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#हरदोई:- राष्ट्रीय फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत हुआ एमएमडीपी किट का वितरण, कुल 35 फ़ाइलेरिया मरीजों को वितरित हुयी एमएमडीपी किट#



#हरदोई:- राष्ट्रीय फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत हुआ एमएमडीपी किट का वितरण, कुल 35 फ़ाइलेरिया मरीजों को वितरित हुयी एमएमडीपी किट#

#हरदोई: राष्ट्रीय फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान तथा स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से बृहस्पतिवार को अहिरौरी ब्लाक के बरखेरवा आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें फ़ाइलेरिया मरीजों को रुग्णता प्रबन्धन एवं दिव्यांगता रोकथाम (एमएमडीपी) का प्रशिक्षण दिया गया और 35 फाइलेरिया मरीजों को फ़ाइलेरिया प्रबंधन (एमएमडीपी) किट वितरण दी गयी। इस किट में तौलिया, साबुन, टब, एंटीसेप्टिक क्रीम मग और बाल्टी थी। यह कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी के मंडल उपाध्यक्ष राम जीवन शर्मा की मौजूदगी में सम्पन्न हुआ#

#इस मौके पर बायोलॉजिस्ट दयाशंकर यादव ने कहा कि फ़ाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है जो कि लाइलाज है। इसे केवल उचित प्रबन्धन के द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिये यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया और फाइलेरिया किट का वितरण किया गया है। इसका उपयोग फ़ाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए ही करें#

#फ़ाइलेरिया निरीक्षक ने अरविन्द कुमार चौधरी ने बताया कि फ़ाइलेरिया बीमारी से बचाव के उपाय हैं मच्छर के काटने से बचना और सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान के दौरान फ़ाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करना। साल में एक बार एमडीए अभियान का आयोजन होता है। जिसमें फ़ाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराया जाता है। लगातार तीन साल तक फ़ाइलेरिया रोधी दवा के सेवन से इस बीमारी से बचाव हो सकता है#

#आयुष्मान आरोग्य मंदिर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) फिरदौस सिद्दीकी ने बताया कि यह बीमारी व्यक्ति की जान तो नहीं लेती है लेकिन आजीवन के लिए दिव्यांग बना देती है | इस बीमारी से लटकने वाले अंग जैसे स्तन, अंडकोष, हाथ पैर प्रभावित होते हैं | इनमें सूजन आ जाती है। समुचित देखभाल के अभाव में प्रभावित अंग में संक्रमण हो जाता है। इसलिए फ़ाइलेरिया प्रभावित अंगों की नियमित सफाई और देख-रेख करनी चाहिए इससे सूजन में कमी आती है और किसी प्रकार का संक्रमण होने की सम्भावना भी कम होती है। उन्होंने बताया कि एमएमडीपी किट में जो साबुन दिया गया है उसे सीधे फ़ाइलेरिया प्रभावित अंगों पर न रगड़ें बल्कि हाथों में रगड़कर फेना बना लें और फिर उसे लगायें। धीरे धीरे पानी से धोकर हल्के हाथों से तौलिये से पोछें। इसके बाद अगर उसमें कोई घाव है तो एंटीसेप्टिक क्रीम लगायें। सीएचओ ने फ़ाइलेरिया प्रभावित अंगों हेतु उचित व्यायाम भी करना सिखाया#

#फ़ाइलेरिया पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफोर्म (पीएसपी) के सदस्य ग्राम प्रधान विजेता सिंह ने कहा कि गाँव को फ़ाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए हमें मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने उपस्थित फाइलेरिया मरीजों और ग्रामीणों से कहा कि सभी लोग अपने आस-पास के 10 घरों में जाकर बीमारी के कारण और बचाव की जानकारी दें जिससे कि लोग एमडीए राउंड में फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करें#

#सीफॉर के प्रतिनिधि ने बताया कि फ़ाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य साल 2027 तय किया गया है। इसी क्रम में फाइलेरिया मरीजों और हितधारकों जैसे कोटेदार, प्रधान, सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (सीएचओ)सहित अन्य अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का एक साझा प्लेटफॉर्म बनाया गया है जो कि समुदाय में लोगों को फाइलेरिया बीमारी से करना, बचाव और उपचार के बारे में जागरूक कर रहा है तथा हर साल आयोजित होने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान में लोगों को फ़ाइलेरिया से बचाव की दवा खाने के लिए प्रेरित कर रहा है#

#इस मौके पर फील्ड वर्कर कृपान्शु शर्मा, एएनएम सोनम, आशा संगिनी प्रिया सिंह, आशा कार्यकर्ता प्रियंका देवी सात आशा कार्यकर्ता और दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित सहित कुल 35 फाइलेरिया मरीज और प्रधान प्रतिनिधि अखिलेश सिंह, अन्य ग्रामीण मौजूद रहे#

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