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#मैं हूँ उत्तर प्रदेश:- नाम तो मेरा सुना ही होगा, देश की उत्तर दिशा में बसता हूँ मैं, मेरे पूर्व में बिहार व झारखण्ड, पश्चिम में हरियाणा और दिल्ली, उत्तर में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश तथा दक्षिण में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य हैं, देश की सबसे अधिक जनसँख्या #लगभग २५ करोड़# वाला राज्य मैं ही हूँ, यही वजह है कि यहाँ होने वाले घटनाक्रमों का सीधा असर दिल्ली तक होता है


#मैं हूँ उत्तर प्रदेश:- नाम तो मेरा सुना ही होगा, देश की उत्तर दिशा में बसता हूँ मैं, मेरे पूर्व में बिहार व झारखण्ड, पश्चिम में हरियाणा और दिल्ली, उत्तर में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश तथा दक्षिण में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य हैं, देश की सबसे अधिक जनसँख्या #लगभग २५ करोड़# वाला राज्य मैं ही हूँ, यही वजह है कि यहाँ होने वाले घटनाक्रमों का सीधा असर दिल्ली तक होता है# 

#यह मेरा सौभाग्य है कि प्रकृति ने मुझे भरपूर प्रेम और ममता प्रदान की,उत्तराखंड से निकलने वाली गंगा, यमुना, रामगंगा मेरी धरा को अपने अमृत से सींचते हुए,मैदानों को उपजाऊ बनाती हैं,घाघरा,चम्बल,बेतवा, सोन,गंडक,सरयू नदियों से सिंचित क्षेत्रों में भरपूर अन्न का उत्पादन होता है, चावल,मक्का, गेंहूं, मटर, सरसों के साथ गन्ना सबसे अधिक पैदा होने वाली फसल है ! मेरे अंदर ७५ जिले बसते हैं,जिसमें लखीमपुर सबसे बड़ा जिला है ! मेरी पुरानी पहचान “अवध” को अब तक संभाले हुए है मेरा दिल यानी लखनऊ, जो मेरी राजधानी भी है ! गंगा- जमुनी संस्कृति की धरोहर को समेटे यह शहर कला और शिल्प का नायाब उदाहरण है ! भूलभुलैया, रूमी दरवाजा, घंटाघर, इमामबाड़ा मुग़ल स्थापत्य कला के आकर्षक नमूने हैं तो ,आगरा का ताजमहल इस कला का सिरमौर , जिसने विश्व भर को सम्मोहित कर रखा है ! गंगा, यमुना और सरस्वती के मिलन का साक्षी है प्रयागराज, जहाँ स्नान करने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं और संगम में डुबकी लगा कर तृप्त हो जाते हैं ! 
यदि मैं वाराणसी का जिक्र न करूं तो बात अधूरी रह जाएगी ! सारनाथ, काशी विश्वनाथ मंदिर और प्रसिद्ध गंगा घाट लोगों को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त हैं ! और अब तो मेरे अस्तित्व को प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है ! यह सिर्फ मेरे लिए ही नहीं, अपितु पूरे देश के लिए सम्मानित कदम है ! ऐसे ही मथुरा, वृन्दावन,, दुधवा टाइगर रिज़र्व,अनगिनत स्थान हैं जिन्होंने मेरी साख बढ़ाई है,मेरे यहाँ बनने वाले पकवानों का स्वाद तो विश्व भर में लोगो की जुबान पर है ! चाहे वह लखनऊ के टुंडे के कबाब हो, मलीहाबाद के दशहरी आम, प्रयागराज की गरमागरम जलेबी- रबड़ी, बलिया का लिट्टी चोखा, मथुरा के पेड़े, आगरा का पेठा, बटोही के रसगुल्लों के साथ मेरी गुझिया, रसमलाई, कुल्फी, खीर और बनारसी पान तो लाजवाब है ! मेरे व्यंजनों ने तो सबको चटखारे लेने पर मजबूर कर दिया है !अपने यहाँ की कलाओं के बारे में मैं क्या कहूं, हर कोई इनका मुरीद है ‼️मेरे यहाँ विकसित हुई चिकनकारी ने तो पूरी दुनिया में मेरी शान बढ़ाई है ! मलमल के कपड़ों पर रंगीन धागों के महीन जाल में सभी बंध कर रह गए हैं,किसी भी नवयौवना के विवाह की तैयारी बनारस की बनारसी साड़ियों के बगैर पूरी नहीं होती है तो फिरोजाबाद की रंग बिरंगी कांच की चूड़ियां अनगिनत कलाईयों पर सजती हैं ! मुरादाबाद के पीतल के बर्तन, खुर्जा के मिटटी के बर्तन लोगों की पहली पसंद हैं तो भदोही और मिर्ज़ापुर के खूबसूरत कालीन की जादुई दुनिया से भला कौन बच सका है ! मेरे रग रग में बसी है कला‼️कत्थक, रसिया, चारकुला और ब्रज रासलीला ने जगह जगह मेरी संस्कृति का रंग बिखराया है ! उस्ताद बिस्मिल्लाह खान,बिरजू महाराज,चंदू महाराज,तीजनबाई,न जाने कितने ही कलाकारों ने विदेशों तक मेरे नाम की धूम मचाई है, मुंशी प्रेमचंद,कबीरदास,तुलसी दास, सूरदास,जय शंकर प्रसाद,महादेवी वर्मा ,मैथिली शरण गुप्त, हरिवंश राय बच्चन, भारतेंदु हरिश्चंद जैसे प्रकांड साहित्यकारों ने राज्य भाषा हिंदी को अपनी लेखनी से उन्नति के चरम शिखर तक पहुँचाया है, इंदिरा गाँधी,लाल बहादुर शास्त्री, चंद्रशेखर आज़ाद,अमिताभ बच्चन सहित बहुत सारी हस्तियों ने अपनी कुशल प्रतिभा से मेरी गरिमा में चार चाँद लगाया है,यहाँ पर पंडित मोतीलाल नेहरु,पंडित जवाहर लाल नेहरु,पुरषोत्तम दास टंडन,लाल बहादुर शास्त्री, विश्वनाथ प्रताप सिंह,चंद्रशेखर, राजीव गाँधी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे प्रतिष्ठित राजनेताओं ने देश की राजनीति में महतवपूर्ण भूमिका निभायी, यही वजह है की दिल्ली तक पहुँचने का रास्ता यहीं से होकर गुजरता है,यही मेरा परिचय है# पत्रकार अंकित राय लखनऊ उत्तर प्रदेश#

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