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कारनामा: जेल में बंद कैदी, मनरेगा में भी ऑनड्यूटी! सेक्रेट्री व पंचायत मित्र ने गरीबों को किया दरकिनार, अपनों को दर्शाया कामगार

कारनामा: जेल में बंद कैदी, मनरेगा में भी ऑनड्यूटी!

सेक्रेट्री व पंचायत मित्र ने गरीबों को किया दरकिनार, अपनों को दर्शाया कामगार!
                                                       
*हरदोई*। मजदूरों की गरीबी दूर करने के लिए सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का संचालन किया। इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सरकार ने पानी की तरहं पैसा खर्च किया किन्तु दुर्भाग्य मजदूरों का कि उनकी गरीबी तो नही पर सरकारी तंत्र में शामिल अधिकारियों व कमर्चारियों की सारी गरीबी दूर हो गयी। पंचायत मित्र, प्रधान व सचिव से लेकर जिलास्तरीय अधिकारियों ने मजदूरों के हक़ पर खुलेआम डांका डाला, शिकायतें भी हुईं पर जांच की आंच भ्रष्टाचारियों को नही छू सकी। यही वजह है कि मजदूरों की गरीबी बढ़ती जा रही है और जिम्मेदार मालामाल हो रहे हैं!

जिले के पिहानी ब्लॉक की ग्रामपंचायत बड़ा बिजगवां में मनरेगा में इस कदर फर्जीवाड़ा कर धन हड़पा गया जिसकी कल्पना तक नही की जा सकती। करीब एक दशक से गांव में तैनात पंचायतमित्र हर्षराज सिंह राहुल ने न सिर्फ़ अपने सगे भाई और भाभी का जॉब कार्ड बनवाया बल्कि एक ऐसे अपराधी का जॉब कार्ड भी बना दिया जो जेल में बंद था। यही नही जेल में सजा काटने के दौरान करीब 62 दिन उसके द्वारा मनरेगा में काम करना भी कागजों पर दर्शाया गया है!

उक्त गांव निवासी करनपाल सिंह पुत्र कप्तान सिंह का जॉब कार्ड नम्बर UP-30-036--013-001/0060 है!
न्यायालय से प्राप्त सूचना के अनुसार उक्त व्यक्ति विगत 27 जून 2019 को धोखाधड़ी के जुर्म में जेल भेज दिया गया था जिसके बाद 7 फरवरी 2020 को वह जेल से रिहा हुआ। जबकि 29 जून 2019 से लेकर 24 नवंबर 2019 तक मनरेगा में उसके द्वारा कार्य करना भी दर्शाया गया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि #जब करनपाल जेल में बंद था तो फिर मनरेगा में काम किसने किया? इससे स्पष्ट है कि मनरेगा जॉब कार्ड पर फर्जी कार्य दर्शाकर जिम्मेदारों द्वारा सरकारी धन हड़प लिया गया!

इसी तरहं पंचायत मित्र #हर्षराज सिंह ने अपने सगे भाई सर्वेश राज सिंह जिसका जॉब कार्ड नम्बर- UP-30-036-013-001/0241 व भाभी अंजू सिंह जॉब कार्ड नम्बर - UP-30-036-013-001-727 को मनरेगा श्रमिक बनाकर कागजों पर हर वर्ष फर्जी कार्य दर्शाकर सरकारी धन लूटा। जबकि उक्त दंपति कई वर्षों से हरदोई में रहकर अपना कारोबार कर रहे हैं। इस सम्बंध में सीडीओ ने प्रकरण को गंभीर बताते हुए पुनः जांच कराए जाने की बात कही है!

डीपी सिंह चौहान (संपादक) खोज जारी है. 24×7 न्यूज चैनल की खास रिपोर्ट!

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