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हरदोई : कोरोना पॉजिटिव सरकारी डॉक्टर एल-2 हॉस्पिटल से फरार...


हरदोई : कोरोना पॉजिटिव सरकारी डॉक्टर एल-2 हॉस्पिटल से फरार...

अभी तक अता-पता नहीं, सेहत महकमा नहीं खोज-खबर को बेक़रार...

एल1 हॉस्पिटल मलिहामऊ में अव्यस्थाओं पर डीएम ने लिया था कड़ा एक्शन, पर जिम्मेदारों में नहीं दीखता एक्शन का कोई री-एक्शन...
कोरोना पॉजिटिव की तादाद ज़िले में लगातार बढ़ रही है। इसके चलते प्रशासन को मलिहामऊ के अलावा बावन और बिलग्राम चुंगी स्थित कृषि महाविद्यालय में नए लेबल-1 (एल-1) हॉस्पिटल बनाने की ज़रूरत आन पड़ी। इसके अलावा सीएमओ ऑफिस कैम्पस स्थित 100 बेड के हॉस्पिटल को लेबल-2 (एल-2) हॉस्पिटल के तौर पर प्रयोग किया जा रहा है। एल-2 में उन्हें भर्ती किया जाता है, जिन में कोरोना वायरस के लक्षण होते हैं। लेकिन, सरकारी लोगों के मामले में इस व्यवस्था के कोई मायने दिख नहीं रहे।
एल-2 हॉस्पिटल, एल-1 की तुलना में अधिक सुविधाजनक हैं। यही वजह है, सरकारी मुलाज़िमों को लक्षणों के आधार की जगह कोरोना पॉजिटिव निकलने पर यहां आइसोलेट किया जा रहा है। मतलब, व्यवस्था वीआईपी कल्चर की बन्धक हो गई है। एल-2 के सुविधाजनक होने के बाद भी आज सिस्टम में बड़ा छेद दिखा। जिला महिला अस्पताल के कोरोना पॉजिटिव गायक्नॉलॉजिस्ट डॉ0 वीके चौधरी एल-2 में आइसोलेट किए गए थे, जो आज वहां से फरार हो गए, चोरी-चुपके नहीं, बल्कि सीनाजोरी और पूरी ठसक के साथ अपनी वैगन-आर ड्राइव कर खुल्लमखुल्ला। एल-2 के जिम्मेदार सूत्रों ने इसकी पुष्टि की। सूत्रों ने बताया कि एल-2 में उन्हें आइसोलेट किया जाना है, जिन में कोरोना के लक्षण हैं। लेकिन, जांच में पॉजिटिव मिले सरकारी मुलाजिमों को भी यहां आइसोलेट किया जा रहा है, एल-1 में बेड फुल होने के बहाने। कारण एल-2 अपेक्षाकृत अधिक सुविधाजनक हैं।
कोरोना काल में जब पूरी व्यवस्था हिली पड़ी है। प्रधानमंत्री एहतियात बरतते हुए दाढ़ी बाल तक सही नहीं करवा रहे हों। मुख्यमंत्री प्रतिदिन नए निर्देश जारी कर रहे हों। डीएम पुलकित खरे अव्यस्थाओं पर एल-1 हॉस्पिटल के नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर, सीएमओ और सुरसा सीएचसी अधीक्षक/एल-1 हॉस्पिटल प्रबन्धक को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि के साथ विभागीय कार्यवाही की संस्तुति कर चुके हों। छह सरकारी डॉक्टरों, इतनी नर्सों को शो-कॉज नोटिस दे चुके हों। ऐसे में कोरोना पॉजिटिव डॉ0 चौधरी की एल-2 से फरारी से साफ है, व्यवस्था में छेद अभी भरे नहीं हैं।

तारीफ करनी होगी निजी अस्पतालों के कोरोना पॉजिटिव मिले डॉक्टरों की, जो महामारी में व्यवस्था में पूरा सहयोग कर रहे हैं। सम्मान करना चाहिए बाला जी हॉस्पिटल के डॉ0 अजय सिंह, रानी साहिबा कटियारी हॉस्पिटल के डॉ0 जेबी सिंह व डॉ0 जीशान का, जो प्रशासन का सहयोग करते हुए एल-1 हॉस्पिटल्स (मलिहामऊ व बावन) में आइसोलेट हैं। बावजूद इसके कि केन्द्रीय आयुष मंत्रालय ने सुविधाओं के दृष्टिगत होम आइसोलेट सहित निजी अस्पताल या होटल में आइसोलेट होने का विकल्प दिया हुआ है। फिलवक्त, डॉ0 चौधरी की खोज-खबर अभी भी नहीं है। इस बाबत सेहत महकमे के जिम्मेदारों (प्रभारी सीएमओ/सीएमएस) से सम्पर्क किया गया, तो वह अनुपलब्ध मिले।


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