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#हरदोई:- दादा- दादी हंसी, देखभाल, अद्भुत कहानियों और प्यार का एक सुखद मिश्रण हैं/ लैंसी रेगो#


#हरदोई:- दादा- दादी हंसी, देखभाल, अद्भुत कहानियों और प्यार का एक सुखद मिश्रण हैं/ लैंसी रेगो#

#हरदोई: दादा-दादी बस थोड़ी देर के लिए हमारा हाथ थामते हैं लेकिन हमेशा के लिए हमारा दिल थाम लेते हैं: सुख सागर मिश्रा#

#हरदोई: परिवार का सबसे प्यारा मजबूत और अनोखा रिश्ता दादा-दादी का होता है बच्चों में नैतिक समर्थन, जानकारी और मार्गदर्शन के बारे में अहम भूमिका दादा दादी ही निभाते हैं, विवाह के बाद सबसे ज्यादा उत्कंठा माता पिता बनने की नहीं बल्कि उस दांपत्य के मां-बाप की रहती है कि वह शीघ्र से शीघ्र दादा दादी बनें और शिशु का हाथ थाम कर उसकी खुशियों में समाहित हो जाएं, ऐसे ग्रैंड पैरेंट्स डे मना कर सेंट जेम्स स्कूल लोगों के अपनी पूर्वजों के साथ संबंध को मजबूत करने और सभी पीढ़ियों को एक साथ लाने में दिवस मना कर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है"उक्त उद्गार शहर के प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्था सेंट जेम्स स्कूल में आयोजित ग्रैंड पैरेंट्स डे के अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष सुखसागर मिश्रा "मधुर" ने व्यक्त किए#

#दरअसल शहर के सबसे प्रतिष्ठित नामी गिरामी शैक्षणिक संस्था सेंट जेम्स स्कूल के प्रधानाचार्य फादर लैंसी रेगो स्कूल में नैतिक,पारंपरिक और धार्मिक उद्देश्यों से जुड़े कार्यक्रम निरंतर कराते रहते हैं, ग्रैंड पैरेंट्स डे के अवसर पर सेंट जेम्स स्कूल में अभिभावकों के बुजुर्गों को बुलाया गया और बच्चों के बीच दादा- दादी के महत्व को बताया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष सुखसागर मिश्रा "मधुर" का बुके देकर प्रधानाचार्य ने स्वागत किया। इसके उपरांत दादा दादी के कार्यक्रम का उद्घाटन फादर लैंसी रेगो ने खुद अपने मस्तक और लोगों के तिलक लगाकर स्वागत किया#

#सेंट जेम्स स्कूल के प्रधानाचार्य फादर लैंसी रेगो ने अपने उद्बोधन में कहा कि बच्चों में नैतिक समर्थन,जानकारी और मार्गदर्शन के बारे में जागरूकता पैदा करना, साथ ही परिवार में दादा दादी के महत्व को समझने के उद्देश्य से यह दिवस बहुत महत्वपूर्ण है।दादा- दादी हंसी, देखभाल, अद्भुत कहानियों और प्यार का सुखद मिश्रण का संबंध है। मुझे और आप सब लोगों को अपना बचपन याद आता है इसी बचपन को इन बच्चों में अपने दादा-दादी के महत्व को अंगीकृत करना चाहिए#

#नगर पालिका अध्यक्ष सुखसागर मिश्रा मधुर ने कहा कि दादा-दादी बस थोड़ी देर के लिए हमारा हाथ थामते हैं लेकिन हमेशा के लिए हमारा दिल थाम लेते हैं#

#दादा-दादी का रिश्ता उनके पोतों के लिए सबसे मजबूत सुखद रिश्ता है, इस वैश्विक और पारिवारिक विक्षोभ के दौर में दादा-दादी का रिश्ता अपने पोतों के लिए एक सुखद और महत्वपूर्ण रिश्ता है,अमूमतः देखा गया है कि जितना माता-पिता अपने पुत्र की चिंता नहीं करता है उनके बाबा-दादी अपने पौत्रों की सुरक्षा और भविष्य के लिए चिंतित रहते हैं, बाबा-दादी अपने खाली समय को पौधों की उंगली थाम कर उन्हें विभिन्न प्रकार की क्रियाकलापों से अवगत कराते हैं, प्यार लुटाते हैं ऐसा लगता है कि उनकी सारी जिंदगी पौत्रों के इर्द गिर्द ही है, इसलिए बच्चों हमारा नैतिक कर्तव्य है कि अपने बाबा दादी के प्यार के रिश्ते को संजो कर रखें। उपस्थित अभिभावकों ने अपने बाबा दादी के संस्मरणों को सुनाया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाएं समेत काफी संख्या में अभिभावक गण और बच्चे उपस्थित रहे#

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