#हरदोई:- भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष बलवीर सिंह ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जिला गन्ना अधिकारी को दिया ज्ञापन#
#हरदोई:- भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष बलवीर सिंह ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जिला गन्ना अधिकारी को दिया ज्ञापन#
#हरदोई:- भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष बलवीर सिंह ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जिला गन्ना अधिकारी को दिया ज्ञापन#
#हरदोई : देशभर में ज्यादातर गन्ना मिलों द्वारा गन्ना किसानों का सही समय पर गन्ने का भुगतान नहीं किया जा रहा है। और लेट होने पर गन्ना मिलों द्वारा व्याज भी नहीं दिया जा रहा हैं। जिससे नाराज सैकड़ों किसानों ने भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष की अगुवाई में जिला गन्ना अधिकारी को दिया ज्ञापन#
#भारतीय किसान संघ की मुख्य मांगे#
#गन्ना मिले भुगतान की अग्रिम तैयारी करके रखें#
1- गन्ना किसानों का गन्ना तौलते ही तुरंत भुगतान करना,
2- देरी होने पर व्याज के साथ भुगतान करना,
3- रिकवरी रेट को वापस लेना,
4, गन्ना किसानों को मिलों द्वारा गन्ने की तुरंत भुगतान करना,
5- यदि किसानो के गन्ने का तुरंत भुगतान नहीं किया गया तो मैं ब्याज के साथ मिलों द्वारा किसानों को भुगतान करना-
यदि किसानो की मांगों को सरकार द्वारा समय से नहीं माना गया तो भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसान सरकार का विरोध करने पर वादे होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी#
#क्यूं की देशभर में ज्यादातर गन्ना मिलों ने गन्ना किसानों का भुगतान सही समय पर नहीं किया है। देरी होने पर ब्याज के साथ भुगतान भी नहीं कर रहे हैं अभी हाल ही में सरकार ने गन्ने के एफआरपी ₹290 प्रति कुंटल से बढ़ाकर ₹305 प्रति कुंटल की सुनते ही किसान थोड़ा खुश हुआ लेकिन रिकवरी रेट को 10:00 सौ ₹25 करने से एक हाथ से देना और दूसरे हाथ से लेना जैसा हुआ इसी रचना से किसानों को कोई फायदा नहीं होने का प्रतीत हो रहा है सरकार तो जो करती है वह करती है लेकिन गन्ना मिलों ने भुगतान में इतने गड़बड़ियों के बढ़िया कर रहे हैं कि किसान परेशान ही परेशान है अभी गन्ने की फसल खेत में ही खड़ी है नवंबर 2022 से किसिंग भी शुरू होने वाली है इस बार ना मिलो का कोई भी बहाना सुनने को किसान तैयार नहीं है इसलिए सरकार को किसान के हित आदेश जारी करना चाहिए और मिलो को आदेश सरकार द्वारा दिया जाना चाहिए कि किसानों का भुगतान किया जाए यदि देरी लोगों द्वारा की गई तो उसका मैं ब्याज किसानों को पैसा दिया जाए#
#साकर किसानों के भुगतान सही समय पर कर रहे हैं। देरी होने पर व्याज के साथ भुगतान भी नहीं कर रहे है। अभी हाल ही में सरकार ने गन्ने के एफ.आरपी 280 रु० प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 305रू0 प्रति क्विटल किये। सुनते ही किसान थोडा खुश हुआ। लेकिन रिकवरी रेट को 10.25 करने से एक हाथ से देना और दूसरे हाथ से लेना जैसा हुआ। इसी रचना से किसानों को कोई फायदा नहीं होने का प्रतीत हो रहा है#
#सरकार तो जो करती है वह करती ही है, लेकिन गन्ना मिलों ने भुगतान में इतनी गड़बड़ियां कर रहे हैं कि किसान परेशान ही परेशान है। अभी गन्ने की फसल खेत में ही खड़ी है। नवंबर 2022 से क्रीसिंग भी शुरू होने वाली है। इस बार गन्ना मिलों का कोई भी बहाना सुनने को किसान तैयार नहीं है#
खोज जारी है.24×7 न्यूज चैनल/ हिन्दी दैनिक समाचार पत्र की खास रिपोर्ट...
No comments