#@खुशामद का मेरे होठों पे अफशाना नहीं आया@#
#@मुझे सच को कभी भी झूठ बतलाना नहीं आया@#...
#@कभी गिरवी नहीं रखा,हुनर अपना कभी मैंने@#
#@इसी कारण मेरी झोली में नजराना नहीं आया@#...
#@किसी अवरोध के आगे,कभी घुटने नहीं टेके@#
#@मैं वो दरिया हूं, मुझे राहों में रुकजाना नहीं आया@#...
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