यवाही करके उनको सील कर दिया जाएगा और इन झोलाछाप डॉक्टरों पर या गांव या देहात में स्वास्थ्य विभाग की नजर नहीं पड़ती जिसकी वजह से इन झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला रहता है। यह गरीब मजदूर और किसानों को इन झोलाछाप डॉक्टरों के चंगुल में फसने का कारण केवल यही है की हर गांव में कुकरमुत्ते की तरह फैले हुए हैं और इन पर कोई कार्यवाही ना होना और उन गरीब और किसानो के पास एक ऑप्शन होता है कि केवल उनको दवा चाहिए और दर्द से राहत और आराम के लिए उनको केवल झोलाछाप डॉक्टर ही दिखाई देता है और उनको दिखाना मजबूरी हो जाता है। लेकिन जिले में स्वास्थ्य विभाग आंख बंद करके मौन धारण किए हुए हैं जब कोई बड़ी घटना घटेगी तब पूरा प्रशासन जाग उठेगा।और गांव के नागरिकों से स्वास्थ्य विभाग के जो अधिकारी एवं जिला प्रशासन लोग गांव में पहुंचकर तसल्ली देने का काम करते हैं। कि जनपद के आसपास में जगह-जगह क्लीनिक खोलकर जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले इन डॉक्टरों की अभिलंब जांच कर कारवाही की जाएगी#
No comments