रजिस्ट्री आफिस की खबरें चलने के बाद भी पीड़ित व्यक्ति की नहीं हुई कोई सुनवाई
हरदोई:- रजिस्ट्री आफिस की खबरें चलने के बाद भी पीड़ित व्यक्ति की नहीं हुई कोई सुनवाई।
बिलग्राम/हरदोई जैसा कि सभी को मालूम है। कि अगर आप को कोई जमीन की खरीद व बिक्री करनी है, तो आप को रजिस्टरी आफिस जाना पडेगा पर कभी किसी को मालूम पड़ता है। कि एक बीघे कच्चे जमीन की सरकारी लिखा पढी कितनी है। क्योंकि जोरजिस्टार के पास लिखाने जाता है।उसको इतनी हिम्मत कहा कि रजिस्टार (लेखक) से लेकर साहब तक सरकारी लिखा पढी का ब्यौरा पूछ सकें फिर क्या फिर शुरू होता है। लेखकों और आफिस के अधिकारियों का असली खेल पहले खुद ही सरकार की चोरी करने के लिए रेट तय किया जाता है। तभी तो देखते देखते एक बैनामा लेखक आकूति सम्पत्ति का मालिक हो जाता है। और रजिस्टार बाबू का तो कहना हि क्या। क्योंकि ये सब खेल बडे़ साहब के कहने पर ही होता है चलिए अब हम आप सभी को खवर से अवगत कराते हैं। मामला तहसील बिलग्राम के रजिस्टर आफिस का है प्राप्त जानकारी के अनुसार खुशी राम पुत्र राम रतन निवासी ग्राम लक्ष्मण पुरवा पोस्ट बाबट म ऊ तहसील बिलग्राम जिला हरदोई ने दो हजार उन्नीस में क्रषि योग्य जमीन एक बीघे कच्चे अश्फाक निवासी लक्षण पुरवा की बैनामा कराई। और जिसका शुल्क रजिस्टरी आफिस के बताये अनुसार अदा कर दिया। पर रजिस्टरी आफिस में पचास हजार रिस्वत न देने के कारण बिना किसी जाच के पच्चासी हजार की स्टेम्प चोरी की नोटिस भेज दी गई तब बेचारा खरीद दार ने अपनी गुहार जिले के आला अधिकारियों के पास लगाईं पर यहाँ कोई सुनवाई नहीं हुईं। होतीं भी कैसे सभी तो बन्दर बांट के लिए बैठे है। फिर पीड़ित ने मुख्यमंत्री जी के पास शिकायत दर्ज कराई तो जाच आई जिस की जाच करने पहुचीं उपनिरीक्षक बिलग्राम बन्दना चौधरी जिन्होंने जांच करके पाया कि जमीन पर केवल खेती ही होती है। तो उन्होंने स्टम्प चोरी दिखाई पैतालीस सौ रुपये अब सबाल ये उठता है कि जब पीड़ित व्यक्ति ने बैनामा कराया था। तो फिर जमीन भी एक बीघे कच्चे ही बताई होगी फिर उस का शुल्क भी अदा किया होगा फिर ये स्टम्प चोरी पीड़ित ने कैसे की। और जो पीड़ित ने रुपये दिये तो फिर बैनामा लेखक ने सही स्टम्प क्यों नहीं खरीद कर लागाये इस की जाच क्यों नहीं हुई।।।
डीपी सिंह चौहान संपादक खोज जारी है न्यूज चैनल की खास रिपोर्ट...
बिलग्राम/हरदोई जैसा कि सभी को मालूम है। कि अगर आप को कोई जमीन की खरीद व बिक्री करनी है, तो आप को रजिस्टरी आफिस जाना पडेगा पर कभी किसी को मालूम पड़ता है। कि एक बीघे कच्चे जमीन की सरकारी लिखा पढी कितनी है। क्योंकि जोरजिस्टार के पास लिखाने जाता है।उसको इतनी हिम्मत कहा कि रजिस्टार (लेखक) से लेकर साहब तक सरकारी लिखा पढी का ब्यौरा पूछ सकें फिर क्या फिर शुरू होता है। लेखकों और आफिस के अधिकारियों का असली खेल पहले खुद ही सरकार की चोरी करने के लिए रेट तय किया जाता है। तभी तो देखते देखते एक बैनामा लेखक आकूति सम्पत्ति का मालिक हो जाता है। और रजिस्टार बाबू का तो कहना हि क्या। क्योंकि ये सब खेल बडे़ साहब के कहने पर ही होता है चलिए अब हम आप सभी को खवर से अवगत कराते हैं। मामला तहसील बिलग्राम के रजिस्टर आफिस का है प्राप्त जानकारी के अनुसार खुशी राम पुत्र राम रतन निवासी ग्राम लक्ष्मण पुरवा पोस्ट बाबट म ऊ तहसील बिलग्राम जिला हरदोई ने दो हजार उन्नीस में क्रषि योग्य जमीन एक बीघे कच्चे अश्फाक निवासी लक्षण पुरवा की बैनामा कराई। और जिसका शुल्क रजिस्टरी आफिस के बताये अनुसार अदा कर दिया। पर रजिस्टरी आफिस में पचास हजार रिस्वत न देने के कारण बिना किसी जाच के पच्चासी हजार की स्टेम्प चोरी की नोटिस भेज दी गई तब बेचारा खरीद दार ने अपनी गुहार जिले के आला अधिकारियों के पास लगाईं पर यहाँ कोई सुनवाई नहीं हुईं। होतीं भी कैसे सभी तो बन्दर बांट के लिए बैठे है। फिर पीड़ित ने मुख्यमंत्री जी के पास शिकायत दर्ज कराई तो जाच आई जिस की जाच करने पहुचीं उपनिरीक्षक बिलग्राम बन्दना चौधरी जिन्होंने जांच करके पाया कि जमीन पर केवल खेती ही होती है। तो उन्होंने स्टम्प चोरी दिखाई पैतालीस सौ रुपये अब सबाल ये उठता है कि जब पीड़ित व्यक्ति ने बैनामा कराया था। तो फिर जमीन भी एक बीघे कच्चे ही बताई होगी फिर उस का शुल्क भी अदा किया होगा फिर ये स्टम्प चोरी पीड़ित ने कैसे की। और जो पीड़ित ने रुपये दिये तो फिर बैनामा लेखक ने सही स्टम्प क्यों नहीं खरीद कर लागाये इस की जाच क्यों नहीं हुई।।।
डीपी सिंह चौहान संपादक खोज जारी है न्यूज चैनल की खास रिपोर्ट...
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