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#हरदोई:- शिव को सृष्टि के आधार, पालक और संहारक के रूप में देखा जाता है/ अनुराग श्रीवास्तव#


#हरदोई:- शिव को सृष्टि के आधार, पालक और संहारक के रूप में देखा जाता है/ अनुराग श्रीवास्तव#

#हरदोई: चित्रगुप्त सेवधाम ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग श्रीवास्तव ने ट्रस्ट परिसर में रुद्राभिषेक करने के पश्चात कहा कि शिव सृष्टि का आधार आध्यात्मिक, दार्शनिक दृष्टिकोण से गहरा अर्थ रखता है। शिव को सृष्टि के आधार, पालक और संहारक के रूप में देखा जाता है#

#भगवान शिव को अद्वितीय, अनादि और अनंत ब्रह्म के रूप में माना जाता है। शिव ही वह शक्ति हैं जिनसे सृष्टि की उत्पत्ति होती है और अंततः उन्हीं में विलीन हो जाती है#

#शैव दर्शन के अनुसार, शिव स्वयं अनादि परब्रह्म हैं, और उनकी शक्ति  के द्वारा ही सृष्टि की रचना होती है#

#शिव को पंचकृत्य (सृष्टि, स्थिति, संहार, तिरोभाव और अनुग्रह) का कर्ता माना गया है#

#सृष्टि का आधार पाँच तत्व माने जाते हैं—पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश। शिव को इन पंचमहाभूतों का स्वामी माना जाता है#

#पंचमहाभूतों से ही सम्पूर्ण सृष्टि निर्मित होती है#

#शिवलिंग को इन्हीं पंचतत्वों का प्रतीक माना जाता है।उन्होंने कहा कि#

#शिव का स्वरूप शून्य (नथिंगनेस) और अनंत (इनफिनिटी) का प्रतीक है#

#आधुनिक विज्ञान भी यह मानता है कि संपूर्ण ब्रह्मांड ऊर्जा और स्पंदन (वाइब्रेशन) से बना है, जो कि शिव के 'नाद' और 'ओंकार' के सिद्धांत से मेल खाता है#

#शिव तत्त्व' का अर्थ है कि संपूर्ण ब्रह्मांड एक ऊर्जा से उत्पन्न हुआ और उसमें ही विलीन हो जाता है#

#शिव ध्यान और योग के प्रतीक हैं#

#शिव का स्वरूप हमें सृष्टि के परे जाने, आत्मज्ञान प्राप्त करने और मोक्ष की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है#

#शिव केवल एक आराध्य देव नहीं, बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांड के अस्तित्व, ऊर्जा और संतुलन का आधार हैं। वे सृष्टि के रचनाकार, पालनहार और संहारक तीनों ही हैं। उनकी शक्ति और तत्व को समझना, सृष्टि के गूढ़ रहस्यों को समझने के समान है#

#इस अवसर पर कौशल कुमार श्रीवास्तव, मित्र परिवार भारत संस्थापक सदस्य आमोद अग्निहोत्री, हितेश पांडेय, संजय अग्निहोत्री, अभिषेक श्रीवास्तव,  पुरोहित कृष्ण मोहन त्रिवेदी आदि मौजूद रहे#

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